Side Effects of Baby Pacifier: पिछले कुछ सालों में पेरेंटिंग के तरीकों में काफी बदलाव आया है। जहां दोनों ही पेरेंट्स वर्किंग होने के कारण बच्चों की देखभाल के लिए फुल टाइम केयर टेकर हायर करते हैं, वहीं बच्चा बार-बार न रोए इसके लिए बच्चे के मुंह में पेसिफायर लगा देते हैं। शांत और पेसिफायर चूसता हुआ बच्चा देखने में भले ही प्यारा लग सकता है, लेकिन बच्चे को शांत रखने का ये तरीका बच्चे की हेल्थ के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ज्यादातर बच्चे भूख की वजह से रोते हैं लेकिन पेरेंट्स को डिस्टर्ब न हो या बच्चा मुंह में उंगली न डाले इसके लिए वह बच्चों के मुंह में पेसिफायर लगा देते हैं। पेसिफायर चूसना बच्चे को अच्छा लगता है लेकिन लंबे समय तक इसका इस्तेमाल करना इंफेक्शन, लत और जिद्द को बढ़ावा दे सकता है। यदि आप भी अपने बच्चे को पेसिफायर देते हैं तो सावधान हो जाइए। पेसिफायर बच्चे के लिए कितना नुकसानदायक हो सकता है चलिए जानते हैं इसके बारे में।
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देर से बोलना

लंबे समय तक पेसिफायर का इस्तेमाल करने से बच्चा देर से बोलना सीखता है। जब बच्चे के मुंह में पूरा दिन पेसिफायर लगा रहेगा तो बच्चा पेरेंट्स द्वारा सिखाए गए शब्दों को नहीं दोहरा पाएगा जिस वजह से वह शब्दों को देर से पकड़ेगा। कई बार बच्चे पेसिफायर में इतना मग्न हो जाते हैं कि वह पेरेंट्स की बात सुनते भी नहीं हैं।
इंफेक्शन का खतरा
पेसिफायर को बच्चे और पेरेंट्स की सुविधा के लिए बनाया गया था लेकिन इसका मिसयूज करना बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। बच्चों को लंबे समय तक पेसिफायर देने से उनके कान और नाक में इंफेक्शन हो सकता है। छोटी उम्र में ही बच्चे मिडल ईयर इंफेक्शन जैसी समस्याओं का सामना कर सकते हैं। साथ ही सुनने में भी कठिनाई महसूस हो सकती है।
ब्रेस्टफीडिंग में समस्या
कई बच्चों को बदलाव पसंद नहीं होता। जब बच्चा लंबे समय तक पेसिफायर चूसता है तो उसे ब्रेस्टफीडिंग करने में समस्या हो सकती है। इसका मतलब है कि बच्चा कम पोषक तत्वों का सेवन करता है जिस वजह से वह चिड़चिड़ा और कर्कश हो सकता है। बच्चे कई बार ब्रेस्टफीडिंग करने से इंकार भी कर सकते हैं। इस स्थिति में बच्चे का वजन भी नहीं बढ़ता।
नींद में समस्या

लंबे समय तक पेसिफायर का इस्तेमाल करने से बच्चे को इसकी लत पड़ जाती है। वह सोते समय भी इसे अपने मुंह में दबाकर सोते हैं। रात के समय पेसिफायर मुंह में दबाकर सोने से इंफेक्शन, सांस लेने और रोने में दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा सोते समय पेसिफायर बार-बार मुंह से गिर जाता है जिससे बच्चे की नींद डिस्टर्ब हो सकती है। जो कि नींद की समस्या का कारण बन सकता है।
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दांतों की समस्या
पेसिफायर चूसने से जबड़े पर प्रभाव पड़ता है इसलिए जब दांत आने शुरू होते हैं तो जबड़े में दर्द और सूजन की समस्या हो सकती है। इसके अलावा दूध के दांत काफी नाजुक होते हैं पेसिफायर की वजह से वह टेढ़े निकल सकते हैं या टूट सकते हैं।
