साईं की लीला वास्तव में अपरम्पार है। वह प्रेम की बात करते हैं सिद्धांत की नहीं। साईं कलयुग के ऐसे देवता हैं, जो किसी धर्म या जाति के बंधन में नहीं बंधे थे। क्या हिंदू, क्या मुस्लिम और क्या सिख.. बाबा के दरबार उसके हर भक्त के लिए खुले हैं। उनके स्मरण मात्र से ही सारी बुरी वृत्तियो, प्रवृत्तियों व संताप से छुटकारा मिल जाता है। वैसे अपने साईं इतने कृपालु हैं कि एक नमस्कार पर भी रीझ जाते हैं। परन्तु फिर भी साईं बाबा की विशेष कृपा उसी पर होती है जो सदा सत्य के पालन करता है। सभी प्रकार के चातुर्य का त्याग कर जो बाबा की शरण में चला जाता है। बाबा उसकी सब प्रकार से रक्षा करते हैं-उसके इस लोक को तो आनंदमय बना ही देते हैं, उसका परलोक भी संवार देते हैं। उसे मुक्त कर देते हैं। जानिए, ये 11 साईं के वचन जो भक्तों की बिगड़ी बना देते हैं –
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प्रेरणादायक हैं स्वामी विवेकानंद के ये 10 अनमोल वचन
स्वामी विवेकानंद वो नाम है जिसे किसी परिचय की जरूरत नहीं। उनका तेज ही उनके एहसास की अनुभूति करा देता है। ये सच है कि नरेन्द्र से स्वामी विवेकानंद की यात्रा में विवेकानंद को अनेक पड़ावों से गुजरना पड़ा। उनकी इसी आध्यात्मिक ज्ञान की पिपासा ने उन्हें असाधारण व्यक्तित्व प्रदान किया। उन्हें प्रमुख रूप से उनके भाषण की शुरुआत “मेरे अमरीकी भाइयो एवं बहनों” के साथ करने के लिये जाना जाता है। उनके संबोधन के इस प्रथम वाक्य ने सबका दिल जीत लिया था। स्वामी जी के कहे गए वचन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गए। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे ही स्वामी विवेकानंद के 10 प्रेरक वचन जो आपके मन की उलझनों को वाकई सुलझा देंगे –
