ऐसा कई बार होता है, जब दूसरे आपकी जिंदगी में बिन बुलाए मेहमान बन कर आपकी लाइफ के निर्णय भी लेने लगते हैं। एक जोड़े के बीच तीसरे का क्या काम लेकिन ये तीसरा वो सारे काम करने लगता है, जो उसे बिलकुल नहीं करने चाहिए थे। एक रिश्ते में किसी तीसरे का बोलना, भारतीय परिवारों में आम सी बात है। कभी सास बहू-बेटे के बीच ज्यादा बोलती है तो कभी बेटी-दामाद के बीच मां का बोलना सबको बुरा लगता है। कभी-कभी अनुभव के आधार पर किसी बड़े का बोलना अच्छा भी लगता है। लेकिन हर बार नहीं, ऐसा तो बहुत खास मामलों में ही किया जाता है। लेकिन कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं, जो जोड़े के बीच में बोलकर रिश्ते को और खराब ही करते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है और इस बात का एहसास आपको हो चुका है तो यही समय है कि अपने रिश्ते में तीसरे का दखल को खत्म कर दें। 
एहसास है जरूरी-
किसी भी तरह के सुधार से पहले जरूरी है कि आपको गलती का एहसास हो। इसलिए समय रहते ये समझना जरूरी है कि परेशानियों की जड़ आप दोनों के बीच में किसी का बार-बार बोलना है। ये नियम आपको रिश्ते को सुधारने के लिए बनाना ही होगा कि आप दोनों के निर्णय कोई और नहीं लेगा बल्कि आप और आपके पति लेंगे। इसलिए सबसे पहले तो किसी भी मुद्दे को सिर्फ तब ही किसी के सामने बोलिए, जब वो आप दोनों से सॉल्व न हो रहा हो या फिर उसका हल हो ही किसी और के पास। जब बात आप दोनों के बीच से किसी के पास जाएगी ही नहीं तो फिरवो आप दोनों के बीच में बोलेगा ही नहीं। 
जितना आप चाहें-
देखिए किसी का आपके रिश्ते के बीच में बोलना तब तक गलत नहीं है, जब तक वो आपकी मर्जी के हिसाब से बोल रहा है। मतलब जब तक आप चाहें, वो तब तक बोले तो ठीक है लेकिन उसके बाद किसी का भी बोलना अच्छा नहीं है। इसलिए आपको ये सीमा रेखा बनानी होगी कि जब तक आप न चाहें, तब तक कोई आपके मामले में बोल ही न पाए। ये करना आसान नहीं होता है, इसके लिए आपको कुछ सख्त कदम उठाने होंगे। अपनी बात सख्ती से कहनी होगी कि जब आप मांगे तब ही सलाह दी जाए। 
रिश्ते अलग-अलग-
आपके साथ हर रिश्ता अलग-अलग होना चाहिए। हर रिश्ते को हैंडल करने का तरीका भी। जहां पति को कोई बात किसी एंगल से समझाएंगी तो मां या बहनों को अलग तरह से। ठीक इसी तरह हर बात में किस को बोलना है किसको नहीं। आपको इसका निर्णय लेना होगा। जैसे आप और आपकी मां के बीच पति का बोलना ठीक नहीं है ठीक उसी तरह पति और आपके बीच में भी आपकी मां का बोलना ठीक नहीं है। किसी बड़े झगड़े से इस बात का एहसास हो इससे पहले आप ये बात समझ लें तो अच्छा।