Why Girls Refusing To Marry: भारतीय समाज में शादी का विशेष महत्व है। ये एक संस्कार है जिसे पूरी ईमानदारी और सिद्दत से निभाया जाता है। लड़की के जन्म से ही माता-पिता और रिश्तेदारों को उसके करियर की नहीं बल्कि शादी और दहेज की चिंता सताने लगती है। देखा जाए तो पिछले कुछ सालों में शादी को लेकर समाज और महिलाओं की सोच में काफी बदलाव आया है। आज के आधुनिक युग में महिलाएं पहले से कहीं अधिक जागरूक और आत्मनिर्भर हो चुकी हैं। शादी अब उनके जीवन का एकमात्र मकसद नहीं है। भारत में शादी से जुड़ी कई समस्याएं हैं और यही वजह है कि भारतीय लड़कियां शादी करने से इंकार कर रही हैं या शादी करती भी हैं तो अधेड़ उम्र में। आखिर शादी न करने के पीछे क्या वजह है चलिए जानते हैं इसके बारे में।
शादी से करियर पर लगाम

समय के साथ समाज में कई तरह के बदलाव हुए हैं लेकिन आज भी कई लोग महिलाओं को गृहिणी के रूप में देखना पसंद करते हैं। इस मानसिकता के कारण कुछ लड़कियां शादी से डरने लगी हैं और शादी को एक बंधनमात्र मानती हैं। वहीं नौकरी और पढ़ाई छोड़ने का विचार कई महिलाओं के लिए निराशाजनक हो सकता है। खासकर उन लड़कियों के लिए जो कम उम्र में शादी के लिए मजबूर की जाती हैं और उनके करियर पर लगाम लगा दी जाती है।
शादी के बाद नया माहौल
भारतीय शादियों में लड़कियों को दूल्हे के पूरे परिवार के साथ तालमेल बिठाना पड़ता है। इसका मतलब है एक नए माहौल में ढलना, जहां कई नियम और कायदे लागू होते हैं। कई बार ससुराल के दबाव को सहन न कर पाने के कारण महिलाएं शादी से बाहर निकल जाती हैं। नए माहौल का डर महिलाओं के शादी के निर्णय को प्रभावित कर रहा है।
शादी में धोखा
किसी अजनबी के साथ पूरी जिंदगी गुजारना किसी के लिए भी आसान नहीं होता। खासकर लड़कियां अपना घर और माता-पिता को छोड़कर ऐसे व्यक्ति के साथ रहती हैं जिसे वह सही ढंग से जानती भी नहीं है। कई लड़कियां किसी अनजान व्यक्ति से शादी करने के विचार से सहमत नहीं होंती। कई बार शादी के बाद पता चलता है कि व्यक्ति की संगत सही नहीं है, वह कम कमाता है या मारपीट करता है। ऐसे में लड़की का उसके साथ रहना चुनौतिपूर्ण हो जाता है। यही वजह है कि लड़कियां शादी में मिलने वाले धोखे से दूर रहना चाहती हैं।
शादी है बड़ी जिम्मेदारी

हमारे समाज में शादीशुदा महिला से अनेकों जिम्मेदारियां निभाने की अपेक्षा की जाती है, जो लड़कियों में डर का कारण बन सकती हैं। शादी के पहले जहां वह आजाद पक्षी की तरह उड़ सकती थी वही शादी के बाद उसे जिम्मेदारियों के पिंजरे में कैद कर लिया जाता है। न चाहते हुए भी उसे घर के काम, नौकरी, बच्चे और समाज को खुश रखने की कोशिश करनी पड़ती है। इतनी सारी जिम्मेदारियां किसी को भी शादी के विचार से डरा सकती हैं।
शादी टूटने का डर
वर्तमान में शादी का टूटना, तलाक और घरेलू हिंसा के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। शादी में आने वाली अड़चनें लड़कियों के शादी के फैसले को प्रभावित कर रही हैं। लड़कियां अपने करियर को छोड़ ऐसे रिश्ते में बंधना नहीं चाहतीं जहां उनका फ्यूचर सिक्योर न हो। शादी टूटने का डर महिलाओं को सोचने पर मजबूर कर रहा है।
