इस संसार में प्रेम ही एक ऐसी निधि है जिसे हर कोई पाना चाहता है मनुष्य तो क्या पशु-पक्षियों को भी प्रेम की चाहत होती है इस संसार में आप सब कुछ शक्ति एवं सार्मथ्य से अर्जित कर सकते हो परन्तु प्रेम पाने के लिए ह्रदय की पात्रता को उत्तीर्ण करना होता है प्रेम वही कर सकता है जिसका ह्रदय बड़ा साफ-सुथरा हो जहां न वासना की खिड़की हो, न स्वार्थ का दरवाजा, न ही ऐसा आकर्षण जो ऊपरी दिखावे का हो प्रेम वह है जो मनुष्य को मनुष्यता सिखा दे।
