Urinary Problem : मूत्र विकार की समस्या स्त्री-पुरुषों के साथ-साथ बच्चों को भी हो सकती है। पर झिझक के मारे वो इस समस्या को किसी से भी कहने में डरते हैं। ऐसे में निम्न घरेलू उपायों को आजमा कर आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं।
मूत्र विकार के उपाय की समस्या हो तो आप निम्न घरेलू उपायों को अपना सकते हैं-
01. बार-बार पेशाब आने पर 60 ग्राम भुने चने खाकर ऊपर से थोड़ा गुड़ खायें। दस दिन लगातार सेवन करने से बहुमूत्रता ठीक हो जायेगी। बूढ़ों को ज्यादा दिन तक यह खुराक लेनी चाहिए। पाचन-शक्ति यदि बिगड़ी हो तो भी यह प्रयोग करें।
02. बहुमूत्र में प्यास बार-बार लगती है। प्यास की तीव्रता में कमी लाने के लिये 1 गिलास पानी में शहद तथा कागजी नींबू को मिलाकर पीना चाहिए। पानी में नींबू का रस और नमक मिलाकर पीना चाहिए।
03. गुड़ एवं पिसी हुई अजवायन समान मात्रा में मिलाकर लेने से बहुमूत्र में लाभ होता है।
04. जामुन की गुठली और बहेड़े के छिलके का समान भाग चूर्ण प्रतिदिन शाम को जल से लेने से बहुमूत्र ठीक होता है।
05. बहुमूत्रता में तीन आंवलों का रस निकालकर पानी में मिलाकर सुबह-शाम पियें। एक सप्ताह में आराम होगा।
06. सवेरे-संध्या गुड़ से बना हुआ तिल का एक लड्डू खाने से बार-बार पेशाब आना बन्द होता है। आवश्यकतानुसार चार-पांच दिन खायें।
07. पेशाब बार-बार और अधिक मात्रा में आये तो 2 पके केलों का सेवन दोपहर को भोजन के पश्चात् कुछ दिनों तक करना चाहिए। यह रोग अंगूर खाने से भी दूर हो जाता है।
08. कटे तरबूज को रात में ओस में रख दें। प्रात: उसका रस निकालकर शक्कर मिलाकर पीने से पेशाब की जलन दूर होती है।
09. सोते समय पेशाब करने वाले बच्चों के मसाने कमजोर हो जाते हैं। एक छुहारा धोकर कपड़े से साफ कर 250 मि.ली. दूध में डालकर उबालें। दूध उबल जाये और छुहारा फूल जाए तो दूध को चूल्हे से उतार लें और ठंडा कर बच्चे को पिला दें। चार-पांच दिन के प्रयोग से वह ठीक हो जाएगा।
10. एक किलो पानी में 50 ग्राम प्याज के टुकड़े उबालें, उबलने पर छानकर, शहद मिलाकर नित्य तीन बार पिलाने से पेशाब खुलकर आता है। यदि पेशाब बंद हो गया हो तो वह भी आने लगता है।
11. 5 नग प्याज लेकर, उसको छीलकर चटनी की तरह पीसकर, उतना ही गेहंू का आटा डालकर हलुवा-सा बना लें और हल्का गर्म कर पेट पर इसका लेप कर लेट जायें। पेशाब आने लगेगा।
12. 2 ग्राम जीरा व 2 ग्राम मिश्री दोनों को पीसकर लेने से रुका हुआ पेशाब खुल जाता है, दिन में तीन बार लें।
13. कलमी शोरा 3 ग्राम, दूध 250 ग्राम, पानी एक किलो। सबको मिलाकर बगैर मीठे के दो बार पिलायें। पेशाब खुलकर होगा। यह हर मौसम के लिए है।
14. पेशाब किसी भी कारण से बंद हो तो 2 ग्राम अरण्ड का तेल गर्म पानी में मिलाकर पीने से पंद्रह-बीस मिनट में पेशाब खुलकर आ जाता है।
15. गुर्दों की खराबी से यदि पेशाब बनना बंद हो जाए तो मूली और मूली के पत्तों का रस 60 ग्राम की मात्रा में पीने से वह फिर से बनने लगता है। इससे पेशाब की जलन और वेदना शांत हो जाती है।
16. मक्के के भुट्टे के बाल दो तोला, एक पाव पानी में उबालिए। पानी एक छटांक रहने पर छानकर, ठंडा करके पिएं। पेशाब खुलकर होने लगेगा।
17. यदि बच्चा बिस्तर पर पेशाब करता है तो रात में 3 ग्राम शंखपुष्पी दूध के साथ देने पर लाभ मिलता है।
गुर्दे की पथरी का निदान
पथरी हो जाने पर यहां बताए गए देसी नुस्खे रोगी के लिए असरदार साबित होंगे।
01. 6 ग्राम पपीते की जड़ को पीसकर और इससे 50 ग्राम पानी मिलाकर 21 दिन तक प्रात: और सांय पीने से पथरी गल जाती है।
02. 1 ग्राम हल्दी और 2 ग्राम गुड़ गाजर की कांजी के साथ खाने से पथरी गल जाती है।
03. 20 ग्राम कुलथी को ढाई सौ ग्राम पानी में उबालें। जब चौथाई पानी रह जाए तो उतारकर छान लें और गुनगुनाकर रोगी को पिला दें। 20-25 दिन यह प्रयोग करें। पथरी गलकर निकल जाएगी।
द्य पुनर्नवामूल को दूध में उबालकर सुबह-शाम पियें।
04. अंगूर के ताजे पत्ते को आधे नींबू के रस में खरल करके मरीज को खिलाने से पथरी में फायदा होता है।
05. चन्दन के तेल की 10 बूंदों को बताशे में भरकर दिन में तीन बार खाने से पथरी रोग में राहत मिलती है।
06. फिटकरी का फूला 3 ग्राम 250 मिली छाछ (म_े) में डालकर प्रतिदिन दो बार पीने से पथरी रोग में फायदा होता है।
