PM Modi Garba Song: नवरात्री शुरू होते ही गरबे की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। इस बार देशभर में गरबा कुछ खास होने वाले हैं। पूरा देश गरबे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की धुन पर झूमने को तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीति के शुरूआती दिनों में कविताएं लिखते थे। उन्होंने गरबा गीत की धुन लिखी है। जिसे ध्वनि भानुशाली ने अपनी आवाज दी है। तनिष्क बागची ने इस गाने का कम्पोजीशन दिया है । जैकी भगनानी ने इस ‘माडी’ अल्बम को बनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया पर इस गाने को साझा किया है।
गरबे की धुन पर झूमा देश का कोना कोना
नवरात्री देश के उन उत्सवों में से एक है जिसकी लहर देश के हर कोने में देखने को मिलती है। मां शक्ति के स्वागत के साथ देशभर में गरबे के साथ उनके आने का उत्सव मनाया जाता है। इस बार इस उत्सव में प्रधनमंत्री सभी देशवासियों के साथ हर जगह शामिल होंगे। जी हां भले ही वे खुद सभी जगह खुद नहीं होंगे लेंकिन उनके लिखे गाने की धुन के रूप में वे सभी देशवासियों के साथ मौजूद होंगे। नरेंद्र मोदी एक नेता के रूप में तो लोंगों के दिलों में बसते ही हैं। अब इनका ये रूप भी उनके चाहने वालों को पसंद आ रहा है। ध्वनि भनुशाली के ‘माडी’ अल्बम में प्रधानमंत्री के द्वारा लिखी धुन के जरिए देश की संस्कृति को बखूबी फिल्माया गया है। इस खूबसूरत अल्बम की जानकारी प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर जैसे ही साझा की लोगों ने उन्हें बधाई देने के साथ तरीफ की। उन्होंने सोशल मीडिया पर मीत ब्रदर्स और दिव्या कुमार को उनकी धुन पर अल्बम बनाने के लिए धन्यवाद देते हुए लिखा ‘नवरात्री का पावन पर्व शुरू होने वाला है। मैं मेरी लिखे गरबा गीत को साझा करते हुए खुशी महसूस कर रहा हूं। ये त्योहारों की धुन सबको खुशियां दे।’
अक्षय कुमार ने कहा अब हम कहां जाएं
प्रधानमंत्री के इस पोस्ट पर बॉलीवुड से भ्र प्रतिक्रिया देने वालों की कमी नहीं है। अक्षय कुमार ने नरेंद्र मोदी के इस पोस्ट पर नवरात्री की बधाई देते हुए लिखा अद्भुत है ये सर, अब आप हमारे प्रोफेशन में भी आ गए हैं तो हम लोग कहां जाएं। अक्षय कुमार और नरेंद्र मोदी के बीच अलग बॉन्ड देखने को मिलता है।
‘आंख आ धन्य छे’ है उनकी कविताओं का पहला संकलन
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी अर्से पहले से अपने मन की भावनाओं को कलम के जरिए जाहिर करते रहे हैं। उन्होंने गुजराती में कई कविताएं लिखी हैं। जिनका सबसे पहला संकलन 2007 में ‘आंख आ धन्य छे’ प्रकाशित हुआ था। इस संकलन में उनकी लगभग 67 कविताओं का संग्रह शामिल था। उनके लिखने की कला का आज एक नया रूप गरबा गीत के रूप में सामने आया है।

