Summary: भांग और धतूरा क्यों हैं भगवान शंकर को प्रिय? जानिए धार्मिक और वैज्ञानिक कारण
समुद्र मंथन के विष से राहत देने वाले भांग-धतूरा भगवान शंकर की प्रिय वस्तुएं हैं, जो न सिर्फ आस्था बल्कि आत्मशुद्धि और सकारात्मकता का प्रतीक भी हैं। सावन में इनका अर्पण सुख-समृद्धि और शांति का मार्ग खोलता है।
Why Lord Shankar likes Bhang and Dhatura: सावन का पवित्र महीना शुरू हो चूका है और यह महीना भगवान शंकर को प्रसन्न करने का सबसे उत्तम समय माना जाता है। भक्त पूरे महीने अपने भोलेनाथ को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए उनकी प्रिय वस्तुएं अर्पित करते हैं। भगवान शंकर की पूजा में जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, भांग, शहद, घी, पुष्प और गुलाल को जरूर शामिल किया जाता है। लेकिन इसमें भांग और धतूरा भगवान शंकर को बहुत प्रिय है, आखिर ऐसा क्यों है? आइए जानते हैं इसके पीछे की मान्यता।
भगवान शंकर को क्यों पसंद है भांग व धतूरा

भगवान शंकर को भांग क्यों पसंद है इसका वर्णन धार्मिक दृष्टि से देवी भागवत पुराण में बताया गया है। इस पुराण के अनुसार भगवान शंकर ने जब समुंद्र मंथन के दौरान निकले हालाहल विष को पी लिया था, तब वे इसकी तपिश से व्याकुल होने लगे थे। तब अश्विनी कुमारों ने भांग, धतूरा और बेल आदि औषधियों से भगवान शंकर की व्याकुलता दूर की। उस समय से ही भगवान शंकर को भांग व धतूरा प्रिय है। भगवान शंकर पर जो भी भक्त भांग व धतूरा चढ़ाते हैं, वे उनपर जल्दी प्रसन्न होते हैं।
इसके अलावा भी भगवान शंकर को भांग व धतूरा चढ़ाने के पीछे एक और गहरा अर्थ छिपा है। दरअसल भांग व धतूरा ये दोनों ही चीजें नशीली और जहरीली मानी जाती हैं। इन्हें भगवान शंकर पर चढ़ाने का अर्थ है कि हमें अपने अंदर की सारी नकारात्मकता, बुरी आदतें और कड़वाहट को शिव को समर्पित कर, अपने अन्दर सकारात्मकता और अच्छाई लाने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही अपने जीवन को शुद्ध और शांत बनाना चाहते हैं। भांग और धतूरा भगवान शंकर के प्रति हमारी समर्पण भावना और बुराइयों से मुक्ति का संकेत देते हैं।
क्या है इसका वैज्ञानिक कारण

जैसा कि हम जानते हैं भगवान शंकर कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं। यह जगह अत्यंत ठंडा रहता है, यहाँ ऐसे आहार और औषधि की जरुरत पड़ती है जो शरीर को गर्म रख सके। ऐसे में वैज्ञानिक दृष्टि से भांग और धतूरा दोनों की ही तासीर गर्म होती है और इनका सीमित मात्रा में सेवन औषधि का काम करता है व शरीर को अंदर से गर्म रखता है।
सावन में शिवलिंग पर कैसे चढ़ाएं धतूरा व भांग

शिवलिंग पर धतूरा चढ़ाने से सुख, समृद्धि, और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग पर धतूरा चढ़ाने से शत्रुओं से छुटकारा मिलता है और आत्मबल में वृद्धि होती है। इसके अवाला तनाव दूर होता है और मानसिक शांति भी मिलती है। शिवलिंग पर धतूरा चढ़ाने के लिए सबसे पहले इसे शुद्ध जल से धोकर साफ करें, फिर इसे शिवलिंग पर अर्पित करें।
आप चाहें तो हल्दी और गंगाजल का लेप भी धतूरे पर लगा कर चढ़ा सकते हैं। शिवलिंग पर धतूरा व भांग चढ़ाते समय हमेशा “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप जरूर करें। आप चाहें तो भांग दूध में मिलाकर भी शिवलिंग पर चढ़ा सकते हैं। ऐसा करने से आर्थिक परेशानियां कम होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
