गर्मियों में पौधों में कोकोपीट का कैसे करें इस्तेमाल: Cocopeat in Summer
Cocopeat in Summer

पौधों में कोकोपीट खाद इस्तेमाल करने के फायदे

कोकोपीट खाद पौधों के लिए बेहद फायदेमंद होती है। हालांकि इसका इस्तेमाल सही तरीके से करना चाहिए। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप कोकोपीट खाद का इस्तेमाल कैसे करें।

Cocopeat in Summer: गर्मी में पौधों के लिए देखभाल और उनमें खाद पानी का इंतजाम अच्छे तरीके से करने की काफी जरुरत होती है क्योंकि इस मौसम में ना सिर्फ इंसान को बल्कि पेड़-पौधों को भी काफी केयर की जरुरत होती है। इसके लिए कई तरह की खाद का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे पौधों की ग्रोथ अच्छे से हो, लेकिन केमिकल युक्त खाद डालने से पौधों को काफी नुकसान होता है। अगर आप पौधो की ग्रोथ चाहते हैं, तो इसके लिए कोकोपीट खाद पौधों के लिए बेहद फायदेमंद होती है। हालांकि इसका इस्तेमाल सही तरीके से करना चाहिए। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप कोकोपीट खाद का इस्तेमाल कैसे करें।

क्या होता है कोकोपीट?

Cocopeat in Summer
Cocopeat

नारियल छिलते समय उसके रेशों से जो धूल झड़ती है, उसे ही कोकोपीट कहा जाता है। कोकोपीट में पानी को सोखने की क्षमता काफी अधिक होती है। यह काफी हल्का होता है और अच्छा ड्रेनेज और हवा का प्रवाह बनाए रखने के कारण पौधों की जड़ों को फैलने में मदद करता है। इन्हीं खासियतों की वजह से गार्डनिंग में कोको पीट का इस्तेमाल बीज से सीडलिंग तैयार करने में होता है।कोकोपीट में पौधे की ग्रोथ के लिए कुछ अन्य पोषक तत्व भी मिक्स किए जाते हैं। इसे आप बीज भंडार या फिर ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।

पौधों में कोकोपीट खाद इस्तेमाल करने के फायदे

किचन गार्डन में कोकोपीट खाद इस्तेमाल करने के एक नहीं बल्कि कई सारे फायदे होते हैं।

कोकोपीट को पौधे में डालने से मिट्टी में नमी बनी रहती है। इससे बीज या पौधे में फंगल रोग नहीं लगते हैं और बीज तेजी से ग्रोथ करता है।

कोकोपीट को मिट्टी में डालने से जंगली घास अधिक नहीं उगते हैं।

अधिक पानी सोखने की क्षमता के कारण पौधे की मिट्टी में नमी बनी रहती है और ग्रोथ भी अच्छी होती है। 

कोकोपीट डालने से पौधे की जड़ भी मजबूत होती है।

कोकोपीट और मिट्टी तैयार करने का तरीका

आपको बता दें कि कोकोपीट ब्रिक की तरह होता है। ऐसे में पौधे में डालने से पहले आपको उसे तैयार करने की ज़रूरत है। इसके लिए फॉलो करें ये स्टेप्स-

  • सबसे पहले एक बाल्टी में कोकोपीट को डालें। 
  • अब इसमें एक-दो मग पानी को डालकर बारीक़-बारीक़ तोड़कर 20 मिनट के लिए छोड़ दीजिए। इस बीच पौधे की मिट्टी को हल्का लूज कर लें। 
  • पानी में से कोकोपीट को निकालकर मिट्टी के ऊपर डालें और अच्छे से मिट्टी को मिक्स कर लें।
  • कोकोपीट को बीज लगाते वक्त भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 
  • मिट्टी 40%, कोकोपीट 30% और गोबर खाद या वर्मीकम्पोस्ट 30% को कोकोपीट में मिक्स करके भी पौधे के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

कोकोपीट इस्तेमाल करते समय न करें ये गलतियां

  • आपको मालूम होगा कि नारियल की खेती समुद्री इलाके में अधिक होती है और कोकोपीट बनाने के लिए समुद्री नमक का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए किसी अन्य नमक युक्त खाद को न डालें।
  • कोकोपीट मिट्टी में डालने से पहले पानी में कुछ समय के लिए डुबोकर ज़रूर रखें।
  • पानी में कोकोपीट को डालकर रख है उस पानी को पौधों में न डालें।
  • कोकोपीट का इस्तेमाल महीने में एक-दो बार से अधिक न करें।  

कोकोपीट से पौधों की मल्चिंग करना

ऑनलाइन गार्डनिंग साईट पर मल्चिंग मैट या कॉयर मल्च के नाम से डिस्क के जैसी गोल आकार की कोकोपीट बिकती हैं। इसका उपयोग पौधों की मल्चिंग करने के लिए किया जाता है। कोकोपीट मल्चिंग करने से पौधों की मिट्टी में खरपतवार भी नहीं उगती है और गर्मियों के समय मिट्टी में नमी भी बनी रहती है। कोकोपीट कॉयर से भी पौधों की मिट्टी को ढका (मल्चिंग) जा सकता है।

Leave a comment