आपके बच्चे बड़े होकर अपने संस्कारों और सभ्यता का पालन करें इसके लिए घर के बड़ों को खुद भी अपनी संस्कृति और सभ्यता का पालन करना बेहद जरूरी होता है। वो क्यों? आइए जानें विस्तार से-
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कहीं आपका बच्चा झगड़ालू तो नहीं
अगर बच्चे का स्वभाव अडि़यल, जिद्दी, झगड़ालू, चिड़चिड़ा है तो उसके सही मायने में जिम्मेदार पेरैंट्स ही हैं। सच तो यह है कि बच्चों पर उनके पैरेंट्स की पूरी छाप होती है। लाइफ के प्रति उसके नजरिए और सोच में उसके माता-पिता की ही झलक दिखाई देती है इसलिए अगर आप यह चाहते हैं कि आपके बच्चे भी आइडियल बनें तो पहले आपको बच्चे के लिए आइडियल बनना होगा तभी उनमें वैसे ही गुण आ पाएंगे जैसे आप चाहते हैं।
गृहलक्ष्मी की कहानियां : मां की सीख
गृहलक्ष्मी की कहानियां : सुबह के चार बजे थे, अचानक बज रही फ़ोन की घंटी ने मेरी नींद को तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, सुबह के चार बजे फ़ोन आना किसी अनहोनी घटना के होने की और हमेशा इशारा होता है। पापा का फ़ोन.. इस टाइम.. मेरे हाथ एक दम से सुन्न हो […]
बच्चों को सिखाएं अपनी भावनाएं व्यक्त करना
बच्चे काफी बड़े होने तक अक्सर अपनी भावनाएं ठीक प्रकार से व्यक्त नहीं कर पाते हैं और अगर कोई उनकी बात समझ नहीं पाता है तो उन्हें बहुत बुरा लगता है। ऐसे में उन्हें अपनी बात को अभिव्यक्त करना सिखाना अभिभावकों का ही दायित्व होता है।
इन बातों को जानकर आप भी कहेंगे कि “अतिथी कब आओगे”
“अतिथिदेवो भव” भारत में अतिथि सरकार की परम्परा बड़ी पुरानी है। यह अनन्त समय से चली आ रही है। आज के बदलते परिवेश में भी यह हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। यह महत्त्वपूर्ण सामाजिक व्यवहार है, जो मनुष्य की सामाजिक प्राणी होने का आभास कराता है। यह गुण भारतीय संस्कृति में रक्त के […]
घर में सुख-शांति चाहिए तो भूल कर भी न करें ये काम
दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जिनके पास पैसा, परिवार सब कुछ है लेकिन घर में सुख-शांति नहीं है। ऐसे व्यक्तियों को उनके द्वारा किए गए प्रयासों का नतीजा भी विपरीत मिलता है। इस संसार में सुख और शांति ऐसी वस्तु है जिनको निश्चित ही हर मनुष्य प्राप्त करना चाहता है और इसके लिए जरूरत है कुछ बातों पर खास ध्यान देनी कि जिन्हें हम जाने-अनजाने अपनी जीवनशैली में शामिल कर लेते हैं। यहां पर कुछ ऐसी ही बातें बताई गई हैं जिनका त्याग कर आप सुख और शांति को प्राप्त कर सकते है –
हर किसी को पढ़ने चाहिए ‘गाय’ से जुड़े ये तथ्य
गाय हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। हमारे यहां गाय को माता और देवतुल्य समझकर पूजा जाता है। गाय का केवल आध्यात्मिक या धार्मिक महत्त्व ही नहीं है अपितु गाय से प्राप्त होने वाली प्रत्येक वस्तु जैसे गोबर, मूत्र और दूध सभी का वैज्ञानिक व चिकित्सकीय महत्व भी है। अाप आस्था-श्रद्धा रखें या न रखें […]
इस ऐप के जरिए सुनाएं बच्चों को ‘पंचतंत्र की कहानियां’
बच्चों को कहानियां सुनने का बहुत शौक होता है। इसी के जरिए वे अच्छे-बुरे की पहचान करना सीखते हैं। साथ ही इससे उनके जीवन में नैतिक मूल्यों का विकास होता है। पहले के समय दादी-नानी रोज बच्चों को कहानियां सुनाया करती थी। लेकिन आज के इस भागते समय में न ही किसी को […]
