आपको इसका सामना करना ही होगा। वे तकरीबन 15 घंटे जो ‘प्रसव’ कहलाते कि आपको पार्क में सैर करने जैसे नहीं हैं। प्रसव और डिलीवरी अपने-आप में कड़ी मेहनत का काम है। बच्चे के जन्म के समय आपके गर्भाशय में बार-बार संकुचन होता है ताकि आपके सर्विक्स (गर्भाशय के मुख) व योनि मार्ग से शिशु बाहर आ सके।जी हाँ, यह वही वैजाइना है जिसे आप एक टैंपून के लिए भी छोटा समझती थीं। एक बात और भी है कि इस दर्द का एक सकारात्मक पहलू होता है। यह आपके शिशु को आपकी बाँहों तक पहुँचाता है।
यदि आपका ऑपरेशन नहीं हो रहा और आपने लेबर पेन झेलना है तो इसे घटाने की भी कई तकनीकें हो सकती हैं। आप मेडिसिन या नॉनमेडीसिनल, किसी भी तरीके से दर्द घटाने का उपाय खोज सकती हैं या फिर इन दोनों का मेल भी चुना जा सकता है। आप बिना किसी दवा के प्रसव करवा सकती हैं या फिर एक्यूपंचर, एक्यूप्रेशर या सम्मोहन जैसी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति भी चुन सकती हैं या आप किसी दर्द निवारक दवा की मदद से शिशु को जन्म दे सकती हैं इस तरह आपको कोई दर्द महसूस नहीं होगा और आप पूरी प्रक्रिया में जागती रहेंगी।
आप कौन सा विकल्प अपनाना चाहेंगी?आपको इन सबकी जानकारी लेनी होगी। इसके बारे में अपने डॉक्टर की सलाह लें। ‘प्रसव’ की प्रक्रिया से गुजरी सहेलियों से पूछें। फिर इसके बाद सोचें कि आपके लिए सही विकल्प क्या हो सकता है। क्या आप एक ही तकनीक अपनाना चाहेंगी या फिर कई तकनीकों का मेल सूट करेगा। इन सबके अलावा शरीर की लोच बनाए रखना न भूलें। इसकी तो वहाँ सबसे ज्यादा जरूरत होगी। यदि डॉक्टर की ओर से आपको सामान्य प्रसव के संकेत मिले हैं तब तो आप अपनी मर्जी से कोई भी विकल्प चुन सकती हैं।
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