मई-जून के तपते सुलगते दिन आंध्रप्रदेश की राजधानी हैदराबाद में इतने मनोरम बन जाएंगे, कल्पना भी नहीं की थी। एयरपोर्ट से बाहर आते ही हरे-भरे वृक्षों से सामना हुआ तो तन-बदन में ताजगी भर गई। एक तरफ पुराना शहर अपने बेजोड स्थापत्य से लुभाता था, दूसरी ओर हाई टैक सिटी दिग्भ्रमित करती थी।

गोलकोण्डा फोर्ट
हैदराबाद के गोलकोण्डा फोर्ट को कुतुबशाही शासकों ने बनवाया था। इसका मुख्य फतेह दरवाजा इतना बड़ा है कि हाथी पर बैठा आदमी आराम से निकल सके। लोहे की कीलों से बना यह मजबूत दरवाजा हाथियों से भी न टूटे। इस किले में पूरे 87 परकोटे मौजूद है, जिन पर खड़े होकर सुरक्षा प्रहरी पहरा देते थे। इसकी खासियत यह है कि मुख्य दरवाजे पर ताली बजाओ, तो उसकी आवाज किले के दूसरे हिस्से, यानी पहाड़ी पर स्थित महल तक सुनाई देती है। इस तकनीक का प्रयोग इसलिए किया गया था, ताकि नीचे खड़ा प्रहरी ऊपर तैनात प्रहरी को संदेश पहुंचा पाए। गोलकोण्डा में हर शाम लाइट एंड साउण्ड शो होता है। सिने स्टार अमिताभ बच्चन की आवाज में लाइट और साउण्ड का ऐसा जादू बिखरता है कि इतिहास जीवंत हो उठता है।

बेशकीमती हीरा कोहिनूर
गोलकोण्डा की दास्तान हो और दुनिया का सबसे दुर्लभ और सबसे बेशकीमती हीरा कोहिनूर की चर्चा न हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता, क्योंकि कोहिनूर का असली घर गोलकोण्डा किला है, जो अब ब्रिटेन की महारानी के ताज में जड़ा है। गोलकोण्डा में एक गरीब मजदूर मीरजुमला को यह हीरा खुदाई के समय मिला था। उसने इसे शाहजहां को पेश किया, जिन्होंने इसे तख्त-ए-ताऊस में जड़वा दिया था।

चार मीनार
हैदराबाद की ढलती शाम में चार मीनार का सौंदर्य देखते ही बनता है। हैदराबाद के व्यस्ततम लाड बाजार के बीच खडी इंडोइस्लामिक स्थापत्य से भरपूर यह मजिस्द कुतुबशाह द्वारा 1591 में बनवाई गई थी। चार मीनार के एक कोने पर स्थित देवी का मंदिर कौमी-एकता दर्शाता है। चार मीनारे लगभग 48-7 मीटर ऊंचाई पर खड़ी है।

लाड बाजार
चार मीनार के आस-पास बहुत सारी दुकानों से बना है यह बाजार। यहां की रौनक सुबह शाम देखते ही बनती है। तंग गलियों वाला समूचा बाजार नायाब हैदराबादी मोतियों और चूडिय़ों से अटा पड़ा है।

हुसैन सागर
हजरत हुसैन शाह वली ने 1562 में मूसी नदी की सहायक नदी पर इसे बनवाया था। तालाब के बीचों-बीच पत्थर से बनी विशालकाय गौतम बुद्ध की मूर्ति ध्यान खींचती है। हुसैन सागर में बोटिंग, वाटर स्पोटर्स होते हैं। याचिंग और बोटिंग के लिए सर्वोत्तम समय अक्टूबर से मार्च है।

बिडला मंदिर
हुसैन सागर तालाब के दक्षिणी कोने में काला पहाड के कोने पर बना है बिडला मंदिर। भगवान वेंकटेश्वर का यह मंदिर राजस्थान से लाये सफेद संगमरमर पत्थर से बना है। मंदिर का स्थापत्य दक्षिण भारतीय है। मंदिर की सीढिय़ां चढ़ते वक्त श्रद्धा और प्रशंसा का मिला-जुला भाव आता है। रात में दूधिया चांदनी में नहाया यह मंदिर स्वर्ग से उतरा हुआ मालूम होता है।

सालारजंग संग्रहालय
मूसी नदी के उत्तरी तट पर बसा है भारत का तीसरा सबसे बड़ा म्यूजियम। जवाहरलाल नेहरू द्वारा 1951 में उद्घाटित यह संग्रहालय अपनी नायाब और अनमोल चीजों के लिए प्रसिद्ध है। सेमी सरक्यूलर शेप में बने इस भवन में 38 गैलरी हैं। यहां नूरजहां टीपू सुल्तान से लेकर राजा रवि वर्मा तक की बेशकीमती चीजें मौजूद हैं।

चौमहला पैलेस
नवाब के महल से थोड़ी दूर स्थित लगभग 200 वर्ष पूर्व बना चौमहला पैलेस चार महलों से मिलकर बना है। इनमें आफताब महल सबसे आलीशान है जिसका स्थापत्य व सौंदर्य अनूठा है।

नेहरू जूलौजिकल पार्क
1300 एकड पर फैला यह पार्क पशु-पक्षियों की असंख्य प्रजातियो से भरा है। यहां पशु-पक्षियों को प्राकृतिक आवास जैसा वातावरण उपलब्ध करवाया गया है। लायन सफारी पार्क, नैचुरल हिस्ट्री म्यूजियम और बच्चों की ट्रेन इस जूलौजिकल पार्क की विशेषताएं है। 1963 में खुला यह पार्क अपनी बोट राइड और माइग्रेटरी बर्ड्स के लिए भी प्रसिद्ध है।

हाईटेक सिटी
हैदराबाद के प्राचीन वैभव को चुनौती देता यह हिस्सा है। गगनचुम्बी इमारतों के आधुनिक हैदराबाद को देख कर लगता ही नहीं कि आप भारत में हैं। चीफ मिनिस्टर चन्द्रबाबू नायडू द्वारा स्थापित शहर के इस हिस्से में कई नामी-गिरामी बीपीओ फार्मास्यूटिकल और आई.टी. कम्पनियों के ऑफिस है।

रामोजी फिल्म सिटी
नौ हजार एकड़ में फैला दुनिया का विशालतम स्टूडियो काम्पलैक्स रामोजी फिल्म सिटी का नाम गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में शामिल है। हैदराबाद विजयवाडा रोड पर हैदराबाद से लगभग पच्चीस किलोमीटर दूर बसा यह स्टूडियो अपने आप में जादू है। खूबसूरत सैटस, नयनाभिराम हरियाली, आकर्षक सीन और होटल। स्टूडियो घूमने के लिए ट्राम एवेलेबल है जिसमें गाइड आपको दृश्यों से रूबरू करवायेगी। वहां बने सेट्स को देखकर हिन्दी सिनेमा के कितने ही सीन आपकी आंखों के सामने कौंध जाएंगे।

फिल्म निर्माण की तकनीक से आपको अलग-अलग खंड़ों में अवगत करवाया जाएगा। आपका स्वागत कला की बेहतरीन प्रस्तुतियों से होगा। लाइव स्टंट सीन देखके आप दांतो तले अंगुली दबा लेंगे। रामोजी फिल्म सिटी घूमना अपने आप में एक नायाब अनुभव है। 

अपने देश में ही यदि आपको संपूर्ण यात्रा करनी हो तो हैदराबाद चुनें। यहां की आधुनिकता प्राचीनता का समावेश आपको मुग्ध कर देगा। ऐतिहासिक दर्शनीय स्थलों को देखकर परिपूर्णता लगेगी। एक ही टूर में बहुत सारे स्थान आपको देखने को मिल जाएंगे। हैदराबाद के पास के स्थलों को भी आप टूर पैकेज में शामिल कर सकती हैं – ऊटी, बैंग्लोर, मैसूर आदि।