Pitra Dosh Upay : सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र का महत्वपूर्ण स्थान है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अशुभ ग्रहों की युति से कई दोष लगाते हैं। जिनमें से एक पितृ दोष है। ऐसा कहा जाता है कि अगर कुंडली में पितृ दोष हो तो इंसान को जीवन में कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव को 9 ग्रहों में राजा कहा जाता है। कुंडली में सूर्य की स्थिति में पैतृक संबंध का पता चलता हैं। शनि देव सूर्य के पुत्र हैं जिनका स्वभाव सूर्य से विपरीत रहता है। पूर्वजों की नाराजगी के चलते पितृ दोष का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिष शास्त्र में पितृदोष को दूर करने के लिए कुछ मंत्र बताए गए हैं जिनका जाप करने से पितृ दोष दूर हो जाते हैं। लेकिन यह जरूरी है कि आप इन मंत्रों का जाप एक पंडित या गुरु के मार्गदर्शन में ही करें ताकि सही तरीके से जाप किया जा सके और किसी भी प्रकार की गलतियों से बचा जा सके। तो चलिए जानते हैं कि कौन-कौन से मंत्रों का उच्चारण करने से आपके पितृ प्रसन्न हो सकते हैं और आपकों पितृ दोष से छुटकारा मिल सकता है।
पितृ दोष का प्रभाव
सनातन धर्म में ऐसा कहा जाता है कि जब आपके पितृ आपसे नाराज होते हैं तो आपकों कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पितृ दोष के कारण अक्सर लोगों को धन की कमी का सामना करना पड़ता है। कई लोगों को विवाह में देरी का सामना करना पड़ सकता है। जिन लोगों की शादी हो चुकी है उनके वैवाहिक जीवन में बार-बार गलतफहमी या फिर लड़ाई झगड़े हो सकते हैं। इसके अलावा संतान प्राप्ति में देरी भी पितृ दोष के ही दुष्प्रभावों के कारण हो सकती है।
जानें, पितृ दोष दूर करने के मंत्र
ॐ श्री सर्व पितृ देवताभ्यो नमो नमः
ॐ प्रथम पितृ नारायणाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
जानें, मंत्रों के फायदे
इन मंत्रों का जाप करने से आपके पितृ प्रसन्न होते हैं। साथ ही साथ उनकी अधूरी इच्छाएं भी पूरी होती है और उनकी आत्मा को शांति मिलती रहती है। इन मंत्रों का जाप करने से आपकों व आपके परिवार को पितृ दोष से छुटकारा मिलता है। अगर इन मंत्रों का जाप पूरे विधि विधान के साथ किया जाए तो इससे पितरों को मुक्ति मिलती है साथ ही साथ उनका आशीर्वाद मिलता है।
जाप करते समय इन बातों का रखें ध्यान
- ऊपर बताए गए मंत्रों का जाप 108 बार करना शुभ माना गया है। लेकिन अगर आप किसी कारण से 108 बार मंत्रों का जाप नहीं कर पाए, तो नियमित रूप से 11 बार भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं इससे भी लाभ मिलता है।
- पूरे तन-मन, श्रद्धा भाव से अपने पूर्वजों से जुड़ने की और उनकी शांति की इच्छा के लिए इन मंत्रों का जाप करें।
- मंत्र का जाप करते समय इस बात का ध्यान रखें कि किसी भी शब्द का गलत उच्चारण न हो।
ऊपर दिए गए मंत्रों का जाप करने से पितृ दोष कम हो सकता है। लेकिन फिर भी इस बात का ध्यान रखें कि आप इसे पूरे श्रद्धा और समर्पण के साथ करें और इसे किसी पंडित या गुरु के सुझाव के अनुसार ही करें। साथ ही साथ पितृदोष के निवारण के लिए यज्ञ और दान करना भी मददगार हो सकता है।
