Hindi Kavita: घर की बुजुर्ग महिलाएं बैठी हैं तशरीफ़ लिए चौखटों पर ,सयानी हो रही अल्हड़, हठी लड़कियों की करने के लिए हिफाज़त, उनको ख़ुद खुलकर हँसने की इजाज़त नहीं दीपरंपराओं ने,संस्कारों और विरासत में वही सौंप रही हैं यौवनाओं को, इसलिए कुंवारियां भी नहीं हंसती आँगनों में लगाकर ठहाके,वो चिपकी हैं भुरभुरी रेत की […]
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रिश्तों का रफू होना निहायत जरूरी है-गृहलक्ष्मी की कविता
Life Poem: वक्त का आंधी किस कदर चल रहा है,दूरियां बढ़ाने पर कितना पुरजोर हो रहा है..टूटते बिखरते रिश्तों का बिखरा ये चादर,कितनी नफरतों के छिद्र से बिखरा ये रिश्तों का चादर,कभी किसी के कील भरी बातों से उधड़ गया,कभी बेमतलब की बातों से ही छिद्र हो गया..दूर करने के बजाए अच्छा है,क्यूं न उसपर […]
शीर्षक: ए चंदा सुन- गृहलक्ष्मी की कविता
गृहलक्ष्मी की कविता- ए चंदा,आज तुझसेकुछ बातें करनी हैंकुछ अपनी कहनी हैकुछ तेरी सुननी हैक्यों सदा निहारता है तूयूं टकटकी लगा धरा कोक्या तुझे भी किसी नेछला है बेहिसाबक्या तेरा भी मेरी तरहखिन्न है मन आजतू क्यों है इतना शांतक्यों सियें हैं तेरे अधरकुछ तो हाल ए दिल खोलचल मान लिया मैंनेतू है गमगीन बहुतनहीं […]
कोरोना की इस महामारी में आयुष्मान खुराना ने सफाई कर्मिंयों के लिए लिख डाली यह स्पेशल कविता…!
इन दिनों मोस्ट टैलेंटेड एक्टर, सिंगर और राइटर आयुष्मान खुराना अपने क्वांटराइन के पलों का उपयोग कुछ ना कुछ क्रिएटिव वर्क करके, कर रहे हैं।
सपनों वाले नभ अनंत पथ कैसे दूंगी…
जन्म तुम्हें तो देकर लाडो, जीवन फ़िर से मैं जी लूँगीभेदभाव के तीक्ष्ण ज़हर को, तुझसे पहले मैं पी लूँगी पर उन्मुक्त दिशा विचरण को सौम्य चतुष्पद कैसे दूँगी पंख लगाकर सपनों वाले नभ अनंत पथ कैसे दूँगी ll तप्त हवा की विषम आँच पर मन नारी का दरक रहा है शून्य भावना चुप समाज […]
जब तुम बड़ी हो जाओगी…
प्यारी बेटी, जब तुम बड़ी हो जाओगी, दुनिया जो आज है वो कल भी रहेगी। तुम्हारा दृष्टिकोण परिपक्व होकर, हर चलन को तुम बेहतर समझ पाओगी।। सफलता की जानोगी कई सारी परिभाषाएं, सीखोगी जीवन के कई सारे मूल्य। सारे सुझावों को समझने के बाद, परिभाषा से मुक्त सफलता पाओगी।। राहें बहुत मिलेंगी चलने के […]
