Sex Myths Truth: सेक्सुअलिटी मानव जीवन का अहम पहलू है और लोगों के पास इसके बारे में सही जानकारी उपलब्ध नहीं है क्योंकि हमारे देश में इस विषय पर खुलकर बात करना नेचुरल नहीं माना जाता है l आज कुछ ऐसे फैक्ट्स को जानकर आश्चर्य होगा जिसके विषय में आपको सही जानकारी नहीं है l इस लेख में हम बात करेंगे कुछ ऐसे कॉमन सेक्स मिथ के बारे में जिससे आप इस विषय को खुलकर समझ सकते हैं
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मिथक : ज्यादा सेक्स मतलब ज्यादा अच्छी सेहत

लोग यह समझते हैं कि हमारी सेक्सुअल लाइफ जितनी अच्छी है उतना ही अधिक हमें स्वास्थ्य लाभ मिल सकता है पर अधिक मायने यह रखता है कि उसकी क्वालिटी कैसी है l क्या यह दोनों पार्टनर्स के लिए संतोषजनक है, या इसमें दोनों की सहमति है और क्या यह नियमित रूप से है l यह सभी बातें इमोशनल वैल बीइंग में मदद करती हैं l आवश्यक बात यह है कि इसमें संतुलन हो और कम्यूनिकेशन गैप ना हो l
मिथक : आकार रखता है मायने

वास्तविकता यह है कि पुरुष जननांग का आकार यह तय नहीं करता की सेक्सुअल सेटिस्फेक्शन उसके कारण अधिक होगा बजाए इसके आपका इमोशनल कनेक्शन, आपस में आपका कम्युनिकेशन और कंपैटिबिलिटी इसमें अहम् भूमिका रखते हैं l आपके संबंध में आपकी एक दूसरे से इंटिमेसी और आपसी आनंद आपको सेटिस्फेक्शन देगी l
मिथक : कंडोम का इस्तेमाल नही होता है आराम दायक

अनचाही प्रेगनेंसी और यौन संचारित इन्फेक्शन को रोकने के लिए कंडोम का इस्तेमाल जरूरी है l आजकल बाजार में ऐसी क्वालिटी के कंडोम उपलब्ध हैं जो आरामदायक हैं l वह सेंसेशन को बेहतर करते हैं इसलिए सेक्सुअल एक्टिविटीज के दौरान इनका इस्तेमाल करना आपकी तरफ से एक सुरक्षित और जिम्मेदार कदम है I
मिथक : ऑर्गेज्म को एक्सप्रेस करना मतलब ज्यादा आनंद अनुभव करना
रियलिटी यह है कि कुछ ना बोलने का मतलब असंतोष नहीं होता है l हर व्यक्ति अपने तरीके से खुशी व्यक्त करता है l अपनी इच्छाओं और अपनी प्राथमिकताओं के बारे में अपने साथी से बात करें l यह आपको संतुष्टि देगा और आपका सेक्शुअल एक्सपीरियंस आनंद दायक रहेगा l
मिथक : महिलाए नही देखती पोर्न
पोर्न उपभोग महिलाएं नहीं करती ऐसा जरूरी नहीं है क्योंकि वास्तविकता यह है कि कई महिलाएं दृश्य उत्तेजना और कामोत्तेजकता का आनंद लेती हैं l हर किसी की प्राथमिकताएं अलग-अलग हो सकती हैं l आपकी सीमाएं और आपकी साझा रुचिया आपकी आपसी संतुष्टि और समझ को बढ़ा सकती हैं l
मिथक : आप अपने पीरियड्स के दिनों में गर्भधारण नही कर सकते
यूं तो पीरियड्स के दौरान गर्भधारण की संभावना कम होती है लेकिन यह असंभव नहीं है I स्पर्म, रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट में कई दिनों तक एक्टिव रहते हैं जिससे गर्भधारण होने के चांसेस बढ़ जाते हैं यदि आप प्रेगनेंसी प्लान नहीं करना चाहते हैं तो रिलायबिल गर्भ निरोधक तरीकों का उपयोग किया जाना चाहिए
