Tips for Healthy Relationship: हर शादीशुदा जोड़ा चाहता है कि उसका अपने पार्टनर के साथ रिलेशनशिप बहुत अच्छा हो। उनकी भरसक कोशिश रहती है कि दोनों खुश रहें। समय के साथ एक-दूसरे के प्रति प्यार बढ़े और रिश्ता मजबूत हो। लेकिन कई बार शादीशुदा व्यक्ति जाने-अनजाने में कुछ गलतियां कर जाते हैं जिनकी वजह से रिश्ते में दूरियां बढ़नी शुरू हो जाती हैं। यहां हम कुछ गलतियां बता रहे हैं जिनकी वजह से अच्छे से अच्छा रिलेशन भी टूटने के कगार पर आ जाता है। अगर आप अपने व्यवहार में ऐसी कुछ गलतियों को महसूस कर रहे हैं, तो रिलेशनशिप को बरकरार रखने के लिए आपको समय रहते इन्हें सुधारनेे का कोशिश जरूर करनी चाहिए।
तुलना करना

कभी भी अपने पार्टनर के सामने किसी दूसरे के पार्टनर की बढ़ाई नहीं करनी चाहिए जैसे- अपनी पत्नी के सामने अपने दोस्त या रिश्तेदार की पत्नी या फिर पत्नी भी अपने पति के सामने किसी के पति की तारीफ नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से जरूरी नहीं कि वो उनकी बातों को फोलो करें या खुद को बदलने की कोशिश करें। विपरीत इसके पार्टनर को अपने व्यक्तित्व के कमतर होने का अहसास होने लगता है। या उसमें नेगेटिव फीलिंग आनी शुरू हो जाती हैं जिसके चलते वो धीरे-धीरे दूरी बना लेता है।
अगर कोई वाकई अपने पार्टनर में पोजिटिव बदलाव चाहता है, तो उन्हें आपस में खुले तौर पर प्यार से बातचीत कर बदलाव लाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। पार्टनर को यकीन दिलाना चाहिए कि वह ऐसा उन्हें परफेक्ट बनाने के लिए कर रहे हैं। अपने पार्टनर को मोटिवेट करने के लिए उन्हें वह काम खुद शुरू कर देना चाहिए। जैसे- अगर कोई पार्टनर को फिट देखना चाहता है, तो उसेे फिटनेस जर्नी खुद से शुरू कर देनी चाहिए। फिजीकल एक्सरसाइज या वर्कआउट करना शुरू कर देना चाहिए और अपने पार्टनर को साथ देने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। संभव है वो भी इसके लिए तैयार हो जाए और दोनों में नजदीकियां और बढ़ें।
पार्टनर का मजाक उड़ाना
कोशिश करें कि अपने पार्टनर का मजाक न उड़ाएं। चाहे आप अकेले ही क्यों न हों, उनकी किसी बात, बिहेवियर, पर्सनेलिटी, लुक्स, प्रोफेशन या किसी भी चीज को लेकर उनका मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। इससे आपका पार्टनर को बुरा लग सकता है।
हेल्दी रिलेशनशिप के लिए जरूरी है कि पार्टनर को हमारा साथ अच्छा लगना चाहिए, उसे खुशी मिलनी चाहिए। लेकिन अगर हम उसका बात-बात पर मजाक उड़ाएंगे या उसका अपमान करेंगे, तो वह हमारे साथ रहना पसंद नहीं करेगा। हमारे रिश्ते में प्यार नहीं, दूरियां बढ़ेंगी।
पर्सनल केयर को इग्नोर करना

समय गुजरने के साथ शादीशुदा जोड़े आमतौर पर पर्सनल केयर करना बंद कर देते हैं। एक-दूसरे के लिए अच्छी तरह ड्रेसअप होना बंद कर देते हैं, यहां तक कि रोजाना शेव न करना, कंघी न करना, ढंग के कपड़े न पहनना जैसी पर्सनल हाइजीन का ध्यान नहीं देते। लेकिन जब कभी बाहर जाते हैं, तब बहुत अच्छी तरह तैयार होकर जाते हैं। हालांकि इसे वो कंफर्टेबल होने का जामा पहनाते हैं, लेकिन ऐसा करना कई बार अखरता है। पर्सनल हाइजीन मेंटेन न करने से उसके मन में हमारी नेगेटिव इमेज बननी शुरू हो जाती है। इससे लगता है कि व्यक्ति अपने पार्टनर को महत्व नहीं दे रहा, जिससे धीरे-धीरे उनमें दूरियां बढ़ने लगती हैं।
किसी तीसरे को बीच में लाना
अमूमन पति-पत्नी के बीच छोटे-मोटे मनमुटाव, टकराव या लड़ाई होना आम बात है। लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अपने बीच में सुलह के लिए किसी तीसरे आदमी को नहीं आने देना चाहिए। भले ही वो उनका कितना भी करीबी क्यों न हो। इससे उनका रिश्ता कमजोर पड़ना शुरू हो जाता है। जरूरी है कि अपने मनमुटाव को आपसी बातचीत के माध्यम से गिले-शिकवे को खुद दूर करने कोशिश करना बेहतर है।
एक-दूसरे के परिवार का अनादर

मनमुटाव होने पर अक्सर शादीशुदा जोड़े एक-दूसरे की फैमिली पर छींटाकशी करना शुरू कर देते हैं। इससे जन्म-जन्मांतर तक साथ निभाने का वायदा करने वाले जीवनसाथी अलग-अलग टीम की तरह पेश आते हैं। इसके बजाय पति-पत्नी को एक मजबूत टीम की तरह भूमिका निभानी चाहिए। जिंदगी के आने वाली बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान एक-दूसरे के साथ मिलकर शांतिपूर्वक और तर्कसंगत तरीके से बातचीत करके निकालना चाहिए।
अगर वो अपने पार्टनर की फैमिली के बारे में भला-बुरा बोलते हैं, तो वह अपने पार्टनर का अनादर ही करते हैं। संभव है कुछ समय बाद उनका गुस्सा या मनमुटाव शांत हो जाए, लेकिन फैमिली के बारे में बोली गई बातें उनके मन में हमेशा बनी रहती हैं जो उनके बीच दूरियां कायम करने में अहम भूमिका निभाती हैं।
पर्सनल स्पेस न देना
यकीनन शादी के बाद अपने पार्टनर को महत्ता देनी जरूरी है। लेकिन यह जरूरी नहीं कि उनकी दुनिया एक-दूसरे तक ही सिमट कर रह जाए। यानी 24 घंटे केवल एकसाथ रहें, घर हो या बाहर सिर्फ पार्टनर के साथ ही जाएं- तो यह गलत है। क्योंकि प्रेम या शादी के मायने किसी को बंधन में जबरन बांधना नहीं है। हर रिलेशन में स्पेस देना जरूरी है और जिंदगी की अलग-अलग जिम्मेदारियों को निभाने के लिए टाइम देना जरूरी होता है। इससे कई बार आपस में घुटन महसूस होने लगती है और न चाहते हुए भी धीरे-धीरे रिलेशनशिप कमजोर पड़नेे लगती है।
इसके बजाय दोनों को समुचित स्पेस देना जरूरी है। पार्टनर से अलग अपना अलग दायरा जरूर होना चाहिए, जिसमें रहकर उन्हें सुकून मिले। वो दायरा चाहे अपने दोस्तों या रिश्तेदारों का ही क्यों न हो जिनसे मिलना संभव न हो तो कुछ देर फोन पर बात करके कंफर्टेबल हो सकते हैं। या फिर दिन में कुछ समय मी-टाइम या अपनी हॉबीज को अंजाम देने में गुजार कर अपने व्यक्तित्व को निखार सकते हैं।
अहम निर्णय में पार्टनर को शामिल न करना

अमूमन जिंदगी में कई तरह की समस्याएं, चुनौतियां आती हैं जो उनकी फैमिली, बच्चों और भविष्य में आर्थिक-सामाजिक स्थिति को प्रभावित कर सकती हैं। पति हो या पत्नी, जिंदगी के बारे में किसी भी तरह का निर्णय लेने से पहले अपने पार्टनर को जरूर शामिल करना चाहिए। यानी दोनों एकसाथ हर पहलू पर बातचीत करने के बाद निर्णय लेना चाहिए। ऐसा न करने पर दूसरे पार्टनर के मन में नेगेटिविटी बढ़नी शुरू हो जाती है। वो अपने आपको रिलेशनशिप में इग्नोर फील करना शुरू कर देता है जिससे उसके मन में प्यार कम हो जाता है, शिकायतें बढ़ने लगती हैं।
दूसरी तरफ जब कोई पार्टनर जिंदगी के अहम निर्णय लेने से पहले उसके पक्ष-विपक्ष में दूसरे पार्टनर से सलाह-मशविरा करता है, तो इससे दूसरा पार्टनर अपनी महत्ता महसूस करता है। दोनों के बीच दूरियां नहीं होती, प्यार बढ़ता है और रिलेशनशिप मजबूत होती है।
एक-दूसरे के प्रति बेरुखी का रवैया

पति-पत्नी के बीच दूरियां आने की एक बड़ी वजह है। जब कोई पार्टनर अपनी भावनाओं या अपनी दिनचर्या को शेयर कर रहा है, लेकिन दूसरा उसे तवज्जो नहीं देता या बात को अनसुना कर देता है। बेरूखी के रवैये के कारण दूसरे पार्टनर के अंतर्मन को ठेस पहुंचती है और अपनी अहमियत को नकारता महसूस करता है। नतीजतन धीरे-धीरे वो अपनी बातों या इमोशन को शेयर करना कम कर देता है, उनमें आपस में दूरियां बढ़नी शुरू हो जाती हैं।
इसलिए जब कभी पार्टनर अपनी बात शेयर कर रहा हो, ध्यान रखना चाहिए कि चाहें कितना भी जरूरी काम कर रहे हों, उसे रोक कर पार्टनर की बात सुनें या फिर उसे थोड़ी देर रूककर बात करने के लिए कहें। जब भी बात करें आई-कॉन्टेक्ट बनाते हुए, उनके इमोशन को समझते हुए उनकी बात पूरे ध्यान से सुनें। इससे रिलेशनशिप मजबूत होती है।
पार्टनर से झूठ बोलना
झूठ पति-पत्नी के रिलेशनशिप को कमजोर बनाने का अहम कारण है। झूठ चाहे छोटी-सी बात को लेकर क्यों न बोला जाए, इसका मतलब अपने पार्टनर के विश्वास को तोड़ना, उसे धोखा देना है। यह इस बात की इशारा करता है कि वो अपने पार्टनर को आदर या महत्व नहीं दे रहे हैं। उनकी रिलेशनशिप में प्रॉब्लम चल रही है। झूठ बोलने से पार्टनर का विश्वास टूटता है, धीरे-धीरे आपस में प्यार कम होने लगता है और रिलेशनशिप में दरार पड़ने लगती है। लेकिन कई बार अपने पार्टनर के गुस्से या समझ न पाने की वजह से झूठ बोलना पड़ता है ताकि पार्टनर की भावनाओं को ठेस न पहुंचे।
उनका रिश्ता ऐसा होना चाहिए कि हम बिना किसी डर के हर बात को अपने पार्टनर के साथ शेयर कर सकें। झूठ बोलने के कारण का पता लगाना जरूरी है। अपने पार्टनर के साथ बैठकर इस समस्या का समाधान करना जरूरी है कि पार्टनर के ओवर रिएक्शन या हर बात में टोका-टोकी की वजह से दूसरे को झूठ बोलने की जरूरत पड़ती है। उसे बहुत प्यार से यह आदत सुधारने के लिए समझाना चाहिए।
(डॉ रचना खन्ना, मेंटल वेलनेस एंड रिलेशनशिप एक्सपर्ट, आर्टेमिस अस्पताल, दिल्ली)
