Overview:दीवाली के बाद शरीर और ब्रेन को रीसेट करने के लिए एक्सपर्ट डिटॉक्स गाइड
दीवाली में अधिक मिठाई, तली‑भुनी चीजें और देर रात तक की दिनचर्या से शरीर थक जाता है। इस पोस्ट‑दीवाली डिटॉक्स गाइड में डॉ. अर्चना बत्रा के आसान और प्रभावी उपाय बताए गए हैं। पर्याप्त पानी पीना, हल्का और पौष्टिक भोजन करना, आंत और लीवर की सेहत का ख्याल रखना, हल्की फिजिकल एक्टिविटी और पर्याप्त आराम करना, शरीर को प्राकृतिक रूप से रीसेट और ताजगी देने में मदद करता है।
Post-Diwali Detox: पिछले कुछ दिन दीवाली के जश्न में पूरी तरह बीते। घर रोशनी और मिठाइयों से जगमगा रहा था, लोग दोस्तों और परिवार के साथ खुशियाँ बांट रहे थे, और खाने‑पीने में थोड़ी ज्यादा स्वतंत्रता ली गई। ऐसे उत्सवों में तली‑भुनी चीज़ें, मीठा और देर रात तक जागना आम बात है। इन सबके कारण हमारा शरीर और पाचन तंत्र थोड़े थके हुए महसूस करने लगते हैं। अब जब उत्सव के धूम‑धाम के बाद दिनचर्या वापस लौट रही है, तो शरीर को हल्की और समझदारी वाली देखभाल की जरूरत है।
पोस्ट‑दीवाली डिटॉक्स का मतलब यह नहीं कि आपको कठोर नियम अपनाने हैं या खाना पूरी तरह छोड़ देना है। असली रीसेट आसान, हल्का और संतुलित होना चाहिए। पर्याप्त पानी पीना, हल्का और पौष्टिक भोजन करना, और ब्रेन व शरीर दोनों के लिए आराम देना जरूरी है। इससे शरीर अपने आप को फिर से संतुलित कर सकता है, पाचन सुधरता है और आप हल्कापन महसूस करते हैं।
डायटीशियन और सर्टिफाइड डायबिटीज़ एजुकेटर, डॉ. अर्चना बत्रा के अनुसार, “पोस्ट‑दीवाली डिटॉक्स का मतलब कड़े नियम या जूस क्लीन नहीं है। यह शरीर को पोषण, हाइड्रेशन और समझदारी से खाने के जरिए संतुलित करने का तरीका है।” इस गाइड में हम देखेंगे कि कैसे सरल उपायों, हल्के भोजन और नियमित दिनचर्या से आप अपने शरीर को नेचुरली रिकवर कर सकते हैं और उत्सव के बाद भी स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं।
हाइड्रेशन है सबसे जरूरी

हाइड्रेशन यानी पर्याप्त पानी पीना किसी भी डिटॉक्स का सबसे जरूरी हिस्सा है। सुबह उठते ही एक गिलास गरम पानी पीना चाहिए, जिसमें नींबू, पुदीना या भीगे हुए मेथी के बीज डालें। इससे पाचन सही रहता है और पेट की सूजन कम होती है। दिनभर में सौंफ या जीरे का पानी, नारियल पानी या हल्का गर्म पानी पीते रहें। यह न सिर्फ मेटाबॉलिज़्म को बेहतर करता है, बल्कि त्योहारों में ज्यादा खाए गए नमक को शरीर से बाहर निकालने में भी मदद करता है।
हल्का और पौष्टिक भोजन करें

अपने पाचन तंत्र को धीरे‑धीरे संतुलित करने के लिए हल्का और पौष्टिक भोजन लें। स्टीम की हुई सब्जियाँ, सूप, मूंग दाल की खिचड़ी या बाजरे का उपमा जैसे व्यंजन अपनाएं, जो हल्के होने के साथ-साथ पोषण से भरपूर भी हों। डॉ. अर्चना बत्रा की सलाह है कि कुछ दिनों के लिए मैदा, तली‑भुनी चीजें और बची हुई मिठाइयाँ न खाएं, ताकि शरीर को रीसेट होने का समय मिल सके। लौकी, चुकंदर, कद्दू, पालक जैसी फाइबर‑युक्त सब्जियाँ पाचन स्वास्थ्य को फिर से सही करने में बेहद मददगार होती हैं।
अपनी गट हेल्थ को नैचुरली बूस्ट करें

अगर आपको उत्सव के बाद पेट में भारीपन या सूजन महसूस हो रही है, तो आपके आंतों को थोड़ी देखभाल की जरूरत है। दही, छाछ या फर्मेन्टेड फूड प्रोडक्टस जैसे चावल का खमीर या घर का अचार खाने में शामिल करें। डॉ. अर्चना बत्रा के अनुसार, “केला, लहसुन और ओट्स जैसी प्रीबायोटिक‑युक्त चीजें अच्छे बैक्टीरिया को पोषण देती हैं।” बैलेंस्ड गट न सिर्फ पाचन को बेहतर बनाती है, बल्कि इम्यूनिटी और मूड को भी बूस्ट करती है।
लीवर फंक्शन को सपोर्ट करें
त्योहारों के दौरान हमारा लीवर ज्यादा मेहनत करता है। इसे आराम देने के लिए लीवर‑फ्रेंडली खाने को अपनी डाइट में शामिल करें, जैसे हल्दी, आंवला, ग्रीन टी और ब्रोकली या फूलगोभी जैसी क्रूसिफ़ेरस सब्जियाँ। साइट्रस फ्रूट्स भी एंजाइम एक्टिविटी बढ़ाने और लीवर को डिटॉक्स में मदद करने के लिए बहुत अच्छे हैं।
आराम करें और शरीर को रीसेट करें
हल्का‑फुल्का व्यायाम शरीर को नेचुरली डिटॉक्स करने में मदद करता है। योग, तेज़ चलना या धीरे‑धीरे स्ट्रेचिंग करने से ब्लड सरकुलेशन और डाइजेशन सुधरता है। ब्रीदिंग एक्सरसाइज से स्ट्रेस कम होता है और ऑक्सीजन का फ़्लो बढ़ता है। डॉ. अर्चना के अनुसार, “7–8 घंटे की पर्याप्त नींद शरीर को रात में खुद को रिपेयर और रीजुवेनेट करने का मौका देती है।”
कन्सिस्टन्ट रहें और संयम बनाए रखें
क्रैश डिटॉक्स डाइट या सिर्फ लिक्विड डाइट खाने के प्लांस अक्सर ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं। असली असर लगातार और सही तरीके से अपनाने में है। साफ‑सुथरा भोजन करना, पर्याप्त पानी पीना और नियमित हल्की‑फुल्की गतिविधि करना शरीर को धीरे‑धीरे फिर से संतुलित करने में मदद करता है। कुछ ही दिनों में आप अपनी ऊर्जा में बढ़ोतरी, पाचन में हल्कापन और मेंटल क्लेरिटी महसूस करेंगे। यह हमें याद दिलाता है कि गुड हेल्थ एक लाइफस्टाइल है, वन डे शो नहीं I
