समुद्र के किनारे जामुन का एक खूब बड़ा सा पेड़ था । उस पर एक बंदर रहता था । जिसका मुँह कुछ ललछीहाँ था । इसीलिए उसका नाम पड़ गया रक्तमुख । जिस जामुन के पेड़ पर वह रहता था, उसके फल बहुत मीठे थे । बंदर उन्हें मजे से खाता और वहीं उसने डेरा […]
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फिर से मूर्ख बना लंबकर्ण -पंचतंत्र की कहानी
किसी वन में एक सिंह रहता था । उसका नाम था करालकेसर । किसी समय वह बड़ा बलशाली था । उसकी दहाड़ से पूरा जंगल थर्रा उठता था । पर फिर एक बार हाथी से उसका भीषण युद्ध हुआ । इस युद्ध में शेर करालकेसर बुरी तरह घायल हो गया । अब तो वह इतना […]
नीतिवान बंदर की कथा -पंचतंत्र की कहानी
एक राजा था जिसका नाम था चंद्र । उसके बेटों को बंदरों से खेलना बड़ा अच्छा लगता था । लिहाजा राजा चंद्र ने वन से बंदरों की टोली को महल में आमंत्रित किया उन्हें अच्छा खाने-पीने को दिया गया । खूब सत्कार हुआ । फिर तो बंदर खुशी-खुशी महल में रहने लग गए । उन […]
जब माँगा वरदान मंथरक जुलाहे ने! -पंचतंत्र की कहानी
एक था जुलाहा । उसका नाम था मंथरक । वह कपड़े बुनकर गुजारा करता था । एक बार उसके लकड़ी के औजारों में से एक औजार टूट गया । तब लकड़ी लेने के लिए वह जंगल में गया । वहाँ एक बड़ा विशाल वृक्ष था । मंथरक को लगा, ‘औजार बनाने के लिए इस पेड़ […]
बड़े गवैया गर्दभलाल! -पंचतंत्र की कहानी
एक था गधा । दिन भर धोबी उससे खूब मेहनत का काम लेता और रात को चरने के लिए खुला छोड़ देता था । लिहाजा रात को वह निरुद्देश्य इधर से उधर घूमता रहता था । अचानक एक दिन इसी तरह घूमते-घूमते उसे एक सियार मिला और दोनों में खूब अच्छी दोस्ती हो गई । […]
और जब शेर हुआ जिंदा! -पंचतंत्र की कहानी
किसी स्थान पर चार ब्राह्मण युवक रहते थे । वे आपस में मित्र थे और एक-दूसरे से बहुत स्नेह करते थे । उन चार मित्रों में से तीन ने तो गुरुओं के आश्रम में जाकर विद्या ग्रहण की थी और शास्त्रों का अध्ययन किया था, जबकि चौथा अनपढ़ था । उसने कभी किसी विद्यालय का […]
एक नेवले की करुण कहानी -पंचतंत्र की कहानी
किसी नगर में एक ब्राह्मणी रहती थी । उसका पति था देवशर्मा । वह भीख माँगकर गुजारा करता था । कुछ समय ब्राह्मणी ने एक शिशु को जन्म दिया । संयोग से उसी समय उस घर में एक नेवली ने भी संतान को जन्म दिया । नेवले को जन्म देकर वह नेवली गुजर गई । […]
नकलची ने किया जो गड़बड़झाला -पंचतंत्र की कहानी
किसी नगर में एक बड़ा ही धनवान सेठ रहता था, मणिभद्र । नगर में उसकी बड़ी इज्जत थी । सेठ बड़ा धार्मिक स्वभाव का और दयालु था । वह खूब दान-पुण्य और परोपकार भी करता था । इसलिए सभी उसकी इज्जत करते थे । पर फिर किसी कारण उस सेठ का सारा धन नष्ट हो […]
घोड़े की तरह हिनहिनाओ -पंचतंत्र की कहानी
किसी राज्य में नंद नाम का एक राजा था । वह बड़ा वीर और पराक्रमी था । दूर-दूर तक उसका नाम और प्रसिद्धि थी । उसकी वीरता के कारण शत्रु बेहद आतंकित रहते थे । अपने इन्हीं गुणों के कारण उसने दूर-दूर तक अपने साम्राज्य का विस्तार कर लिया था । नंद का मंत्री था […]
तुझमें तो सियार के ही गुण हैं! -पंचतंत्र की कहानी
किसी वन में एक शेर अपनी शेरनी के साथ रहता था । एक दिन शेर शिकार के लिए गया । दिन भर भोजन की तलाश में भटकता रहा । पर उस दिन कोई शिकार उसे नहीं मिल पाया । लौटते समय एक नन्हा सा सियार दिखाई दिया । शेर को लगा इस नन्हे सियार को […]