वृषभ राशिफल – Vrishabh Rashifal 2024 –16 April To 23 April
Taurus horoscope 2024

ई, उ, ए कृतिका-2

ओ, वा, वी, वू रोहिणी-4

वे, वो मृगशिरा-3


16 अप्रैल से 23 अप्रैल तक

दिनांक 16, 17 को आर्थिक लाभ होगा। कामकाज के लिहाज से यह समय उत्तम है। अपने लेन-देन में अपने कौशल व धैर्य का प्रयोग करें, पर इनकी जरूरत आपके अपने कार्यस्थल पर अधिक होगी। आपमें किसी भी काम को लेकर दृढ़ इच्छाशत्तिफ़ रहेगी। 18, 19, 20 को चलते कार्य में रुकावट की स्थिति रहेगी। ज्यादा खर्च से परेशान रहेंगे। परिवार में किसी समोराह में अपमानित महसूस करेंगे। आप किसी से बहस या झगड़ा नहीं करें और अपने अच्छे समय का इंतजार करें। 21 से 23 के मध्य मनमाफिक परिणाम प्राप्त होंगे। जिससे आपका आत्मविश्वास बढे़गा/खुशियां प्राप्त होंगी। भाईयों से प्रेमभाव बढ़ेगा। प्रेम और जुनून होगा।


ग्रह स्थिति

मासारम्भ में केतु कन्या राशि का पंचम भाव में, चद्रमा धनु राशि का अष्टम भाव में, शनि+ मंगल कुंभ राशि का दशम स्थान में, सूर्य+शुक्र+राहु मीन राशि का ग्यारहवें भाव में, बुध+बृहस्पति मेष राशि का बारहवें भाव में चलायमान है

वृषभ राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें

2024शुभ तारीख़ेंसावधानी रखने योग्य अशुभ तारीख़ें
जनवरी16, 17, 21, 22, 25, 261, 2, 10, 11, 18, 19, 28, 29
फरवरी12, 13, 17, 18, 21, 226, 7, 8, 15, 24, 25
मार्च10, 11, 15, 16, 19, 20, 214, 5, 6, 13, 14, 22, 23, 24
अप्रैल7, 8, 11, 12, 13, 15, 16, 171, 2, 9, 10, 18, 19, 20, 28, 29, 30
मई4, 5, 9, 10, 13, 14, 157, 16, 17, 25, 26, 27
जून1, 2, 5, 6, 9, 10, 11, 28, 293, 4, 12, 13, 14, 21, 22, 23, 30
जुलाई3, 4, 7, 8, 25, 26, 30, 311, 9, 10, 11, 19, 20, 28
अगस्त3, 4, 21, 22, 26, 27, 30, 316, 7, 15, 16, 17, 24, 25
सितम्बर1, 18, 19, 22, 23, 24, 26, 27, 282, 3, 4, 11, 12, 13, 20, 21, 29, 30
अक्टूबर15, 16, 20, 21, 24, 251, 9, 10, 11, 18, 27, 28
नवम्बर12, 13, 16, 17, 20, 21, 225, 6, 7, 14, 15, 23, 24
दिसम्बर9, 10, 14, 15, 17, 18, 192, 3, 4, 12, 20, 21, 22, 30, 31
वृषभ राशि की शुभ-अशुभ तारीख़ें

वृषभ राशि का वार्षिक भविष्यफल

Varshabh Rashifal 2024
वृषभ राशि

यह साल वृषभ राशि के लोगों के लिए शानदार रहेगा। इस साल आप नई-नई उपलब्धियां हासिल करेंगे! आपकी राशि का स्वामी शुक्र पूर्ण दृष्टि से अपनी राशि को देख रहा है अतः इस साल

मेहनत खूब रहेगी लेकिन प्रतिफल भी मजबूत रहेंगे। पुराने रोग व कष्ट से आपको छुटकारा मिल जायेगा। कभी कभार हल्की फुल्की स्वास्थ्य संबन्धी परेशानियां रह सकती हैं। इस वर्ष घातक व गम्भीर बीमारी की आशंका व संभावना नहीं है। पाचनतंत्र के रोग, पेट से सम्बन्धित व्याधि, उदरविकार, सर्दी,

खांसी, जुकाम जैसी बीमारियां हावी रह सकती हैं, हालांकि घर के किसी सदस्य का स्वास्थ्य जरूर आपकी चिंता का कारण बन सकता है। इस साल खर्चों में बेतहाशा वृद्धि होगी। शनि दशम स्थान में स्थित है। काम-काज में नई संभावनाओं को तलाशेंगे, नौकरीशुदा व्यत्तिफ़यों को नौकरी में इन्क्रीमेन्ट प्राप्त हो सकता है, तथा कोई नया अवसर, बेहतर अवसर आपकी प्रतीक्षा कर रहा है। मंगल विपरित राजयोग बना रहा है। अतः इस साल खर्च में भी बेतहाशा वृद्धि होगी। फिजुल खर्ची पर नियंत्रण रखें, अन्यथा उधार लेने की नौबत आ सकती है। कार्यक्षेत्र में विस्तार की योजना कार्यरूप में परिणित होगी। आय व आजीविका के स्रोतों में इजाफा होगा। भाईयों से सम्पति संबन्धी विवाद या अन्य कोई बंटवारे सम्बन्धी विवाद का हल आपसी सहमति व समझाईश से निकलेगा। माता का स्वास्थ्य कमजोर रहेगा।

इस साल शनि नवम का अधिपति दशम में है, अतः बड़े-बड़े लोगों से सम्पर्क बनेगा। हालांकि प्रत्यक्ष रूप से इस सारे सम्पर्को का लाभ भी मिलेगा, पति-पत्नी में कभी-कभार वैचारिक मतभेद की स्थिति रह सकती है। वर्षारंभ में देवगुरु

बृहस्पति बारहवें स्थान में स्थित है, अतः पढ़ाई में कुछ कभी देखी जा सकती है। एकाग्रचित्तता का आभाव रहेगा। मन इधर उधर खूब भटकेगा, मई के बाद गुरु आपकी राशि में आकर विद्यार्थियों को अनुकुल फल प्राप्त होंगे, नौकरी के लिए प्रयासरत विद्यार्थियों को नौकरी के या इन्टरनशिप के अवसर प्राप्त होगा। व्यापार व काम-काज में आप नई तकनीक हुनर व ज्ञान का उपयोग करके आप मुनाफे को बढ़ा लेंगे। इस साल किसी नवीन भूमि, भवन, वाहन आदि का योग भी बन रहा है। चल अचल सम्पति की खरीद का योग जरूर बनता है, परंतु इस साल माता का स्वास्थ्य जरूर कमजोर रह सकता। रिश्तेदारों से इस साल कोई खास सहयोग की उम्मीद नहीं की जा सकती। रिश्तेदार येन-केन प्रकारण आपका फायदा उठाने की सोचेंगे।

पति-पत्नी में कभी कभार हल्की-फुल्की नोक-झोक व तकरार हो सकती है। कोर्ट-केस व कानूनी पचड़ों से दूर रहने में आपका भला है। वृषभ राशि के जातक ऐश्वर्यशाली व सौन्दर्य प्रेमी होती हैं। प्रेम-प्रसंगों में पड़कर आप अपने अध्ययन, केरियर को चौपट कर लेंगे। कहीं न कहीं आपसे पारिवारिक सुख शांति को भी खतरा पैदा हो सकता है। इस वर्ष आप जमकर मेहनत करेंगें तो परिणाम भी अनुकुल ही मिलेंगें। जून से नवम्बर के मध्य शनि की वक्र गति बनते कार्यो में अडचनें व रुकावटें उत्पन्न कर सकती है, आर्थिक मामलों में विशेष सावधानी की आवश्यकता रहेगी।

शारीरिक सुख एवं स्वास्थ्यः- 2024 में आपकी राशि का अधिपति शुक्र राशि को पूर्ण दृष्टि से देख रहा है। अतः गम्भीर व घातक किसी बीमारी की आशंका व सम्भावना नहीं है। छोटी-मोटी परेशानी हो सकती है। हालांकि जो पूर्व में बीमारियां ब्लड प्रेशर, सुगर, माइग्रेन, साईटिका, स्लीप डिस्क आदि हैं, तो उससे आपको सतर्क रहना चाहिए, खान-पान का विशेष ध्यान रखें। घर के वरिष्ठ सदस्य बड़े-बुजुर्ग का गिरता हुआ स्वास्थ्य भी चिंता का कारण बनेगा। 30 जून से 15 नवम्बर के मध्य शनि वक्र स्थिति में चलायमान रहेंगे। वाहनादि सावधानी पूर्वक चलावें कोई ऐक्सीडेंट हो सकता है।

व्यापार, व्यवसाय व धनः- वर्षारम्भ में बारहवां बृहस्पति है। काम-काज में मेहनत ज्यादा रहेगी, दसवां शनि आय व आजीविका में वृद्धि करायेगा। व्यापार व कारोबार में विस्तार की योजना मूर्त रूप लेने जा रही है। नौकरी में बॉस व अधिकारीयों से सम्बन्धों में मधुरता आपकी लाभ के मार्ग खोल देगी। हालांकि आपको पूरी ईमानदारी से काम करना चाहिए। नौकरी में थोड़ी-बड़ी ऊंच नीच आपको मुसीबत में डाल सकती है। लेन-देन व रुपयों-पैसों के मामले में पूरी सावधानी रखें। इस साल आय व धन में इजाफा होगा, कोई नई चल अचल सम्पत्ति की खरीददारी आप कर सकते हैं, व्यावसायिक प्रतिस्पर्धी व प्रतिद्वन्दी आपके सामने बहुत बड़ा लक्ष्य रख देंगे। भावनाओं में बहकर कोई भी काम नहीं करें। अपने अनुभव व गलतियों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें। जून से नवम्बर के मध्य किसी को अगर रुपया उधार देंगे तो पैसा फंस सकता है। वापस निकलवाने में आपको पसीने आ सकते हैं। कोई बड़ा आर्डर या बिग डील कैंसिल हो सकती है या आर्डर लम्बित हो सकता है। आपको माल क्वांटिटी के साथ-साथ क्वांलिटी (गुणवत्ता) पर भी ध्यान देना चाहिए। इस समय पैसा खर्च अधिक होगा। पैसा आने से पहले जाने का रास्ता तैयार रहेगा।

धन संचय में बाधा है। कारोबार में महत्त्वपूर्ण निर्णय से पूर्व आपको अच्छी तरह से विचार कर लेना चाहिए। नौकरी पेशा लोगों को सहकर्मीयों से सहयोग तो मिलेगा परंतु कार्यभार भी कुछ अधिक ही रहेगा।

घर-परिवार संतान व रिश्तेदारः- यह साल पारिवारिक सुख शांति की दृष्टि से बहुत ही अच्छा रखेगा। पति-पत्नी के बीच चल रहे गतिरोध व गलतफहमियां समाप्त होगी। दशमस्थ शनि के प्रभाव से जून से नवम्बर के मध्य पिता से हल्के फुल्के वैचारिक मतभेद रह सकते हैं, लेकिन समय रहते वह गलतफहमियां भी सुलझ जायेंगी। बृहस्पति मई के बाद आपकी राशि में गोचरवश चलायमान होंगे। अतः परिवार में कोई शुभ व मांगलिक प्रसंग हो सकता है। बड़े-बुजुर्गों का स्नेह व आशीर्वाद प्राप्त होगा। बच्चों पर अध्ययन व कैरियर का ज्यादा दबाव नहीं बनावे उन्हें अपने हिसाब से ही अध्ययन करने दें।

मई तक अध्ययन में थोड़ी सी ढिलाई रहेगी। बारहवें गुरु के कारण ध्यान भटकेगा। नौकरी से सम्बन्धित पढ़ाई, पदोन्नति से सम्बन्धित परीक्षा में मेहनत के उपरांत ही सफलता रहेगी। पिता, पुत्र, ननद-भोजाई, देवर-देवराणी, जेठ जेठानी से कभी कभार मतभेद रह सकते हैं। पारिवारिक विवादों व मतभेदों का हल घर की चार दीवारी के मध्य ही सुलझा लगें।

विद्याध्यन, पढ़ाई व कैरियरः- शिक्षा का अधिपति बृहस्पति वर्षारंभ में मई तक बारहवें भाव में होने से शुरुआत में इतने अच्छे परिणाम नहीं मिलेंगे, थोड़ी सी लापरवाही व आलस्य के कारण बड़ी भारी क्षति उठानी पड़ सकती है, कुसंगति व व्यर्थ के भटकाव से बचें। प्रेम-प्रसंगो से शौक, मौजमस्ती से उचित दूरी बनाकर रखें, जहां तक कैरियर से सम्बन्धित परीक्षा का प्रश्न है, नौकरों से सम्बन्धित परीक्षा, विभागीय परीक्षा, प्रमोशन सम्बन्धी परीक्षा का परिणाम तो अनुकुल ही रहेगा। विदेश में जाकर अध्ययन करने वाले जातकों के प्रयास सार्थक रहेंगे। मई के पश्चात् जॉब में कार्यक्षेत्र में नया अवसर प्राप्त हो सकता है। लक्ष्य पर कड़ी नजर व कठोर परिश्रम यह दोनों ही आपकी सफलता के मूल मंत्र रहेंगे। विद्यार्थी को अध्ययन में सफलता के लिए गणेश

रूद्राक्ष धारण करें।

प्रेम-प्रसंग व मित्रः- आपकी राशि का स्वामी शुक्र है। शुक्र सौन्दर्य आकर्षण व प्रेम का कारक है, अतः प्रेम-प्रसंगों के लिहाज से यह साल अच्छा रहेगा। शुक्र की लग्न पर दृष्टि है, अतः प्रेम सम्बन्धों को गुप्त भी आप रख लेंगे लेकिन पारिवारिक जीवन के साथ सांमजस्य बनाना बड़ी चुनौती हो सकती है। साथ ही कैरियर पर अध्ययन प्रेम सम्बन्धों का विपरित प्रभाव रह सकता है। मित्र आडे वक्त में आपके काम आयेंगे। वहीं आप भी मित्र की सहायता मुसीबत के समय में करेंगे हालांकि सच्चे मित्रें की संख्या जरूर कम रहेंगी। परंतु जो भी रहेंगे अच्छे वह सच्चे रहेंगे।

वाहन खर्च व शुभ कार्यः- वर्षारंभ में मंगल आठवें

स्थान में है जो वाहन से कष्ट करवा सकता है। वाहन सावधानी पूर्वक चलावे, तथा समय-समय पर इसकी रिपेयरिंग व मरम्मत करवाते रहें। जहां तक खर्च की बात है, वाहन पर तो खर्च होगा ही साथ ही व्यापार व काम-काज के विस्तार की योजना पर काम शुरू होगा, व उस पर बड़ी राशि खर्च होने का आसार है। वह खर्च व्यापार में निवेश के रूप में होगा। संतान की शिक्षा, उसके अध्ययन पर भी खर्चा होने के

योग बने हुए हुए हैं। घर में कोई शुभ व मांगलिक कार्य की

रूपरेखा वर्ष उतरार्द्ध में बन सकती है।

हानि, कर्ज व अनहोनीः- अगर आप राजकीय सेवा में

या नौकरी में हैं, तो आपको अपरिचित व अनजान व्यत्तिफ़यों से सावधान रहने की आवश्यकता है। आपको ट्रेप किया जा सकता है, किसी साजिश या षडयंत्र में फंसाया जा सकता है, ऋण आपको व्यापार विस्तार के लिए, भूमि, भवन व वाहनादि के लिए लेना पड़ सकता है। सकारात्मक कार्यों के लिए लिया गया ऋण आप आसानी से चुकता कर देंगे। जहां तक अनहोनी की बात है। किसी रिश्तेदार के साथ सगे सम्बन्धी के साथ अनहोनी की स्थिति बन सकती है। देवी की आराधना करें व शुक्रवार को 7 सफेद रंग के पुष्प देवी को अर्पित करें। इससे आपकी व परिवार की रक्षा होगी।

यात्रएंः- इस वर्ष मई से पूर्व की गई यात्रएं धार्मिक

यात्रएं रहेंगी। व्यापारिक व काम-काज के सन्दर्भ में की गई

यात्रओं से इस वर्ष कोई अच्छी उम्मीद नहीं की जा सकती। हालांकि संतान के विषय को लेकर कुछ पारिवारिक प्रयोजनों से यात्र के योग इस वर्ष बन रहे हैं।

उपायः- वृषभ राशि के जातकों को शुक्रवार को 7 सफेद रंग के पुष्प देवी को अर्पित करने चाहिए। ¬ श्रीं श्रियै नमः मन्त्र का जप आपके भाग्य के बंद दरवाजे खोल देगा। सुगन्धित द्रव्यों कॉस्मेटिक्स आदि के प्रयोग से भी शुरु प्रसन्न रहेंगे। अप्रैल रत्न या अमेरीकन डायमन्ड चांदी में जड़वाकर अनामिका अगूंली में धारण करें।

सावधानीपूर्वक चलाएं हालांकि इस वर्ष नए वाहन की खरीद का योग बन रहा है

सावधानीपूर्वक चलाएं हालांकि इस वर्ष नए वाहन की खरीद का योग बन रहा हैघर के बड़े-बुजुर्गों व वरिष्ठ सदस्यों का स्वास्थ्य आपकी चिंता का कारण बन सकता है। उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखें। किसी रिश्तेदार से सम्बन्धित कोई अप्रिय घटना हो सकती है।

वृषभराशि की चारित्रिक विशेषताएं

वृषभ राशि का स्वामी शुक्र, ऐश्वर्यशाली व विलासपूर्ण ग्रह है। वृषभ राशि में उत्पन्न जातक सुन्दर, आकर्षक व्यक्तित्व का धनी तथा विशिष्ट प्रभाव वाला होता है। बृहज्जातकम् तो यहां तक कहता है-
कांतः खेलगतिः पृथूरुवदनः पृष्ठास्थपाश्कवेंऽडिकत।
स्त्यागी क्लेशसहः प्रभुः कुकुदवान् कन्याप्रजः श्लेष्मलः।।
इस राशि का चिह्न ‘वृषभ’ (बिना जोता हुआ बैल) होने से पुष्ट शरीर, मस्त चाल, मजबूत जंघाएं, बैल के समान नेत्र, प्रायः गौरवर्ण के, स्वाभिमानी, स्वच्छंद विचरण एवं शीतल स्वभाव, इनकी प्रमुख विशेषता कही जा सकती है।
वृषभ राशि के जातक मध्यावस्था में उत्तम सुख-सम्पत्ति प्राप्त करते हैं। ऐसा व्यक्ति उत्तम ऐश्वर्य, भौतिक सुख-सुविधा का भोग करने वाला होता है और अपनी सुख-सुविधा का पूरा-पूरा ध्यान रखता है।
सामान्यतया वृषभ राशि के जातक मधुर भाषी, उदार तथा सहिष्णु स्वभाव के होते हैं। अपने आकर्षक व्यक्तित्व के कारण अन्य जनों को प्रभावित करने का सामर्थ्य रखते हैं। शारीरिक रूप में उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है तथा मानसिक संतुष्टि भी रहती है। ये अत्यधिक परिश्रमी होते हैं, परिश्रम करने की उनमें अपूर्व क्षमता होती है, जिससे जीवन में उन्नति मार्ग प्रशस्त करने तथा सुख, ऐश्वर्य एवं वैभव अर्जित करने में वे प्रायः सफल रहते हैं। शांति एवं सहिष्णुता के साथ इनमें साहस तथा पराक्रम का भाव भी विद्यमान रहता है।
अपने वाक्चातुर्य से शुभ एवं महत्त्वपूर्ण सांसारिक कार्यों को सिद्ध करने में भी सफल होंगे। आपका कद मध्यम होगा, स्वरूप सुंदर व आकर्षक होगा। आप में सहनशीलता का भाव भी विद्यमान होगा। आप एक परिश्रमी पुरुष होंगे तथा अपनी योग्यता एवं परिश्रम से किसी उच्च पद या समाज में प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त करेंगे, साथ ही अपने सद्गुणों के द्वारा श्रेष्ठ जनों को संतुष्ट करने में सफल होंगे, आप एक विद्वान पुरुष होंगे तथा विभिन्न कला-साहित्य एवं संगीत का आपको उचित ज्ञान रहेगा, इस क्षेत्र में भी आपको प्रसिद्धि प्राप्त होगी। दानशीलता का भाव भी आप में विद्यमान होगा तथा समय-समय पर जरूरतमंदों को दान देने में तत्पर रहेंगे। आप एक बुद्धिमान पुरुष होंगे, आपके कार्यकलापों पर बुद्धिमत्ता की स्पष्ट छाप होगी।
धर्म के प्रति आप श्रद्धालु रहेंगे तथा अवसरानुकूल धार्मिक अनुष्ठानों तथा कार्यकलापों को सम्पन्न करेंगे। धार्मिक क्षेत्र में आप किसी संस्था से संबंधित हो सकते हैं। इस क्षेत्र में आपको कोई विशिष्ट सफलता या प्रतिष्ठा प्राप्त हो सकती है। आपकी प्रवृत्ति सात्विक होगी तथा विचार उत्तम होंगे। साथ ही परोपकार की भावना भी विद्यमान होगी। इसके अतिरिक्त कई शास्त्रों का आपको ज्ञान होगा, जिससे आपको सामाजिक मान-प्रतिष्ठा तथा प्रसिद्धि प्राप्त होगी। आप स्वस्थ, सुंदर, आकर्षक व्यक्तित्व वाले विद्वान एवं साहसी पुरुष होंगे तथा आपका जीवन प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत होगा।
यह राशि भूमि तत्त्व प्रधान है, इसलिए ऐसे जातक मशीनरी व भूमि संबंधी कारोबार में विशेष रुचि लेते देखे गए हैं। इनमें इच्छाशक्ति बड़ी प्रबल होती है। ये बड़े धैर्यवान होते हैं। इनकी उन्नति प्रायः धीमी गति से होती है। आप स्त्री सूचक राशि वाले हैं, वृषभ राशि ‘अर्द्धजल राशि’ भी कहलाती है, इसलिए गायन, नृत्यकला, सिनेमा तथा अभिनेता व अभिनेत्रियों के प्रति आपका झुकाव कुछ विशेष रहेगा। यदि आपका जन्म ‘कृत्तिका’ नक्षत्र में है, तो आप खूबसूरत व्यक्ति हैं। विपरीत लिंगी के प्रति आप शीघ्र ही आकर्षित हो जाते हैं और आप पाएंगे कि विपरीत लिंगी भी आपकी ओर सहज ही आकर्षित हो जाते हैं। सेक्स के मामले में आप बहुत लचीले स्वभाव के हैं तथा मन पर आपका नियंत्रण संभव नहीं, फिर भी सेक्स के मामले में आपको किसी हद तक सफलताएं मिलेंगी।
आपकी प्रकृति (स्वभाव) स्वार्थी है अर्थात आप अपने कार्य के प्रति पूर्णरूपेण सजग व सचेत रहेंगे। आप खाली ख्याली पुलाव पकाने व कल्पना लोक में विचरण करने वाले व्यक्तियों में नहीं हैं। आप कर्मठ कार्यकर्ता एवं स्पष्टवादी हैं। राजनीति-सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय भाग लेने से आपको राजनीतिक सफलता शीघ्र मिल सकती है। आपको दूसरों के द्वारा बहुमूल्य जायदाद प्राप्त हो सकती है। मित्र व संबंधियों के स्नेह से आपकी आर्थिक उन्नति भी संभव है।
प्रायः वृषभ राशि वाले जातक की व्यापार में ज्यादा रुचि रहती है, ऐसे जातक कुशल व्यापारी होते देखे गए हैं। नित नई वेशभूषा पहनने व सुन्दर ढंग से अलंकृत रहने का शौक इनको कुछ विशेष ही होता है। ये श्रृंगारप्रिय तथा कला में रुचि लेने वाले व्यक्ति होते हैं। उत्तम भोजन व मिष्ठान के शौकीन होते हैं। खुशबूदार वस्तुओं को बहुत पसंद करते हैं। कला की कद्र करना तथा किसी भी व्यक्ति के गुण-अवगुण को परखने की कला इनमें खूब होती है। कुल मिलाकर ये शौकीन मिज़ाज तो होते ही हैं, इनके साथ ही वस्तु की बारीकी को पकड़ना व कार्य की गहराई में उतरना इनकी मौलिक विशेषता कही जा सकती है।
कृत्तिका नक्षत्रः- यदि आपका नाम वृषभ राशि कृत्तिका नक्षत्र के अंतिम तीन चरण (ई, उ, ए) में है, तो आपका जन्म 6 वर्ष सूर्य की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-मेढ़ा, गण-राक्षस, वर्ण-वैश्य, हंसक-भूमि, नाड़ी-अन्त्य, वर्ग-गरुड़, युजा-पूर्व, पाया-सुवर्ण, वैश्य-चतुष्पद है। कृत्तिका नक्षत्र में जन्मा व्यक्ति तुनकमिज़ाज, सुंदर एवं कठोर परिश्रमी होता है।
रोहिणी नक्षत्रः- यदि आपका नाम वृषभ राशि रोहिणी नक्षत्र (ओ, वा, वी, वू) में हुआ है, तो आपका जन्म 10 वर्ष चंद्रमा की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-सर्प, गण-मनुष्य, वर्ण-वैश्य, हंसक-भूमि, नाड़ी-अन्त्य, वैश्य-चतुष्पद, प्रथम चरण में वर्ग-गरुड़, द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ चरण में वर्ग-हिरण, युजा-पूर्व, पाया-सुवर्ण है। रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने वाला व्यक्ति अति बुद्धिशाली, पशुधन, अधिक वाहनों से युक्त, ऐश्वर्यपूर्ण जीवन जीने वाला, भोगी एवं योगी दोनों गुणों से सम्पन्न होता है।
मृगशिरा नक्षत्रः- यदि आपका नाम वृषभ राशि मृगशिरा नक्षत्र के प्रथम दो चरणों (वे, वो) में है, तो आपका जन्म 7 वर्ष वाली मंगल की महादशा में हुआ है। आपकी योनि-सर्प, गण-देव, वर्ण-वैश्य, युजा-पूर्व, हंसक-भूमि, नाड़ी-मध्य, पाया-सुवर्ण, वैश्य-चतुष्पद एवं वर्ग-हिरण है। मृगशिरा नक्षत्र में उत्पन्न व्यक्ति अधैर्यशाली, आक्रामक, युद्धकला में प्रवीण, उत्साही खिलाड़ी होता है तथा धन कमाने के मामले में सदैव सफल होता है।
शुक्र एक विलासी, शीतल व सौम्य ग्रह है। यह रात्रि को हल्की श्वेत झलकदार किरणें बिखेरता है। अतः श्वेत रंग व साफ़-सुथरी ऐश्वर्य प्रधान वस्तुओं का व्यापार आपके अनुकूल कहा जा सकता है। आपका अनुकूल रत्न ‘हीरा’ है।

वृषभ राशि वालों के लिए उपाय

वृषभ राशि के लोगों को ‘ओपेल’ रत्न युक्त ‘शुक्र मंत्र’ गले में धारण करना चाहिए। शुक्रवार का व्रत करें। शुक्रवार के दिन मछलियों को चुग्गा दें। श्रीयंत्र का नित्य पूजन भी वृषभ राशि वालों के भाग्य को चमका सकता है। ‘ॐ शुं शुक्राय नमः’ शुक्र के बीज मंत्र की एक माला रोज़ाना फेरें। हर शुक्रवार और मंगलवार को कुत्तों को दूध तथा डबलरोटी देते रहें।

वृषभ राशि की प्रमुख विशेषताएं

  1. राशि ‒ वृषभ
    1. राशि चिह्न ‒ वृषभ (बैल)
    2. राशि स्वामी ‒ शुक्र
    3. राशि तत्त्व ‒ पृथ्वी तत्त्व
    4. राशि स्वरूप ‒ स्थिर
    5. राशि दिशा ‒ दक्षिण
    6. राशि लिंग व गुण ‒ स्त्री, रजोगुणी
    7. राशि जाति ‒ वैश्य
    8. राशि प्रकृति व स्वभाव ‒ सौम्य स्वभाव, वात प्रकृति
    9. राशि का अंग ‒ मुख
    10. अनुकूल रत्न ‒ हीरा
    11. अनुकूल उपरत्न ‒ ओपेल, जिरकॉन
    12. अनुकूल रंग ‒ श्वेत
    13. शुभ दिवस ‒ शुक्रवार, शनिवार
    14. अनुकूल देवता ‒ श्रीलक्ष्मी, संतोषी माता
    15. व्रत, उपवास ‒ शुक्रवार
    16. अनुकूल अंक ‒ 6
    17. अनुकूल तारीखें ‒ 6/15/24
    18. मित्र राशियां ‒ मकर, कुंभ
    19. शत्रु राशियां ‒ सिंह, धनु व मीन
    20. व्यक्तित्व ‒ गुरुभक्त, कृतज्ञ, दयालु
    21. सकारात्मक तथ्य ‒ आकर्षक पहनावा, वस्त्र-आभूषण में रुचि
    22. नकारात्मक तथ्य ‒ दुराग्रही, कानों का कच्चा, आलसी