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Summary: मीरा की जर्नी: जब 'ब्यूटीफुल' का मतलब बदल गया"

बचपन में ‘मोटू हाथी’ कहे जाने वाली मीरा ने समाज की परिभाषा से हटकर अपनी खूबसूरती को अपनाया। अब वह अपने स्टूडियो “रंगमंच” के ज़रिए लड़कियों को आत्म-सम्मान और खुद से प्यार करना सिखाती है।

Hindi Short Story: “क्या मैं ब्यूटीफुल लगती हूं?” ये सवाल मीरा ने पहली बार अपनी मम्मी से तब पूछा था जब वो नौ साल की थी। मम्मी रसोई में थीं, बेसन के लड्डू बना रही थीं और उनके हाथ बेसन से सने हुए थे। मीरा उनके पास जाकर खड़ी हो गई और सीधा वही सवाल दाग दिया। मम्मी ने पहले तो उसे प्यार से देखा, फिर उसके गाल खींचकर बोलीं, तू तो मेरी रबड़ी है! सबसे स्वीट!

पर उस दिन स्कूल में एक लड़के ने उसे ‘मोटू हाथी’ कह दिया था। और वो बात उसके दिल में कहीं गहराई में जाकर बैठ गई थी।

समय के साथ मीरा बड़ी होती गई, पर ये ‘ब्यूटीफुल’ शब्द उसके लिए एक पहेली बन गया था। जब-जब कोई उसे देखता, सलाह देने लगता, थोड़ा वजन कम कर ले, बाल स्ट्रेट करवा ले, स्किन टोन वाइटनिंग फेस पैक ट्राय कर ना। मानो हर कोई उसे अपग्रेड करने में जुटा हो जैसे वो कोई मोबाइल ऐप हो।

कॉलेज में मीरा का पहला दिन भी कुछ कम फिल्मी नहीं था। क्लास में घुसते ही उसके उलझे बालों और ऑइल लगी चोटी को देखकर कुछ लड़कों ने उसे ‘मैगी फेस’ कह दिया। बाकी लड़कियां ब्रांडेड बैग और माइल्ड मेकअप में चमक रही थीं, और मीरा? वो बस एक दुपट्टे में अपने आत्मविश्वास को लपेटे खड़ी थी।

पर कॉलेज ने उसे एक असली गिफ्ट दिया पारुल। पारुल उसकी रूममेट बनी। छोटी, गोरी, चंचल और हमेशा परफेक्ट दिखने वाली। शुरू में मीरा को लगा कि इससे दोस्ती कैसे होगी? पर हुआ कुछ और ही।

एक रात जब दोनों हॉस्टल की छत पर बैठी थीं, पारुल ने पूछा, तू कभी खुद को ध्यान से देखती है?

मीरा बोली, रोज देखती हूं। आईना सामने होता है। वही बताता है – गाल मोटे हैं, नाक सीधी नहीं, स्किन टोन भी वैसी वैसी। पारुल ने उसका हाथ पकड़ लिया, गलती आईने की नहीं है, तेरी नजर की है। तू खुद को वैसे देखती ही नहीं जैसी तू है। तू तो रॉ है यार, फिल्टर के बिना प्योर।

उस रात के बाद मीरा के अंदर कुछ बदलने लगा। उसने खुद को नजरअंदाज़ करना बंद कर दिया। अब वो बालों में कंघी करती, होंठों पर हल्की सी लिपस्टिक लगाती लेकिन ये सब किसी को दिखाने के लिए नहीं, खुद को अच्छा महसूस कराने के लिए।

धीरे-धीरे मीरा का आत्मविश्वास बढ़ा। उसने अपने पुराने कपड़ों को मिक्स एंड मैच किया, अपने बालों को ज्यों का त्यों छोड़ दिया क्योंकि अब वो जान गई थी कि वो जैसे है, वैसी ही खूबसूरत है।

कॉलेज खत्म होते-होते मीरा अपने इंस्टाग्राम पर अपनी फोटोज डालने लगी, बिना फिल्टर, बिना मेकअप सिर्फ मुस्कान के साथ। और लोग दीवाने हो गए। ऐसे कई कमेंट आए- तुम्हारी आँखों में सुकून है, तुम रिमांड करती हो कि ब्यूटीफुल का मतलब परफेक्ट होना नहीं है’।

कॉलेज के बाद मीरा ने एक स्टूडियो खोला नाम रखा “रंगमंच” जहां वो लड़कियों को मेकअप नहीं, आत्म-सम्मान सिखाती थी। वह उन्हें उनके फेस शेप के हिसाब से कुछ भी नहीं बताती थी, बल्कि वो ये सिखाती थी कि अपने झाईयों से भी प्यार करना सीखो।

अब मीरा की उम्र 34 है। उसने शादी नहीं की। ना ही कोई अफसोस है उसे। उसके पास उसका स्टूडियो है, एक प्यारी सी बिल्ली ‘गुलगुल’ है और एक छोटी सी टीम जो लड़कियों को सिर्फ बाहरी नहीं, अंदर से भी मजबूत बनाती है। उसका इंस्टा हैंडल अब लाखों लोगों की उम्मीद बन गया है।

कभी-कभी रात को वो अपनी पुरानी डायरी खोलती है और उस पहले सवाल को पढ़ती है, “क्या मैं ब्यूटीफुल लगती हूं?”

और फिर खुद को आईने में देखकर हँस देती है “तू तो रबड़ी है मीरा  और अब खुद की फेवरेट भी।” क्योंकि ब्यूटीफुल वो नहीं जो सबको अच्छा लगे। ब्यूटीफुल वो है जो खुद को देख कर मुस्कुरा

राधिका शर्मा को प्रिंट मीडिया, प्रूफ रीडिंग और अनुवाद कार्यों में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा पर अच्छी पकड़ रखती हैं। लेखन और पेंटिंग में गहरी रुचि है। लाइफस्टाइल, हेल्थ, कुकिंग, धर्म और महिला विषयों पर काम...