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मनोरमा – मुंशी प्रेमचंद भाग – 2

मुंशी वज्रधर उन रेल के मुसाफिरों में थे, जो पहले तो गाड़ी में खड़े होने की जगह मांगते हैं, फिर बैठने की फिक्र करने लगते हैं और अन्त में सोने की तैयारी कर देते हैं। चक्रधर एक बड़ी रिसायत के दीवान की लड़की को पढ़ाये और वह इस स्वर्ण-संयोग से लाभ न उठायें! यह क्योंकर […]

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