Immunity Booster Spices: भारतीय पाक कला में इस्तेमाल हो रहे मसालों के गुणों और उनसे मिलने वाले लाभों को देखते हुए यूरोपियन देशों में आज बहुत से व्यापारी उनकी खोज में लगे हुए हैं। पोषण विशेषज्ञों का कहना है कि ये मसाले हमारे शरीर में स्वास्थ्यवर्धक, एंटी-बैक्टीरियल, जीवाणुरोधी, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-फंगल, एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-डायबिटिक गतिविधि को बढ़ाते हैं।
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आयुर्वेदिक विचार के अनुसार, भोजन में ये मसाले केवल ऊर्जा का स्रोत नहीं है, बल्कि शरीर को आंतरिक रूप से ठीक करने के लिए खनिजों और सूक्ष्म पोषक तत्वों को भी उपलब्ध कराते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार मसाला खाने में स्वाद ही नहीं बढ़ाता, बल्कि यह एंटीऑक्सीडेंट्स मिनरल माइक्रो न्यूट्रिएंट्स के पावर हाउस के जैसे भी काम करते हैं।
आइए जानते हैं प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले उन 9 मसालों के बारे में जो अपने आहार में शामिल करने चाहिए-
1) हरी मिर्च

हमारे शरीर के चयापचय को बढ़ावा देने के लिए हरी मिर्च को शीर्ष मसाले के रूप में जाना जाता है। वास्तव में, शोध कहते हैं कि हरी मिर्च खाने के तीन घंटे तक चयापचय को 50 प्रतिशत तक तेज कर सकती है। हरी मिर्च में मौजूद कैप्सेसिन में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-एजिंग गुण होते हैं, जो त्वचा के स्वास्थ्य और चमक को बनाए रखने में मदद करते हैं। दिलचस्प रूप से पर्याप्त, कैप्सेसिन, हालांकि स्वाद तीखा और तासीर में गर्म है, जो शरीर के निचले तापमान को कम करने में मदद कर सकता है। विटामिन सी से भरपूर, हरी मिर्च का नियमित सेवन बार-बार होने वाली सर्दी और साइनसाइटिस से बचाता है। हरी मिर्च को कच्चा रखना सबसे अच्छा है, क्योंकि इसे पकाने पर इसकी कुछ शक्ति खो जाती है। लेकिन एक्सपर्ट के अनुसार मिर्च कच्ची न खा पाने की स्थिति में इनको पकाना बेहतर है।
2) काली मिर्च
काली मिर्च सिर्फ एक टेबल स्पाइस ही नहीं बहुत लाभदायक इम्यूनिटी बूस्टर है। यह न केवल एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है। इसमें एंटी एनल्जेसिक, एंटीबायोटिक, व एंटीवायरल गुण भी शामिल हैं। तभी इसको इम्यूनिटी का पावर हाउस कहते हैं। दक्षिण भारत में, लोगों के लिए चुटकी भर काली मिर्च के साथ एक कप ब्लैक कॉफी से दिन की शुरुआत करना आम बात है। शोध बताते हैं कि यह प्रोटीन के टूटने में मदद करके पाचन में सुधार करता है। यह बैक्टीरिया के विकास के खिलाफ आंतों की भी रक्षा करता है।
3) दालचीनी
दालचीनी एशिया में उगाई जाने वाले एक सदाबहार पेड़ सिनामोसम की उष्णकटिबंधीय प्रजातियों की सूखी छाल से आती है। प्री डायबिटीज के जोखिम कारकों को कम करने में इसका सक्रीय तत्व , दालचीनी , विशेष रूप से प्रभावी है , क्योंकि यह भोजन के बाद रक्त शर्करा में वृद्धि को रोकता है।दालचीनी आपके शरीर की इन्सुलिन के प्रति संवेदनशीलता में करती है और इन्सुलिन प्रतिरोधक गुणों के कारण पिसिओएस के उपचार के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है। इसकी तासीर और रिलैक्सिंग प्रॉपर्टी के कारण , एक कप गर्म चाय , दालचीनी डालकर पीने से , सर्दी के दिनों में काफी राहत देता है। आप इसका काढ़ा पी सकते हैं या अपनी नियमित चाय और काफी में दालचीनी पाउडर मिला सकते हैं। यह उन लोगों के लिए एक प्यारा विकल्प है, जो पानी चयह और काफी में चीनी कंट्रोल करना चाहते हैं। आप इसको दलीय या सलाद पर भी छिड़क कर सेवन कर सकते हैं।
4) हल्दी
कड़वी, पीली हल्दी की जड़ में करक्यूमिन होता है, जो इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीवायरल और एंटीमाइक्रोबियल लाभों के लिए जाना जाता है। इसके साथ हर रोज खाना बनाना भी अपेक्षाकृत आसान है। ताजा जड़ को भी कसा जा सकता है और एक चाय बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे मक्खन सूप और दाल में भी ले सकते हैं। चूंकि हल्दी को वसा के साथ जोड़ा जाता है, इसलिए इसे दूध में इस्तेमाल किया जा सकता है। वास्तव में हल्दी दूध सामान्य सर्दी और मौसमी फ्लू को दूर करने के लिए जादुई अमृत माना जाता है। लेकिन जैविक हल्दी का उपयोग करें और मात्राओं के बारे में सावधान रहें।
5) अदरक
अदरक हर भारतीय रसोई में सर्वव्यापी है और अधिकांश भारतीय आहारों का एक स्टेपल है। अदरक का उपयोग करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है, इसके स्लाइस को ताजी स्मूदी में मिला देना ताकि उनके लाभों को लिया जा सके। अदरक के पौधे की तीखी जड़ सूजन को कम करती है और इसके रोगाणुरोधी गुण प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देते हैं। अदरक, मतली और सिकनेस को शांत करने के लिए एक बहुत ही उपयोगी तरीका है।
6) अजवाइन
भारतीय मसालों में अजवाइन का नाम बहुत प्रचलित है, इसे बहुत सी चीजों में डाला जाता है। अजवाइन की बहुत तेज खुशबू होती है, जो खाने को बहुत अच्छा स्वाद देती है। इसके बहुत से हेल्थ बेनेफिट्स भी हैं। इसे घर पर रोजमर्रा की दवाई भी माना जाता है। पेट दर्द से तुरंत आराम के लिए अजवाइन सबसे अच्छा होता है। अजवाइन के फूल, बीज, उसका तेल सभी को अंग्रेजी दवाई के लिए उपयोग किया जाता है। अजवाइन के फूल में इतनी तेज खुशबू होती है कि उसे सूंघने भर से आपका सिर दर्द ठीक हो जाएगा। एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों और म्यूकोसल डिस्चार्ज को बढ़ाने की क्षमता के कारण, अजवाइन एक बहुत अच्छा इम्यूनिटी बूस्टर है और ठंड का मुकाबला करने में मदद करता है। यह स्वाद और कं्रच दोनों देती है। अजवाइन को चबाएं और उसके साथ थोड़ा गर्म पानी मिलाएं या उसके पाउडर को छाछ के साथ मिलाएं। गैस्ट्रिक समस्या कम होती है और एक चुटकी सेंधा नमक और गर्म पानी के साथ लेने से तो तुरंत अपच की समस्या भी दूर हो सकती है।
7) जायफल
जायफल एक एनाल्जेसिक है, जिसका अर्थ है कि इसमें दर्द को कम करने वाले गुण हैं, खासकर फ्लू के दौरान यह श्वसन संबंधी बीमारी में भी आरामदायक है और बच्चों के लिए सुरक्षित है। ओट्स, स्मूदी, यहां तक कि दूध के एक गर्म कप जैसे नाश्ते की चीजों में डाल कर भी लाभ मिलता है।
8) मुलैठी
भारत में मुलैठी को बहुत अच्छी इम्युनिटी बूस्टर के रूप में जाना जाता है, यह प्रतिरक्षा बढ़ाने वाली जड़ है , जो शरीर में सूजन को कम कर सकती है। मुलैठी पाने रोगानुरोधी , एंटीऑक्सिडेंट लाभों के लिए प्रतिष्ठित है। अपने प्रतिरक्षात्मक विशेषताओं के कारण इसका उपयोग श्वसन समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। पाने और मुलैठी का एक मजबूत संकेन्द्रण कफ उत्पादन को रोक ब्रोंकियल ट्रैक इन्फेक्शन को दूर कर सकता है।
9) लौंग
लौंग (लौंग के रूप में जाना जाता है) दांत दर्द के लिए एक सामान्य मारक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मसाले में और क्या है? लौंग में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव क्षति को रोकने में प्रतिरक्षा प्रणाली की सहायता करते हैं। अपनी चाय में इसकी कुछ मात्रा मिलाकर पिएं या करी और मीट को इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीवायरल गुणों का लाभ उठाने के लिए तड़का लगाएं। सर्दी और खांसी के लिए यह एक प्रभावी उपाय है। यह गले की सूजन को कम करता है और बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है। ज्यादा खांसी आने पर मुंह में इसको रखने से लाभ मिलता है।
10) लहसुन
यह तीखी कली, अधिकांश रसोई घरों में मिलती है और प्याज परिवार का एक सदस्य भी है। सबसे पुरानी बागवानी फसलों में से एक है। यह मध्य एशिया में तुर्कमेनिस्तान और उज़्बेकिस्तान देशों में बहुतायत मिलता है। हालांकि, इसका उपयोग हजारों साल पहले प्राचीन मिस्र और भारतीय संस्कृतियों में भी किया जाता था। यह अपने स्वाद और बहुत से स्वास्थ्य लाभों के लिए प्रसिद्ध है। इसमें एलिसिन नामक एक यौगिक होता है। यह शक्तिशाली एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों से भरपूर है। अध्ययनों से संकेत मिलता है कि लहसुन भी सर्दी और सीने में संक्रमण को रोकने में मदद कर सकता है, खासकर जब इसे कच्चा खाया जाता है।
11) बड़ी इलायची
बड़ी इलायची में कुछ खास किस्म के पोषक तत्व, फाइबर और तेल होता है। ये कई तरह की बीमारियों को दूर करने में कारगर है। नियमित रूप से बड़ी इलायची का सेवन करने से स्वास्थ्य बेहतर बनता है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, विटामिन सी और पोटैशियम के सभी गुण मौजूद होते हैं। इसके लाभदायक तत्व शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकालने में मददगार होते हैं। साथ ही ब्लड-सर्कुलेशन को भी बेहतर बनाने का काम करते हैं। बड़ी इलायची सांस लेने संबंधी बीमारियों को दूर रखने में मददगार होती है। अगर आपको अस्थमा, फेफड़े में संकुचन जैसी कोई समस्या है तो बड़ी इलायची का सेवन करना आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा। सर्दी-खांसी में भी इसका इस्तेमाल करना अच्छा रहेगा।
12) जीरा
भारतीय खाने में जीरे का प्रयोग खूब किया जाता है। इसका स्वाद और सुगंध बेहतरीन जायका देता है। वैसे कम ही लोग जानते हैं कि जीरा खाने के बहुत सारे फायदे हैं। आयुर्वेद में जीरे के महत्त्व का खूब बखान किया गया है। जीरा एक बेहतरीन एंटी-ऑक्सिडेंट है और साथ ही यह सूजन को कम करने और मांसपेशियों को आराम पहुचांने में कारगर है। इसमें फाइबर भी पाया जाता है और यह आयरन, कॉपर, कैल्शियम, पोटैशियम, मैगनीज, जिंक व मैगनीशियम जैसे मिनरल्स का अच्छा स्रोत भी है। इसमें विटामिन ई, ए, सी और बी-कॉम्प्लैक्स जैसे विटामिन भी खासी मात्रा में पाए जाते हैं।
सूप, सब्जी, दाल, रायता, सलाद, जूस आदि में प्रयोग होने वाले जीरे से आपको क्या-क्या फायदे मिलते हैं। पेट और पाचन क्रिया के लिए जीरा बहुत अच्छा होता है। पेट दर्द, अपच, डायरिया, मॉॄनग सिकनेस में इसका सेवन जरूर करना चाहिए। एक गिलास पानी में एक छोटा चम्मच भुने जीरे का पाउडर मिलाकर पिएं। छाछ में भुना जीरा और काली मिर्च डालकर पीने से पेट संबंधी कई समस्याएं नहीं होतीं। छोटी आंत में गैस हो जाने से पेट दर्द होने पर एक गिलास पानी में एक चुटकी भुना जीरा पाउडर, थोड़ी अदरक, सेंधा नमक और आधी छोटी चम्मच सौंफ डालकर उबाल लें। छानकर ठंडा होने पर पिएं। यह अर्क, पीरियड्स में होने वाले दर्द और कब्ज जैसी तकलीफ में आराम देता है।
