आज जिस ढंग से अजय चन्दानी के बंगले में दाखिल हो रहा था, वह मौत के मुंह में दाखिल होने से कम नहीं था, लेकिन अजय तो जैसे इस सच को जानकर भी झुठला रहा था। चन्दानी के चीतों को कई दिनों से किसी इंसान का मांस नहीं मिला था। कौन बनने वाला था आज उनका निवाला?
Tag: एक बेगुनाह अपराधी की अपराध और प्रेमकथा
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बोझिल पलकें, भाग-21
जिस उम्मीद का दामन थामकर अजय अंशु के साथ अपनी जिंदगी की एक नई शुरुआत चाहता था, वह उम्मीद खत्म हो चुकी थी। अब अजय एक बार फिर अपराध की दुनिया के उसी अंधेरे में लौट चुका था और अगला गुनाह अंजाम देने जा रहा था, लेकिन क्या वह इस बार भी उतना ही सौभाग्यशाली था, जितना ही हमेशा हुआ करता था या फिर किस्मत उसे पूरी तरह से निराश कर देने पर उतारू थी?
