Sawan 2025
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Summary: भगवान शंकर को क्यों प्रिय है बेलपत्र? जानिए धार्मिक, पौराणिक और वैज्ञानिक कारण

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना भगवान शंकर को प्रसन्न करने का सरल उपाय है, जो उनके विषपान के बाद उन्हें शीतलता देने के लिए शुरू हुआ। इसमें त्रिदेवों का वास, पाप नाशक शक्ति और औषधीय गुण भी होते हैं।

Belpatra for Lord Shiva: भगवान शंकर की पूजा में बेलपत्र अवश्य ही शामिल किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शंकर बहुत भोले हैं, वे केवल एक लोटा जल और बेलपत्र चढ़ाने मात्र से खुश हो जाते हैं। बेलपत्र एक पेड़ का पत्ता होता है, जिसका अपना धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान शंकर को आखिर बेलपत्र क्यों इतना प्रिय है? आइए जानते हैं कि शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का क्या महत्व है।

Belpatra for Lord Shiva
Why is Belpatra dear to Lord Shankar

पौराणिक मान्यता के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब भगवान शंकर ने कालकूट विष का पान किया तो इस विष के प्रभाव से भगवान शंकर का शरीर जलने लगा। इससे भगवान शंकर का गला नीला पड़ गया और उनका शरीर बहुत गर्म हो गया। तब देवताओं और ऋषियों ने मिलकर शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाया, जिससे उनके शरीर की जलन शांत हुई। तभी से भगवान शंकर को बेलपत्र अत्यंत प्रिय हो गए।

स्कंद पुराण के अनुसार, माता पार्वती के स्वेद यानी पसीने की बूंद मंदराचल पर्वत पर गिरी और उसी से बेलपत्र वृक्ष की उत्पत्ति हुई। ऐसा भी कहा जाता है कि बेलपत्र के वृक्ष में माता पार्वती के सभी रूप बसते हैं। बेलपत्र में माता पार्वती का प्रतिबिंब होने के कारण भी इसे भगवान शंकर पर चढ़ाया जाता है।

Belpatra
Beliefs related to Belpatra

ऐसा कहा जाता है कि बेलपत्र में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का वास है। इसके तीन पत्ते त्रिमूर्ति सृजन, पालन, संहार के प्रतीक होते हैं। शास्त्रों में बेलपत्र में तीन जन्मों के पापों को नाश करने की शक्ति बताई गई है।

बेलपत्र में शीतलता प्रदान करने वाले गुण पाए जाते हैं। इसलिए तपती गर्मी में इसके पेड़ से प्राप्त होने वाले फल का शरबत बना कर पीया जाता है। इसके अलावा बेलपत्र में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण भी मौजूद होता है। साथ ही बेलपत्र का पेड़ वायु को शुद्ध करता है और वातावरण को शांति प्रदान करता है। आयुर्वेद के अनुसार बेलपत्र का उपयोग पाचन तंत्र, मधुमेह और हृदय के रोगों के इलाज में किया जाता है। इसके अलावा बेलपत्र का रस शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करता है।

Shivline and Bel Patra
How should Belpatra be offered to Lord Shankar?

पौराणिक शास्त्रों में भगवान शंकर को बेलपत्र चढ़ाने के कई नियम बताए गए हैं। उन्हें बेलपत्र हमेशा ही चिकनी सतह वाली तरफ से चढ़ाना चाहिए, साथ ही बेलपत्र की डंठल जल की धार की तरफ होना चाहिए। कभी भी शिवलिंग पर भूलकर भी कटी पत्तियों वाला बेलपत्र नहीं चढ़ाना चाहिए। शिवलिंग पर बेलपत्र 3, 5, 7 और 11 की संख्या में चढ़ाना चाहिए।

Belpatra to Lord Shankar
Follow these rules while offering Belpatra to Lord Shankar
  • शिवलिंग पर बेलपत्र हमेशा ही चिकनी सतह वाली तरफ से चढ़ाएं।
  • पेड़ से बेलपत्र तोड़ते समय हमेशा “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप जरूर करें।
  • शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से पहले उसे पानी से अच्छी तरह से धोकर साफ कर लें।
  • बेलपत्र पर पीले चंदन से ॐ लिखकर चढ़ाने से काफी शुभ फल की प्राप्ति होती है।
  • शिवलिंग पर बेलपत्र हमेशा ही जल चढ़ाने के बाद चढ़ाना चाहिए।

ए अंकिता को मीडिया इंडस्ट्री में 9 वर्षों का अनुभव है। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की और खास तौर पर लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट बीट में रुचि रखती हैं। लेखन के अलावा वेब सीरीज़ देखना, घूमना, संगीत सुनना और फोटोग्राफी...