बच्चों को सोशलाइज़ कैसे करें

सोशल होने से बच्चा ज्यादा खुश भी रहता है और उसका आत्मविश्वास भी बढ़ता है।

Socialising Children: हर बच्चा अपने आप में ख़ास होता है। एक का व्यवहार दूसरे से अलग होता है। कोई बच्चा बहुत ज्यादा घुलने-मिलने वाला होता है, तो कोई बच्चा शांत और शर्मीले स्वभाव का होता है और वो ज्यादा लोगों के साथ बात करना या घुलना-मिलना पसंद नहीं करता है। ऐसे बच्चे नए लोगों से बातचीत करने में घबराते हैं। इसमें कुछ गलत नहीं है। लेकिन, बचपन में अगर बच्चे को सोशलाइस किया जाए तो यह बच्चे की पर्सनालिटी में बहुत बदलाव ला सकता है। सोशल होने से बच्चा ज्यादा खुश भी रहता है और उसका आत्मविश्वास भी बढ़ता है, क्योंकि वो हर किसी से बात कर सकता है और हर परिस्थिति का मजबूती से सामना कर सकता है। अगर आपका बच्चा भी सोशल नहीं है, तो आप उसको सोशल बनाने के लिए ये तरीके अपना सकते हैं-

ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलवाएं

अगर बच्चा लोगों से मिलने में झिझकता है, तो आप उसको ज्यादा लोगों से मिलवाएं। उन्हें बातचीत करने की आदत डालें। जब भी किसी से मिले तो उसकी आदत डालें की वो लोगों को हंसकर ग्रीट करे। इससे उसके व्यक्तित्व में निखार आएगा। बीच-बीच में आप बच्चे को अपने रिश्तेदारों या दोस्तों के घर लेकर जाएं। कुछ समय के लिए दादा-दादी या नाना-नानी के घर छोड़ सकते हैं, वहां अकेले रहने से वो सोशल भी होंगे और उन्हें मज़ा भी आएगा।

शेयरिंग सिखाएं

बच्चों को दूसरों के साथ घुलना-मिलना आसान बनाने का सबसे बढ़िया तरीका है कि उन्हें शेयरिंग सिखाएं। जब बच्चे अपना खाना-पीना और खेलने की चीज़ें शेयर करते हैं, तो वे एक-दूसरे के बात करते हैं, खेलते हैं और झगड़ते भी हैं। इन सभी से बच्चों को सोशल होने में मदद मिलती है।

एक्टिविटी क्लासेज़ में भेजें

पढ़ाई से हटकर बच्चों को दूसरी एक्टिविटीज में भी डालें जैसे डांस, गाना, ड्राइंग या फिर किसी खेल में। इसमें कई लोगों से मिलने-जुलने से उनकी झिझक और डर दूर होता है। कोच और ट्रेनर के साथ भी इंटरेक्शन करने से उनके अन्दर जो भी प्रश्न होंगे वो सामने आएंगे।

बात करने का मौका दें

बच्चे कई बार खुद से कोई बात शुरू करने से डरते हैं। ऐसे में जब आपका बच्चा दूसरों के सामने हो और कोई बात न कर रहा हो, तो बातचीत शुरू करने के लिए आप उससे छोटे-छोटे सवाल करें और उसे जवाब देने दें। आप ऐसे सवाल कर सकते हैं, जिनके जवाब उन्हें बड़े वाक्यों के साथ देने पड़ें। इस तरह बच्चे की झिझक कम होगी और उसमें बोलने का कॉन्फिडेंस आएगा।

अगर आपका बच्चा भी सोशल नहीं है, तो आप इन तरीकों को अपनाकर उसको सोशल बना सकते हैं।

अभिलाषा सक्सेना चक्रवर्ती पिछले 15 वर्षों से प्रिंट और डिजिटल मीडिया में सक्रिय हैं। हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में दक्षता रखने वाली अभिलाषा ने करियर की शुरुआत हिंदुस्तान टाइम्स, भोपाल से की थी। डीएनए, नईदुनिया, फर्स्ट इंडिया,...

Leave a comment