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अलबेले संवाद-गृहलक्ष्मी की कविता

Hindi Kavita: घर की बुजुर्ग महिलाएं बैठी हैं तशरीफ़ लिए चौखटों पर ,सयानी हो रही अल्हड़, हठी लड़कियों की करने के लिए हिफाज़त, उनको ख़ुद खुलकर हँसने की इजाज़त नहीं दीपरंपराओं ने,संस्कारों और विरासत में वही सौंप रही हैं यौवनाओं को, इसलिए कुंवारियां भी नहीं हंसती आँगनों में लगाकर ठहाके,वो चिपकी हैं भुरभुरी रेत की […]

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