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चक्की वाली रामसुखी-गृहलक्ष्मी की कहानियां

चक्की वाली रामसुखी-कोयला गांव के रघुनाथ और उसकी पत्नी सरला ने उनकी इकलौती पुत्री राम सुखी की शादी मांगरोल कस्बे के एक मध्यम वर्गीय परिवार में की थी। शादी के समय रामसुखी की उम्र चौबीस वर्ष थी। उस का पित राम धन एकनिजी स्कूल में अंग्रेजी का टीचर था। जल्द ही शिक्षा विभाग में सरकारी […]

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सफाई का अल्टीमेटमः गृहलक्ष्मी की कहानियां

गृहलक्ष्मी की कहानियां: मैं रविवार को सुबह एक पत्रिका के लिए विशेष लेख हेतु मूड बनाने के लिए मसाले वाली गरमा-गरम चाय पीकर अपने स्टडी रूम के गेट को बंद कर चिंतन करने लगा ही था कि तभी गेट पर खट-खट हुई। गेट खोला तो देखा पत्नी झाडू लिये खड़ी थी। समझ नहीं आ रहा […]

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मिल गई मंजिल- गृहलक्ष्मी की कहानियां

ज्ञानपुरा कस्बे से रोडवेज बस शहर की ओर दस किमी ही चली होगी कि अचानक तकनीकी खराबी आने से ब्रेक डाउन हो गई। कंडक्टर ने सवारियों से कह दिया, कि एक घंटे बाद आने वाली बस में सवारियों को बिठा दिया जाएगा। कुछ सवारी बस में ही बैठी रही और आने वाली बस का इंतजार […]

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प्रीति की विदाई – गृहलक्ष्मी कहानियां

पिछले एक सप्ताह से चल रहा बारिश का दौर अब थम सा गया। मौसम ठंडा और सुहावना हो गया था। शहर की पहाड़ियां हरी भरी आकर्षक हो गई थीं ।