Ancestors Photo Vastu: हिंदू धर्म में आमतौर पर कई घरों में लोग पूर्वजों की तस्वीर लगाते हैं। जब घर के किसी परिजन का निधन हो जाता है तो हम उनकी याद में घर पर तस्वीर लगाते हैं और तस्वीर पर माला भी चढ़ाते हैं। यह हर घर-परिवार की एक आम परंपरा है। लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्वजों की तस्वीर लगाने के कुछ नियम होते हैं, जिसकी अनदेखी करने पर परिवार में मानसिक तनाव, आर्थिक तंगी, कलह-क्लेश और कार्यों में असफलता जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
वास्तु शास्त्र में ऐसी कई चीजों का उल्लेख किया गया है जिसका हमारे जीवन पर नकारात्मक या सकारात्मक रूप से प्रभाव पड़ता है। वास्तु शास्त्र में कई चीजों के साथ ही यह भी बताया गया है कि पूर्वजों की तस्वीर हमें कैसे और किस दिशा में लगानी चाहिए। कई घरों में पूर्वजों की तस्वीर लगी होती है, लेकिन अगर आप मृत पूर्वजों की तस्वीरे सही दिशा में या सही तरीके से नहीं लगाएंगे तो इसका नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है। इसलिए यह जान लीजिए कि पूर्वजों की तस्वीर कहां और कैसे लगाना उचित होता है।
एक से अधिक तस्वीर न लगाएं

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर पर पूर्वजों की तस्वीर लगाना अच्छा माना जाता है, इससे दुख सुख में पितरों का आशीर्वाद सदैव अपने परिवार वालों पर बना रहता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि पितरों की तस्वीर एक से अधिक नहीं होनी चाहिए। बहुत अधिक तस्वीर लगाने से नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव घर पर बढ़ सकता है और इसके अशुभ परिणाम भी मिल सकते हैं।
पितरों की तस्वीर लगाने की दिशा

वास्तु शास्त्र में दिशा का बहुत अधिक महत्व बताया गया है, क्योंकि दिशा से ही ऊर्जा का संचार होता है। पितरों की तस्वीर लगाने को लेकर वास्तु शास्त्र कहता है कि, पूर्वजों की तस्वीर हमेशा दक्षिण दिशा में लगानी चाहिए। इसका कारण यह है कि इस दिशा में पितरों का वास होता है। साथ ही यह दिशा मृत्यु के देवता यम की दिशा भी मानी जाती है। तस्वीर को कुछ इस प्रकार लगाए कि पितरों का मुख उत्तर दिशा की ओर हो। इस तरह से अगर आप पितरों की तस्वीर घर पर लगाएंगे तो पितरों का आशीर्वाद बना रहेगा और घर की सुख समृद्धि में भी वृद्धि होगी।
इन स्थानों पर कभी न लगाएं पितरों की तस्वीर

कुछ लोग पितरों की तस्वीर कहीं भी या किसी भी कमरे में लगा देते हैं, जिससे कि वास्तु दोष उत्पन्न होता है और कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार लिविंग रूम, बेडरूम, पूजा घर के पास, घर के केंद्र (ब्रह्मस्थान) में या घर के किसी कोने वाले स्थान की दीवारों में पितरों की नहीं लगानी चाहिए। क्योंकि ये ऐसे स्थान होते हैं, जहां बार-बार आने-जाने वालों की नजर पड़ती है। इसलिए ये स्थान पितरों की तस्वीर लगाने के लिए उचित नहीं माने जाते हैं। इन जगहों पर पूर्वज की तस्वीर होने पर घर पर नकारात्मकता बनी रहती है।
इन बातों का भी रखें ध्यान
पितरों की तस्वीर लगा देना ही काफी नहीं होता, बल्कि इसके बाद भी कुछ चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। इस बात का ध्यान रखें कि पितरों की तस्वीर पर धूल-मिट्टी या गंदनी न रहे। इलिए समय-समय पर तस्वीर का साफ-सफाई करते रहें। विशेष पर्व त्योहारों और अमावस्या के दिन पितरों की तस्वीर में नई माला लगाकर धूप-दीप दिखाएं। अगर तस्वीर पर फूलों की माला है तो फूल के मुरझाने के बाद माला जरूर बदलें। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होकर अपने वंश को आशीर्वाद देते हैं।
