Vastu Tips: वास्तु शास्त्र हमारे घरों को सकारात्मक ऊर्जा से भरने और रहने वालों के जीवन में खुशहाली लाने का एक प्राचीन विज्ञान है। इस शास्त्र के अनुसार, हर दिशा का एक विशेष महत्व होता है और उत्तर दिशा को सबसे शुभ दिशाओं में से एक माना जाता है। इसे ईशान कोण भी कहा जाता है, जो देवी-देवताओं का वास माना जाता है। यह वही दिशा है जहां से सूर्य की किरणें सुबह सबसे पहले पड़ती हैं, इसलिए स्वाभाविक रूप से यह सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र होती है। लेकिन कभी-कभी अनजाने में हमारी आदतें इस सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में बाधा डाल सकती हैं। वास्तु शास्त्र कुछ खास चीजों को उत्तर दिशा में रखने से मना करता है, क्योंकि ये चीजें नकारात्मक ऊर्जा को जन्म देती हैं। ये चीजें नकारात्मकता को बढ़ावा देती हैं, जिसका घर के वातावरण, रहने वालों के स्वास्थ्य और यहां तक कि उनके व्यापार पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
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इसलिए, वास्तु का सुझाव है कि उत्तर दिशा को हमेशा साफ-सुथरा, खुला और प्रकाशमय रखा जाए। यहां आप भगवान की मूर्तियों, शंख, दीपक, धार्मिक ग्रंथों जैसी सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने वाली चीजें रख सकते हैं। यह दिशा हल्के फर्नीचर, जैसे दीवान या छोटी मेज के लिए उपयुक्त मानी जाती है। याद रखें, उत्तर दिशा में सकारात्मकता बनाए रखने के लिए नियमित रूप से सफाई करना और पर्याप्त प्राकृतिक प्रकाश आने देना बहुत जरूरी है। वास्तु शास्त्र सिर्फ कुछ दिशानिर्देश मात्र है, लेकिन ये दिशानिर्देश आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाकर निश्चित रूप से आपके जीवन में खुशहाली ला सकते हैं। सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास के साथ वास्तु शास्त्र के इन सरल सुझावों को अपनाकर आप अपने घर को सुख-समृद्धि का स्थान बना सकते हैं।
भारी अलमारी, सोफा या बेड रखने से बचें
घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने वाले वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर दिशा को खास महत्व दिया जाता है। इसे ईशान कोण भी कहा जाता है, जो देवी-देवताओं का वास माना जाता है। यह ज्ञान, आध्यात्मिकता और सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र होता है। लेकिन यहाँ भारी अलमारी, सोफा या बेड रखने से बचें। ऐसा क्यों? ये फर्नीचर ऊर्जा के प्रवाह को रोकते हैं, नकारात्मकता को बढ़ावा देते हैं, और मन में अशांति पैदा कर सकते हैं।
कूड़ा-कचरा, लोहा या जंग लगा सामान रखने से बचें
वास्तु में, उत्तर दिशा को देवी-देवताओं का वास माना जाता है। यह सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र है, लेकिन गंदगी का नहीं। कूड़ा-कचरा, लोहा या जंग लगा सामान यहां वर्जित है। ये नकारात्मक ऊर्जा को जन्म देते हैं, जिससे धन हानि और स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। उत्तर दिशा को साफ रखें, यही सकारात्मकता लाने का राज।
इलेक्ट्रॉनिक चीजें रखने से बचें
वास्तु में, उत्तर दिशा को शुभ माना जाता है, लेकिन टीवी, कंप्यूटर जैसी इलेक्ट्रॉनिक चीजें यहां वर्जित हैं। इनसे निकलने वाली किरणें स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती हैं। साथ ही, इनका नेगेटिव एनर्जी पैदा करना मन में अशांति ला सकता है। ध्यान और शांति के लिए जानी जाने वाली उत्तर दिशा में ये यंत्र एकाग्रता भंग भी कर सकते हैं।
काली चीजें रखने से बचें
वास्तु में उत्तर दिशा को शुभ माना जाता है, लेकिन काली चीजें यहां वर्जित हैं। काला रंग नकारात्मकता लाता है, उदासी बढ़ाता है। साथ ही, यह प्राकृतिक प्रकाश को रोकता है, जिससे घर में अंधेरा और निराशा का माहौल बन सकता है। इसकी जगह हल्के रंगों और प्राकृतिक चीजों से इस दिशा को सजाएं।
उत्तर दिशा को कैसे सकारात्मकता का निवास बना सकते हैं
हल्के रंगों का जादू: हल्के रंग, जैसे सफेद, पीला और नीला, सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं। ये रंग घर में खुलेपन और सकारात्मकता का भाव जगाते हैं। आप दीवारों को हल्का रंग कर सकते हैं या हल्के रंग के पर्दे लगा सकते हैं।
प्रकृति का स्पर्श: उत्तर दिशा में प्राकृतिक तत्वों को शामिल करना वास्तु के अनुसार बहुत शुभ माना जाता है। आप यहां हरे-भरे पौधे लगा सकते हैं, जो न सिर्फ सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं बल्कि वातावरण को भी शुद्ध करते हैं।
धर्म और आध्यात्मिकता का समावेश: उत्तर दिशा को आध्यात्मिकता से जोड़ना शुभ होता है। आप भगवान की मूर्तियों, धार्मिक चित्रों या मंत्रों को इस दिशा में रख सकते हैं।
मछलीघर का सौभाग्य: वास्तु शास्त्र में मछलीघर को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। आप उत्तर दिशा में एक खूबसूरत मछलीघर रख सकते हैं। मछलियों की चंचल गतिशीलता घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
ध्यान की शांति: उत्तर दिशा शांत और ध्यान के लिए एक आदर्श स्थान मानी जाती है। आप इस दिशा में योगा मैट बिछाकर या एक छोटी सी मूर्ति रखकर ध्यान या पूजा करने के लिए एक शांत कोना बना सकते हैं।
