धानी के जेहन में आज एक बार फिर आत्महत्या का ख्याल आया।इन दो वर्षो में ना जाने कितनी दफे उसके मन में यह ख्याल आता रहता है। हर बार सुधीर से हुए झगड़े के पश्चात धानी को ऐेसा लगता मानो वह किसी जलते हुए अंगारे पर चल रही हो,उसे अपना जीवन बेमानी लगने लगता। धानी अपनी शादी नाम की संस्था को बचाए रखने के लिए ना जाने क्या-क्या जतन करती, लेकिन हर बार उसके सारे प्रयास विफल ही रहते।
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बंद घड़ी का सही टाइम
Hindi Kahani – बंद घड़ी का सही टाइम Hindi kahani : अपनी टीचर के दिखाए सपनों की छांव में संध्या अपने भविष्य को तराशने निकल पड़ी थी। उसकी दिन-रात की मेहनत रंग लाई। उसे आई.आई.टी. एन्ट्रेंस में इतना अच्छा रैंक मिला कि उसे आई.आई.टी. दिल्ली में एडमिशन के साथ स्कालरशिप भी मिल गई थी… अपनी […]
जिन्न नहीं हूं ‘मैं ‘ – गृहलक्ष्मी कहानियां
‘मां आज नाश्ते में आलू के परांठे बना देना, नहीं मां आलू के नहीं प्याज़ के बनाना, रोहन-रिया की फरमाइश अभी सुन ही रही थी कि अजय कहने लगे, ‘क्या तुम लोग भी आलू प्याज करते रहते हो यह भी कोई परांठे हैं, खाने हैं तो गोभी या पनीर के खाओ, मज़ा आ जायेगा।
जवानी मस्तानी दीवानी – राजेन्द्र पाण्डेय भाग-4
Hot hindi Story – जवानी मस्तानी दीवानी Hot hindi Story : युवक का व्यक्तित्व काफी प्रभावशाली था। चौड़ी छाती, भुजाएं गठी हुई, आंखों में गजब का यौन-आमंत्रण था। पुरुषोचित सौंदर्य से वह पूरी तरह लदा हुआ था। मैं उसके बारे में ही सोचती हुई सो गई। रात के कोई दो बजे बाहर घूम रही पुलिस […]
एक हसीन चाहत – राजेन्द्र पाण्डेय भाग- 3
Hot Story Hindi – एक हसीन चाहत Hot Story Hindi : दूसरे दिन मैं स्कूल आई तो माधुरी गेट पर ही मिल गई। वह एक लड़के से हंस-हंसकर बातें कर रही थी। ‘मेरे संस्कार ही ऐसे थे, कि मैं जिस किसी स्त्री-पुरुष या लड़का-लड़की को हंसते बोलते देखती तो मैं उनके संबंधों को लेकर सशंकित […]
प्यार की खुशबू – राजेन्द्र पाण्डेय भाग- 2
Hot Story in Hindi- प्यार की खुशबू – राजेन्द्र पाण्डेय Hot Story in Hindi : दूसरे दिन पापा घर आ गए। उनके आते ही मम्मी ने मायके जाने का मन बना लिया। वह मुझे भी अपने साथ ले जाएगी, यह सोचकर मैं मन ही मन खुश हो रही थी। लेकिन वह मुझे अपने साथ नहीं […]
बर्फ का गोला— गृहलक्ष्मी की कहानियां
गृहलक्ष्मी की कहानियां- मेट्रो सिटी की चकाचौंध ने न केवल बच्चों वरन नीलम को भी अभिभतू कर दिया था. आभास ने उसे और बच्चों को पहले ही आगाह कर दिया था कि यहॉं उन्हें अपने पुराने शहर की तरह हर किसी से रिश्ता नहीं जोड़ना है। आगे बढ़कर बात करने से लोग गंवार और फूहड़ […]
अरमानों की आहुति-गृहलक्ष्मी की कहानियां
गृहलक्ष्मी की कहानियां-शाम हो चुकी थी। ठंडी हवा चल रही थी। घर की खिड़कियों में पर्दे लगे वो हल्के पीले रंग के पर्दे उड़ने लगे थे। बाहर बालकनी में लगे मनीप्लांट की बेल भी मानो हवा का आनंद ले रही हो। तुलसी का कोमल पौधा तेज़ हवा को सहन नहीं कर पा रहा था। तभी […]
खिलौने वाली लड़की-21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां चंडीगढ़
हरियाणा के एक गाँव में एक 14 वर्ष की लड़की राधा रहती थी। वह अपनी माँ चन्दा और एक छोटे भाई पवन व एक छोटी-सी बहन मधु के साथ छोटे से घर में रहती थी। उसके पिता रामलाल का 2 साल पहले लम्बी बीमारी के कारण देहांत हो गया था। माँ चन्दा का भी स्वास्थ्य […]
