सड़क की ओर देखती हुई आराम कुर्सी पर बैठी सरला के मन में तरह-तरह के प्रश्न उठ रहे थे। मनुष्य परिवार के लिए त्याग करता है, अपना सारा सुख बच्चों के लिए तजता है। लेकन बुढ़ापे में उसके हाथ क्या लगता है? इस सवाल के साथ-साथ एक चेहरा स्मृति पटल पर उभर आया। नारी शक्ति […]
