अंदर की बात
शो का नाम ‘मैड इन इंडिया रखने के पीछे क्या मकसद है?
इस शो का नाम ‘मैड इन इंडिया रखने के पीछे हमारी एक ही थ्योरी है कि लोगों को हंसा-हंसा कर पागल बनाना। हर व्यक्ति को हर दिन कितनी ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इस शो के जरिए लोगों को हंसाकर उनकी परेशानियों को थोड़ी ही देर के लिये ही सही लेकिन उन्हें भुलवा देना चाहते हैं।

लड़का होकर लड़की का किरदार निभाना कितना मुश्किल है? बहुत ज्यादा मुश्किल है, सही में लड़कियों को हर दिन कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जब से मैंने लड़की का किरदार निभाना शुरू किया है मेरे मन में औरतों के प्रति सम्मान और भी अधिक बढ़ गया है। लेकिन लड़का होकर लड़की बनने पर एक फायदा यह मिलता है कि जो लड़कियां जो बात कभी सबके सामने नहीं बोल पाती हैं या जिनको बोलना उनकी डिगनिटी के खिलाफ होता है वो बातें मैं एक लड़का लड़की का किरदार निभाते समय आसानी से बोल जाता हूं।
आपके फैन्स कौन ज्यादा हैं बूढे, बच्चे, महिलाएं या पुरूष?
मुझे बड़ी खुशी है कि मेरे फैन किसी एक वर्ग या उम्र के नहीं हैं बच्चे, बूढ़े, जवान, महिला-पुरूष सभी मेरे फैन्स हैं। बच्चे भी मेरे किरदार की नक्ल करते हैं और महिलाएं भी मेरे द्वारा बोले जाने वाले जुम्लों को दोहराती हैं और पुरूष फैंस तो मुझसे कभी-कभी ऐसा व्यवहार करते हैं कि जैसे में सच में लड़की हूं और मुझे सुनील ना बुलाकर चुटकी बुलाते हैं। तब मुझे कई बार उन्हें
बताना होता है कि यार मैं अंदर से लड़का हूं।
कपिल का शो लोगों के बीच इतना लोकप्रिय है क्या आपको डर नहीं लगा कि आपके शो की तुलना कपिल के शो से होगी?
देखिये तुलना तो हर कलाकर की खुद उसके काम के साथ भी होती है, कलाकार की पिछली फिल्मों, धारावाहिकों या किसी भी शो में निभाये किरदार के साथ भी होती है, दूसरे के शो साथ तुलना कोई नई बात नहीं है। और डर किस बात का, यदि हम तुलना से डर जायेंगे तो आगे कुछ काम ही नहीं कर
पायेंगे।
क्या कभी आपके परिवार वालों को कोई आपत्ति नहीं हुई आपके द्वारा एक लड़की का किरदार निभाने पर?
मेरी फैमली के लोग सेल्फ ओबसेस्ड हैं, वो खुद में मस्त रहने वाले हैं, उनको पता है कि सुनील उनका बेटा है और बस लड़की का किरदार मात्र निभा रहा है, मेरी मां तो स्टार हो गई है, हर कोई उन्हें देखकर खुश होता है कि यह चुटकी की मां हैं अब तो पड़ोसी, रिश्तेदार सभी घर पर आते या फोन करते हैं तो बोलते हैं कि सुनील घर आये तो हमें बुलाना जरूर, हमें उसके साथ फोटो
खिचवानी हैं। आपने गुत्थी या चुटकी का किरदार कैसे गढ़ा? मैं शुरू से ही लोगों को ऑब्जर्व बहुत करता था, पंजाब में जहां का मैं रहने वाला हूं, वहां पुराने समय में बहुत सी लड़कियां या औरतें चुटकी टाइप भी थी, जिन्हें रोज-रोज देखते हुए उनकी कुछ हरकतें और बातें मेरे दिमाग में बसी हुई थी बस उन्हीं बातों या कहें खासयितों को चुटकी के किरदार में उतारा है। चुटकी के
किरदार की यूएसपी क्या है?
चुटकी के किरदार की बस एक ही यूएसपी है लोगों के चेहरे पर स्माईल लाना।
आप फिल्मों में भी कॉमेडी कर रहे हैं? मैं कुछ फिल्मों में काम कर रहा हूं उनमें मेरा किरदार बिलकुल अलग है लेकिन अभी मैं उनके बारे में ज्यादा
बात नहीं कर सकता हूं।
सुनील ग्रोवर
