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Microdosing Workout Credit: Istock

Overview: जिम जाने का नहीं है समय, तो घर पर ही करें ये माइक्रोडोसिंग वर्कआउट

माइक्रोडोसिंग वर्कआउट व्यस्त लोगों के लिए 5-10 मिनट के छोटे सैशन का तरीका है, जो स्टैमिना, ताकत और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है।

Microdosing Workout: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जिम के लिए समय निकालना कई लोगों के लिए चुनौतीभरा हो सकता है। वहीं काम, परिवार और अन्य जिम्मेदारियों के बीच फिटनेस को प्राथमिकता देना मुश्किल हो जाता है। लेकिन क्या होगा अगर आप बिना जिम जाए, घर पर ही छोटे-छोटे वर्कआउट करके फिट हो जाएं? फिटनेस माइक्रोडोसिंग, जिसे “एक्सरसाइज स्नैक्स” के नाम से भी जाना जाता है।  एक एक्‍सरसाइज का नया तरीका है जो व्यस्त लोगों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। लेकिन सबसे पहले जानते हैं माइक्रोडोसिंग वर्कआउट क्या है और इसका लाभ कैसे लिया जा सकता है।

क्‍या है माइक्रोडोसिंग वर्कआउट

What is a microdosing workout
What is a microdosing workout

माइक्रोडोसिंग का मतलब है दिनभर में 5-10 मिनट के छोटे-छोटे व्यायाम सैशन करना। यह जरूरी नहीं कि आप एक घंटे का लंबा वर्कआउट करें। इसके बजाय, आप दिन में कई बार छोटे-छोटे फिजिकल एक्टिविटी सैशन कर सकते हैं। यह उन व्यस्त लोगों के लिए बेहतरीन सैशन है जिनके पास लंबे समय तक वर्कआउट करने का वक्त नहीं होता। चाहे आप प्रोफेशनल हों या घर संभालने वाले पेरेंट्स आप इसे आसानी से अपना सकते हैं।

माइक्रोडोसिंग वर्कआउट के फायदे

माइक्रोडोसिंग न केवल समय बचाता है, बल्कि यह स्टैमिना, ताकत और सहनशक्ति बढ़ाने में भी मदद करता है। छोटे सैशन धीरे-धीरे आपको लंबे वर्कआउट्स के लिए तैयार करते हैं। अगर आप दिन में सुस्ती महसूस करते हैं, तो 5 मिनट की एक्टिविटी जैसे बाइसिकल क्रंचेस, माउंटेन क्लाइंबर्स या प्लैंक आपके ब्लड फ्लो और दिमाग को उत्तेजित कर सकते हैं। यह लंबे समय तक बैठने के नकारात्मक प्रभाव को भी कम करता है और मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है।

घर पर माइक्रोडोसिंग कैसे करें

इसे करने के लिए आपको जिम या महंगे उपकरणों की जरूरत नहीं होती बल्कि इन आसान तरीकों से इसे रुटीन में शामिल किया जा सकता है।

सुबह की सैर: 5-10 मिनट की तेज सैर या जॉगिंग करें। यह आपके दिन की शुरुआत एनर्जी से करेगी।

कोर वर्कआउट: 5 मिनट में बाइसिकल क्रंचेस, प्लैंक और रशियन ट्विस्ट करें। ये पेट और कमर की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं।

योगा स्ट्रेच: बिस्तर पर जाने से पहले 5-10 मिनट के लिए कैट-काउ, डाउनवर्ड डॉग, कोबरा या चाइल्ड्स पोज करें। यह तनाव कम करता है।

हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT): 3 मिनट में 20 सेकंड के तीव्र स्प्रिंट या बर्पीज़ करें, फिर 10 सेकंड आराम। इसे 3-4 बार दोहराएं।

रोजमर्रा की गतिविधियां: बच्चों के साथ खेलना, सीढ़ियां चढ़ना, या घर में पोछा लगाना भी मध्यम तीव्रता की एक्टिविटी है।

माइक्रोडोसिंग वर्कआउट का वैज्ञानिक आधार

The Scientific Basis of Microdosing Workouts
The Scientific Basis of Microdosing Workouts

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वयस्कों को हफ्ते में 150 मिनट मध्यम तीव्रता (जैसे तेज चलना) या 75 मिनट तीव्र व्यायाम (जैसे दौड़ना) करना चाहिए। साथ ही, हफ्ते में दो दिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जरूरी है। 2019 के एक अध्ययन में पाया गया कि दिन में कई बार किए गए छोटे व्यायाम सैशन हार्ट, लंग्‍स, हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। कुछ मामलों में वजन कम करने में भी मदद मिली।

इंटेंसिटी का महत्व

शोध बताते हैं कि छोटे सैशन में इंटेंसिटी अधिक होनी चाहिए। जैसे 1 मिनट का फास्‍ट वर्कआउट 2 मिनट के मध्यम व्यायाम के बराबर हो सकता है। अगर आप मैराथन जैसी लंबी गतिविधियों की तैयारी कर रहे हैं, तो लंबे सैशन भी कारगर सिद्ध हो सकते हैं। मानसिक स्‍वास्थ्‍य के लिए भी 30-60 मिनट के व्यायाम से तनाव और अवसाद में कमी आती है।

इलेक्ट्रिकल मसल स्टिमुलेशन (EMS)

EMS, जो 20 मिनट में मांसपेशियों को उत्तेजित करता है, माइक्रोडोसिंग के लिए आइडियल है। यह मांसपेशियों को तेजी से सक्रिय करता है और व्यस्त लोगों के लिए समय बचाता है। लेकिन आप अपने शेड्यूल के हिसाब से कोई भी व्यायाम चुन सकते हैं।