Summary: शादी के बाद क्यों हर लड़की को सताने लगती है मायके की याद?
शादी के बाद अचानक आई ज़िम्मेदारियों, भावनात्मक दूरी और ससुराल की नई जिंदगी के कारण लड़कियां अक्सर अपने मायके को बहुत मिस करने लगती हैं। मां-पापा का प्यार, मर्जी से जीना और मन की बात कहने वाला साथ उन्हें मायके की याद दिलाता है।
Women Miss Parental Home: शादी जीवन का सबसे खूबसूरत पल होता है। शादी के बाद केवल लड़का-लड़की ही नहीं, बल्कि दो परिवार भी आपस में जुड़ते हैं और कई नए रिश्तों में बंध जाते हैं। लड़की की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने जीवन के सभी नए रिश्तों को अच्छे से निभाए और सभी को खुश रखे। ऐसे में अचानक से जिम्मेदारी आने के कारण लड़कियां अपने मायके को सबसे ज्यादा मिस करने लगती हैं, उन्हें हर छोटी-छोटी बात पर अपने मायके की याद आती है और वे इमोशनल हो जाती हैं। आइए जानते हैं कि लड़कियां शादी के बाद किन-किन कारणों से अपना मायका मिस करती हैं।
एकदम से घर की सारी जिम्मेदारी आने पर

शादी से पहले लड़कियां घर के छोटे-मोटे कामों में माँ का हाथ बटाती हैं। ऐसे में जब शादी के बाद उन्हें पूरे घर की जिम्मेदारी निभानी पड़ती हैं तो उन्हें अपने मायके की बहुत ज्यादा याद आती है।
सुबह मम्मी के जैसा कोई उठाने वाला नहीं होता

मायके में सुबह जब उनकी नींद नहीं खुलती है तो कोई भी उन्हें डाँटने वाला नहीं होता है। अगर वे सुबह देर तक भी सोते रहती हैं तो मम्मी उन्हें बहुत प्यार से जगाती है। ऐसे में जब ससुराल में उन्हें खुद से सबसे पहले उठना पड़ता है तो उन्हें मायके की बहुत याद आती है।
जब कोई नहीं पूछता कि खाना खाया या नहीं

मायके में तो लड़कियां हमेशा अपनी मर्जी का खाना बनवाती हैं, ऐसे में ससुराल में उनकी मर्जी चलना तो दूर की बात है, यहाँ तो कोई यह भी पूछने वाला नहीं होता है खाना खाया या नहीं, तब उन्हें अपने मायके की बहुत याद आती है।
माँ के हाथ का खाना याद आता है
माँ के हाथ के खाने का जवाब नहीं होता है, ऐसे में जब शादी के बाद खुद से बनाया हुआ खाना खाना पड़ता है तो हर लड़की को अपने मायके और माँ की याद आना लाजिमी है।
खुद के लिए समय नहीं मिलने पर

शादी के बाद ससुराल में सभी की पसंद का ध्यान रखने में लड़कियां इतनी ज्यादा व्यस्त हो जाती हैं कि उन्हें खुद के लिए समय ही नहीं मिलता है, तब उन्हें अपने मायके की अहमियत पता चलती है।
अपनी मर्जी की चीजें करनी की मनाही होने पर
ससुराल कितना भी अच्छा हो, लेकिन यहाँ लड़कियां अपनी मर्जी की चीजें नहीं कर सकती हैं, ऐसे में तब उन्हें लगता है कि काश अपने मायके में होती तो कितना अच्छा होता।
पापा के जैसा प्यार करने वाला कोई नहीं होता
पापा के जैसा प्यार शायद ही कोई करे, ऐसे में ससुराल में लड़कियां छोटी-छोटी चीजों में अपने पापा का प्यार मिस करती हैं और बस यही चाहती हैं कि वे जल्दी से अपने पापा से मिलें।
नहीं होता कोई अपना जिससे मन की बात शेयर कर सकें

भाई-बहन हमारे जीवन के ऐसे दोस्त हैं, जिनसे हम अपने मन की सारी बातें खुलकर शेयर कर सकते हैं और वे हमें जज भी नहीं करते हैं। ऐसे में जब ससुराल में कोई ऐसा इन्सान नहीं मिलता है तो लड़कियों को अपने मायके की बहुत याद आती है।
