20+ नासिक के ये हैं घूमने के लिए बेहतरीन स्थान और प्रमुख दर्शनीय स्थल
Famous Places in Nashik : नासिक काफी खूबसूरत शहर है, जो आधुनिक संस्कृति के साथ-साथ प्राचीन संस्कृति भी अपने अंदर समेटे हुए है। आइए जानते हैं यहां के कुछ खूबसूरत जगहों की लिस्ट-
Nashik Guwahati Me Ghumne ki Best Jagah: पुरानी और आधुनिक संस्कृति का मिश्रण, नासिक अपनी दोहरी पहचान के लिए प्रसिद्ध है। एक ओर जहां नासिक में कई तरह के आकर्षक प्राचीन मंदिर स्थित हैं। वहीं, दूसरी ओर आपको लक्जरी वाइन रिट्रीट मिलेंगे जो काफी लोकप्रिय हो गए हैं। इसलिए नासिक को ‘भारत की वाइन राजधानी’ कहा जाता है।
इसके अलावा, शहर का मौसम भी काफी ज्यादा सुहावना होता है। आप छुट्टियां बिताने के लिए इस शहर में एक बार जरूर विजिट करें। यहां घूमने के लिए कई खूबसूरत जगह हैं। आज इस लेख में हम आपको नासिक में घूमने के लिए 20+ बेहतरीन स्थल के बारे में बताएंगे।
नासिक में घूमने के लिए 20 खूबसूरत जगह – Famous Places in Nashik
| जगह शहर से दूरी | किलोमीटर |
| रामकुंड (Ramkund) | 2 किलोमीटर |
| मुक्तिधाम (Muktidham) | – 9 किलोमीटर |
| श्री धर्मचक्र प्रभाव तीरथ (Shri dharmachakra prabhav tirth) | 15 किलोमीटर |
| श्री कालराम मंदिर (Shri jalaram temple) | 2.5 किलोमीटर |
| सीता गुफा (Sita gufaa) | 2.7 किलोमीटर |
| त्रियंबकेश्वर (Trimbakeshwar) | 28 किलोमीटर |
| सोमेश्वर वाटरफॉल (Someshwar waterfall) | 9 किलोमीटर |
| पांडवलेनी गुफा (Pandavleni caves) | 8 किलोमीटर |
| सुंदरनारायण मंदिर (Sundarnarayan temple) | 2 किलोमीटर |
| सोमेश्वर मंदिर (Someshwar temple) | 7 किलोमीटर |
| सिक्का संग्रहालय (Coin museum) | 19 किलोमीटर |
| सुला वाइनयार्ड (Sula vineyards) | 12 किलोमीटर |
| सप्तश्रृंगी देवी मंदिर (Saptashrungi devi temple) | 65 किलोमीटर |
| अंजनेरी हिल (Anjaneri hill) | 26 किलोमीटर |
| सिन्नर (Sinnar) | 30 किलोमीटर |
| दुगर्वाडी झरना (Dugarwadi waterfalls) | 8 किलोमीटर |
| रामशेज किला (Ramshej fort) | 14.5 किलोमीटर |
| ब्रह्मागिरि हिल (Brahmagiri hills) | 31 किलोमीटर |
| त्रिगंलवाडी किला (Tringalwadi fort) | 50 किलोमीटर |
| हरिहर किला (Harihar fort) | 22 किलोमीटर |
रामकुंड (Ramkund)

यह नासिक के पुराने शहर में स्थित है, जो एक स्नान घाट है। यहां पूरे साल भक्तों का तांता लगा रहता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम ने अपने पिता का मृत्यु संस्कार यहीं किया था। नासिक के आसपास रहने वाले लोग अपने प्रियजनों की अस्थियां लेकर यहां आते हैं और इसे पानी में विसर्जित करते हैं, इस उम्मीद से कि उन्हें मोक्ष मिलेगा।
प्रवेश शुल्क
रामकुंड में प्रवेश के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। यह एक स्नान घाट है, तो ऐसे में आप यहां किसी भी समय जा सकते हैं।
मुक्तिधाम (Muktidham)

मुक्तिधाम में आप सभी 12 ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृतियां देख सकते हैं। यह संगमरमर से बना एक सुंदर मंदिर है, जहां की दीवारों पर महाभारत और भगवान कृष्ण के जीवन के बारे में शिलालेख हैं, जो यहां के देवता भी हैं। यह नासिक का प्रमुख आकर्षक केंद्र है।
प्रवेश शुल्क
यहां दर्शन के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। इस मंदिर में दर्शन के लिए आप सुबह 6 बजे से लेकर शाम के 7 बजे तक जा सकते हैं।
श्री धर्मचक्र प्रभाव तीरथ (Shri dharmachakra prabhav tirth)

इस मंदिर का निर्माण आचार्य श्री जग वल्लभ सूरीश्वरजी महाराज साहेब की प्रेरणा से की गई थी। नासिक में यह मंदिर जैन मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है। यह तीन मंजिला मंदिर है, जो जैन के अन्य मंदिर से काफी अलग है। इस मंदिर का निर्माण गुलाबी बलुआ पत्थरों से की गई है, जिसमें सफेद संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है।
प्रवेश शुल्क
आप इस मंदिर में बिना किसी शुल्क के प्रवेश कर सकते हैं।
श्री कालाराम मंदिर (Shri Kalaram temple)
यह मंदिर भगवान श्रीराम को समर्पित है। इस मंदिर के गर्भगृह के अंदर श्रीराम के काले पत्थर की मूर्ति स्थापित है। सन् 1790 ई. में इस मंदिर का निर्माण सरदार रंगाराव ओढेकर ने करवाया था।

प्रवेश शुल्क
मंदिर में प्रवेश के लिए आपको किसी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप यहां सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर के 12 बजे तक और शाम के 5 बजे से लेकर रात के 8 बजे तक दर्शन के लिए जा सकते हैं।
सीता गुफा (Sita gufaa)
नासिक में पंचवटी हिंदू भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहां भगवान राम अयोध्या से अपने 14 साल के वनवास के दौरान रुके थे। जैसे ही आप पंचवटी क्षेत्र में प्रवेश करेंगे आपको वह गुफा मिलेगी, जहां देवी सीता रुकी थीं। गुफा में प्रवेश करने के लिए एक लंबी कतार मिलेगी क्योंकि सैकड़ों भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं।

प्रवेश शुल्क
सीता गुफा में जाने के लिए आपको कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप यहां सुबह 6 बजे से लेकर रात के 9 बजे तक दर्शन के लिए जा सकते हैं।
त्र्यंबकेश्वर (Trimbakeshwar)
नासिक में यंबकेश्वर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। अगर आप नासिक घूमने के लिए जाएं, तो इस प्रसिद्ध स्थानों पर विजिट जरूर करें। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव यहां प्रकाश स्तंभ के रूप में प्रकट हुए थे। नासिक का शुभ कुंभ मेला इसी मंदिर के आसपास ही लगता है।

प्रवेश शुल्क
मंदिर में दर्शन के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। हालांकि, अगर आप वीआईपी दर्शन करना चाहते हैं, तो प्रत्येक व्यक्ति को 200 रुपये शुल्क देना होता है। इस मंदिर में दर्शन के लिए आप सुबह 5.30 बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक जा सकते हैं।
सोमेश्वर वाटरफॉल (Someshwar waterfall)

यह नासिक का सबसे प्रसिद्ध वॉटर फॉल है, जिसे दूधसागर झरने के नाम से भी जाना जाता है। यह गोदावरी नदी पर स्थित काफी खूबसूरत और छोटा सा झरना है, जिसकी ऊंचाई सिर्फ 10 मीटर है। अपने परिवार के साथ आप इस स्थल पर पिकनिक मनाने के लिए जा सकते हैं।
प्रवेश शुल्क
इस झरने को देखने के लिए आपको कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप यहां सुबह 6 बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक घूम सकते हैं।
पांडवलेनी गुफा (Pandavleni caves)

पांडवलेनी गुफा दूसरी शताब्दी के ईस्वी पूर्व की 24 चट्टानों को काटकर बनाया गया है। यह कई गुफाओं का एक समूह है। यह नासिक शहर के केंद्र से लगभग 10 किमी दूरी पर स्थित है, जो एक पवित्र बौद्ध स्थल भी है। आपको यहां बौद्ध धर्म की शुरुआत से संबंधित शिलालेख और नक्काशी देखने को मिलेंगे। गुफा संख्या 18 सबसे प्रमुख गुफा है, जहां आपको एक प्रार्थना कक्ष और एक स्तूप मिलेगा।
प्रवेश शुल्क
इस गुफा को देखने के लिए प्रति व्यक्ति शुल्क के रूप में 5 रुपये देना होता है। आप यहां सुबह 8.30 बजे से लेकर शाम के 5.30 बजे तक घूम सकते हैं।
सुंदरनारायण मंदिर (Sundarnarayan temple)

इस मंदिर का निर्माण सन् 1756 में गंगाधर यशवंत चंद्रचूड़ ने करवाया था। सुंदरनारायण मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। मंदिर की वास्तुकला काफी आकर्षक है। विशेष रूप से यह मुगल मूर्तिकला से मेल खाती है।
प्रवेश शुल्क
मंदिर में दर्शन के लिए किसी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप इस मंदिर में सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर के 12 बजे तक और शाम के 5 बजे से लेकर रात के 9 बजे तक जा सकते हैं।
सोमेश्वर मंदिर (Someshwar temple)

सोमेश्वर मंदिर गोदावरी नदी के तट पर स्थित है, जो नासिक के मुख्य शहर से लगभग 7 किमी दूरी पर स्थित है। यह मंदिर चारों ओर हरे-भरे हरियाली से घिरा हुआ है, जहां आपको काफी अच्छा महसूस होगा। इस मंदिर में भगवान शिव (मुख्य देवता) की मूर्ति के अलावा हनुमान जी की पूर्ति देखने को मिलेगी। यह मंदिर दोनों ही देवताओं को समर्पित एक मंदिर भी है।
प्रवेश शुल्क
इस मंदिर में जाने के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप यहां सुबह 8 बजे से लेकर शाम के 7 बजे तक जा सकते हैं।
सिक्का संग्रहालय (Coin Museum)

नासिक में कॉइन म्यूजियम को साल 1980 में इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च इन न्यूमिस्मैटिक स्टडीज के तहत स्थापित किया गया था। इस म्यूजियम में आपको वर्षों से भारतीय मुद्रा के विकास की झलक देखने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही यहां सिक्का ढलाई और सिक्का निर्माण को दर्शाने वाली झांकियां भी हैं, जिसमें आपको मुद्राशास्त्रीय सामग्री, कांस्य, टेराकोटा, तांबे-संग्रह वाली वस्तुएं और पेंटिंग देखने को मिलेगा।
प्रवेश शुल्क
इस म्यूजियम में जाने के लिए आपको प्रत्येक व्यक्ति 70 रुपये देना पड़ता है। आप यहां सुबह 9:30 बजे से दोपहर के 1:00 बजे तक और दोपहर के 2:00 से शाम के 5.30 तक जा सकते हैं।
सुला वाइनयार्ड (Sula vineyards)
नासिक अंगूर के बागों और बड़ी संपदाओं के बीच एक आरामदायक छुट्टियां बिताने के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध हो रहा है। अगर आप भी यहां छुट्टियां बिताने जा रहे हैं, तो सुला वाइनयार्ड आपके लिए बेस्ट हो सकता है। यहां आपको अंगूर की उत्कृष्ट गुणवत्ता देखने को मिल सकती है।

प्रवेश शुल्क
सुला वाइनयार्ड में जाने के लिए आपको प्रत्येक व्यक्ति 200 रुपये देना होगा। वहीं, आप यहां सुबह 10 बजे से लेकर शाम के 7 बजे तक जा सकते हैं।
सप्तश्रृंगी देवी मंदिर (Saptashrungi devi temple)

नासिक से 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह मंदिर 1,230 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो देवी सप्तशृंगी को समर्पित है। यह महाराष्ट्र के ‘आधे शक्ति पीठों’ का एक हिस्सा माना जाता है। यह मंदिर दो मंजिला है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में देवी मूर्ति को स्वयंभू यानि स्वयं प्रकट हुई है। सप्तश्रृंगी मंदिर सात शिखर से घिरा हुआ है, इसलिए इस मंदिर का नाम सप्तश्रृंगी देवी रखा गया है। मंदिर के आसपास का नजारा भी काफी प्यारा है।
प्रवेश शुल्क
मंदिर में प्रवेश के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। दर्शन के लिए आप सुबह 6 बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक जा सकते हैं।
अंजनेरी हिल (Anjaneri hill)

त्र्यंबकेश्वर से करीब 10 किमी की चढ़ाई पर आपको अंजनेरी हिल्स देखने का मौका मिलेगा। यह काफी सुंदर पर्यटक स्थल है। ऐसा माना जाता है कि यह वह गुफा है जहां देवी अंजना देवी ने भगवान हनुमान को जन्म दिया था। इसका नाम उनके नाम पर रखा गया है और यह सभी भक्तों के लिए पूजा का एक प्रमुख स्थान बन गया है। गुफा के अंदर भगवान हनुमान को समर्पित एक मंदिर है। भगवान की छवि के पांच सिर हैं। यह देश भर में मौजूद हनुमान मंदिर से काफी अलग है।
प्रवेश शुल्क
अंजनेरी हिल्स घूमने के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप यहां सुबह सूरज ढलने से पहले किसी भी समय जा सकते हैं।
सिन्नर (Sinnar)
सिन्नार नासिक शहर का एक प्रमुख स्थल है, जो मुख्य रूप से श्री गोंडेश्वर मंदिर और गर्गोटी संग्रहालय के लिए प्रसिद्ध है। अगर आप नासिक जा रहे हैं, तो सिन्नर के इन प्रमुख स्थलों को जरूर देखने के लिए जाएं। यहा काफी खूबसूरत हैं, जो आपको काफी ज्यादा आकर्षित कर सकते हैं।
प्रवेश शुल्क
यहां जाने के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप यहां किसी भी समय जा सकते हैं।
दुगार्वाड़ी झरना (Dugarwadi waterfalls)

अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं, तो दुगर्वाडी हिल्स जरूर जाएं। अगर आप मानसून का पूरा आनंद लेना चाहते हैं, इस झरने को देखने से बेहतर कुछ नहीं हो सकता है। नासिक यात्रा के दौरान आप दुगार्वाड़ी झरने की यात्रा जरूर करें। नासिक से थोड़ी दूरी पर स्थित, यह सुंदर पर्यटक आकर्षण प्रकृति प्रेमियों के लिए आनंददायक है।
प्रवेश शुल्क
इसे देखने के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। आप इस वॉटरफॉल को देखने के लिए कभी भी जा सकते हैं।
रामशेज किला (Ramshej fort)

रामशेज किला नासिक शहर के उत्तर में स्थित है। यह ऐतिहासिक रूप से काफी महत्वपूर्ण रखता है। ऐसा कहा जाता है कि इस किले पर मुगलों (औरंगजेब की सेना) ने हमला किया था, और उनके कमांडरों ने मराठा साम्राज्य को धमकी देते हुए कहा था कि वे कुछ ही घंटों में किले पर कब्जा कर लेंगे। शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी और उनकी सेना ने लगभग 6 वर्षों तक इन हमलों का विरोध किया। मुगल पत्रों में बहादुर मराठा योद्धाओं द्वारा अच्छी तरह से लड़ी गई इस लड़ाई का उल्लेख मिलता है।
प्रवेश शुल्क
इस किले पर जाने के लिए आपको ट्रैकिंग करनी पड़ती है। आप सुबह 6 बजे से ट्रैकिंग स्टार्ट कर सकते हैं। यहां जाने के लिए किसी तरह का कोई शुल्क नहीं है।
ब्रह्मागिरि हिल (Brahmagiri Hills)

यह हिल नासिक के त्र्यंबक शहर से सिर्फ 36 किलोमीटर दूर है, जो काफी ज्यादा लोकप्रिय है। यह भारत की पवित्र और सबसे लंबी नदियों में से एक गोदावरी का उद्गम स्थल है। त्र्यंबकेश्वर मंदिर सुंदर ब्रह्मगिरि पहाड़ियों के किनारे पर स्थित है। ब्रह्मगिरि का अर्थ है भगवान ब्रह्मा की पहाड़ी या गिरि और इसे भगवान ब्रह्मा का पौराणिक सिंहासन माना जाता है। इसी आधार पर इसका नाम पड़ता है।
प्रवेश शुल्क
इस हिल्स पर एंट्री के लिए आपको प्रत्येक वयस्क व्यक्ति 50 रुपये और बच्चों के लिए यह शुल्क 25 रुपये है।
त्रिगंलवाडी किला (Tringalwadi fort)
त्रिगंलवाडी किला नासिक जिले के इगतपुरी तालुका में स्थित है, जहां पहुंचने के लिए आपको ट्रैकिंग करना पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि यह किला मराठा सेना को कोंकण से नासिक तक व्यापार मार्ग की निगरानी करने के लिए एक रणनीतिक बिंदु प्रदान करता था। हालांकि, माहुली की लड़ाई के बाद शाहजी राजे को किला मुगलों को सौंपना पड़ा।

प्रवेश शुल्क
आप यहां सुबह 6 बजे से लेकर रात के 8 बजे तक ट्रैकिंग कर सकते हैं।
हरिहर किला (Harihar fort)

महाराष्ट्र के लगभग हर जिले में खूबसूरत पहाड़ी किले मौजूद हैं। इन सभी किलों का एक समृद्ध इतिहास है। इन किलों की लिस्ट में हरिहर किला या हर्षगढ़ का किला भी शामिल है, जो सह्याद्रि की हरी-भरी पहाड़ियों पर स्थित है, जिसे पश्चिमी घाट के नाम से भी जाना जाता है। यह घोटी और नासिक शहर दोनों से 40 किमी दूरी पर स्थित है।
प्रवेश शुल्क
इस किला तक जाने के लिए आपको करीब 2 घंटे की ट्रैकिंग करनी पड़ती है। आप यहां के लिए सुबह 6 बजे से ट्रैकिंग शुरू कर सकते हैं।
नासिक में घूमने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit Nashik
नासिक घूमने के लिए लगभग हर महीना अच्छा माना जाता है। हालांकि, अगर आप वातावरण सुहावना चाहते हैं, तो आप अक्टूबर से मार्च के बीच में कभी भी घूमने के लिए जा सकते हैं।
नासिक कैसे पहुंचे?
रेल मार्ग से कैसे पहुएं? : यदि आप ट्रेन से नासित जाना चाहते हैं, तो अपने शहर से नासिक के लिए रेलवे टिकट ले सकते हैं। अगर आपके शहर से सीधे रेलवे टिकट नहीं मिल रहा है, तो प्रमुख शहर से नासिक के लिए टिकट बुक करें। नासिक रेलवे स्टेशन पहुंचकर आप प्राइवेट गाड़ी बुक करके नासिक घूम सकते हैं।
सड़क मार्ग : नासिक जाने के लिए आप अपने शहर से बस ले सकते हैं। अगर बस की सुविधा नहीं है, तो आप अपने शहर से गाड़ी बुक करके नासिक यात्रा शुरू कर सकते हैं।
हवाई मार्ग : नासिक जाने के लिए हवाई जहाज की यात्रा भी चुन सकते हैं। आप अपने शहर से नासिक का निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए टिकट बुक कर सकते हैं। यहां पहुंचकर आप कैब बुक करके नासिक घूम सकते हैं।
नासिक में ठहरने के लिए होटल
होटल न्यू उत्तम हीरा पैलेस
पंचवटी चेम्बर्स, ओल्ड मार्केट यार्ड रोड, डिंडोरी नाका, अदगांव नाका, पंचवटी, नासिक
होटल रॉयल हेरिटेज, नासिक
एनडी पटेल रोड, टेलीफोन एक्सचेंज के पीछे, वार्टी कॉलोनी, गंजमल, नासिक
होटल समुद्र रेजीडेंसी
फर्स्ट फ्लोर, वेवरे प्लाजा, आईटीआई से डीजीपी 2, लिंक रोड, नासिक
FAQ | क्या आप जानते हैं
नासिक घूमने के लिए कितना खर्चा होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस तरह का होटल बुक कर रहे हैं। साथ ही किस मार्ग से यात्रा कर रहे हैं। अगर आपके पास बजट कम है, तो आप 10 हजार के करीब यहां एक बजट प्लान करके घूम सकते हैं।
नासिक में घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का माना जाता है।
नासिक में आप अपने बजट के हिसाब से होटल, रिजॉर्ट, डॉरमेट्री रूम में ठहर सकते हैं।
नासिक में रात के समय आप घूमने के लिए कालाराम मंदिर, सीता गुफा, सुंदरनारायण मंदिर इत्यादि जगह जा सकते हैं।
रात के समय आप मंदिर के दर्शन के लिए जा सकते हैं। साथ ही आसपास के रेस्टोरेंट और मार्केट में विजिट कर सकते हैं।
