चुप रह कर गलत को ना दे बढ़ावा, नयी सोच पर करें काम
हालांकि लोगों को आपसे हमेशा यही उम्मीद रहेगी की आप उनकी किसी भी गलत बात का कोई जवाब नहीं देंगे। गलत बातों पर चुप रहने की जगह सही जवाब देने की आदत डालें।
Relationship Advice: एक चुप सौ सुख। याद होगी न आपको ये मशहूर कहावत। ना जाने कितनी बार इसे अपनाया भी होगा। इस से पहले ये आपकी आदत बन जाए। समय रहते इस आदत से पीछा छुड़ाएं। कभी कभी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर आप इसे अपनी आदत बना लेंगे तो ये आपके लिए परेशानी का सबब बन जाएगा। हालांकि लोगों को आपसे हमेशा यही उम्मीद रहेगी की आप उनकी किसी भी गलत बात का कोई जवाब नहीं देंगे। गलत बातों पर चुप रहने की जगह सही जवाब देने की आदत डालें। एक चुप सौ सुख नहीं कई सारे दुःख ले कर आएगा और आपके जीवन को दुखमय बना देगा। जहां जरुरत हो वही पर शान्ति बनाएं रखें और जहां आपको महसूस हो की सामने वाला गलत है तुरंत उसकी बात का उल्लंघन करें।
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शब्दों पर ध्यान दें

हमारे व्यवहार को शब्द आइना दिखातें हैं। साधारण बोलचाल की भाषा में अच्छे शब्दों का चयन करें। किसी का ओहदा,उम्र, देख कर अपने शब्दों का चयन करना गलत है। आपस में करी हुई बातचीत में शब्द बहुत मायने रखते हैं। कुछ जादुई शब्दों का चुनाव करें, जैसे की, थैंक्यू, एक्सक्यूज़ मी, सॉरी, प्लीज़ जैसे शब्दों के इस्तेमाल से परहेज़ ना करें। गलत बर्दाश्त करने की जगह सामने वाले को उसके शब्दावली ठीक करने की सलाह दें। चुप रह कर उसकी गलत बातों को बढ़ावा ना दें।
ताने ना सहें

किसी के तानों को बिलकुल ना सहें। इस तरह सामने वाले को गलत करने का बढ़ावा मिलता है। जवाब चाहें प्यार से दें पर सामने वाले को उसकी गलती का एहसास करा दें। अक्सर कुछ लोगों को छींटाकशी करने की आदत होती है। सामने वाले को हर बात पर गलत साबित करना उनके लिए बहुत आम होता है। खुलकर बात करें और बताएं इस तरह का व्यवहार आगे से आपके साथ ना किया जाए। गलतियों का एहसास सही समय पर करा दिया जाए तो आपको चुप रहने की जरुरत ही नहीं पड़ेगी।
बहस से दूर रहें

बहस से दूर रहने की कोशिश करें। इसका मतलब ये नहीं, चुप रहें सब सहते रहें। फिर भी बहस हो जाने पर असभ्य भाषा का पूरी तरह विरोध करें। गुस्स्से में इंसान काफी कुछ कह जाता है। उस वक़्त सोचने समझने की शक्ति खो बैठता है। बाद में इन सब गलत चीजों का असर आपके रिश्तों पर पड़ता है। धमकी देने वाले को सख्त चेतावनी दें।
बातें होती रहें

मनमुटाव हो जाने पर धैर्य रखें। पुरानी बातें निकाल कर झगड़ा ना करें। चुप्पी साधे रहना से अच्छा है बात का हल निकालें। एक दूसरे पर आरोप ना लगाएं। चुप रह कर परेशान ना हों। आपस में बात करके हर समस्या का हल निकाल जा सकता है। एक दूसरे की हर तरह से सहायता करें। एक दूसरे को थोड़ा स्पेस दें। बातों से हर बड़ी से बड़ी समस्या का हल निकाला जा सकता है।
क्यों ना अपनाए एक चुप सौ सुख वाली कहावत

बात बहस करने या तुरंत जवाब देने की नहीं है। हाकांकि, यहां हम बात करे रहें हैं हर व्यक्ति के आत्मसम्मान की और, अगर हम गलत सहते जाएंगे तो सामने वाले को ना सिर्फ हमसे बल्कि हर किसी से यही उम्मीद रहेगी की वो हमेशा सही हैं और सामने वाला गलत। चुप रहन किसी भी परेशानी का हल नहीं होता। हर परेशानी का हल बातों से निकाला जा सकता है।
