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ब्यूटीफुल-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Short Story: “क्या मैं ब्यूटीफुल लगती हूं?” ये सवाल मीरा ने पहली बार अपनी मम्मी से तब पूछा था जब वो नौ साल की थी। मम्मी रसोई में थीं, बेसन के लड्डू बना रही थीं और उनके हाथ बेसन से सने हुए थे। मीरा उनके पास जाकर खड़ी हो गई और सीधा वही सवाल […]

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नानी का दक्ष – गृहलक्ष्मी की कहानियां

Short Story in Hindi: निधि का 5 साल का बेटा दक्ष हर बात पर जिद करता था। उसे खिलौना चाहिए तो अभी चाहिए, खाना नहीं खाना तो किसी की एक नहीं सुनता। हर बार निधि को उसकी जिद के आगे झुकना पड़ता था। धीरे-धीरे दक्ष का स्वभाव चिड़चिड़ा होता जा रहा था। वह छोटी-छोटी बातों […]

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वो लिफ्ट नहीं रुकती-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Short Story: मुंबई की 14वीं मंज़िल पर बनी उस आलीशान सोसाइटी में, लिफ्ट रोज़ चलती थी। लेकिन एक दरवाज़ा रोज़ बंद रहता था A-1403। उस घर में रहती थी नेहा 45 साल की, अकेली, शांत और थोड़ी अजनबी। कभी किसी पार्टी में नहीं दिखती। न सोसाइटी मीटिंग में, न गॉसिप ग्रुप्स में। बस हर […]

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अकेलापन-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Hindi Short Story: “अकेलापन उस अंधेरे कमरे की तरह होता है, जहां कोई खिड़की नहीं होती, लेकिन फिर भी हम उम्मीद की रोशनी खोजते रहते हैं।” मंजू देवी ने यह शब्द धीरे से अपनी जुबान से निकाले, जैसे किसी गहरे ख्याल से बाहर आकर किसी से बात कर रही हों। मंजू देवी का घर एक […]

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