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तिलक हमारी संस्कृति का हिस्सा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तिलक लगाने का सही तरीका क्या है। जी हां, तिलक लगाने के भी कुछ नियम होते हैं। अक्सर लोग तिलक के महत्व को तो समझते हैं, लेकिन इसके नियमों से अनजान होते हैं।
Tilak Niyam: किसी भी पूजा, अनुष्ठान या रीति रिवाज में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है तिलक लगाना। हिंदू धर्म में तिलक लगाने की प्रथा को बहुत ही पवित्र माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत या यात्रा की शुरुआत से पहले भी तिलक लगाने का रिवाज सदियों से चला आ रहा है। यह हमारी धार्मिक आस्था के साथ ही सम्मान का भी प्रतीक है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि तिलक हमारी संस्कृति का हिस्सा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तिलक लगाने का सही तरीका क्या है। जी हां, तिलक लगाने के भी कुछ नियम होते हैं। अक्सर लोग तिलक के महत्व को तो समझते हैं, लेकिन इसके नियमों से अनजान होते हैं। आज जानते हैं तिलक लगाने के सभी नियमों के विषय में।
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हमेशा करें सही स्थान का चुनाव

तिलक विभिन्न प्रकार की सामग्री से लगाए जाते हैं। हल्दी, कुमकुम, चंदन, सिंदूर इसमें प्रमुख हैं। लेकिन इसे लगाते समय आपको सही स्थान का चयन करना चाहिए। वैसे तो तिलक पूजा, अनुष्ठान आदि के समय किया जाता है, लेकिन कई बार घर से विदा होते मेहमानों को और घर आए अतिथियों को भी तिलक लगाया जाता है। ऐसे में सही स्थान का चुनाव करना जरूरी है। तिलक हमेशा साफ और शुद्ध स्थान पर लगाना चाहिए। कोशिश करें कि इसे आप आज्ञाचक्र यानी माथे के बिलकुल मध्य में लगाएं। माना जाता है कि आज्ञाचक्र पर तिलक लगाने से उसका पूर्ण फल मिलता है। सुबह 12 बजे से पहले तिलक करना भी अच्छा माना जाता है। इसी के साथ तिलक लगाते समय सिर की दिशा पर भी ध्यान देना चाहिए। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार तिलक लगाते समय आपका सिर पूर्व या उत्तर दिशा में रहना शुभ माना जाता है।
इन बातों का भी रखें ध्यान
तिलक लगाने से पहले हाथ धोकर पवित्र करना बेहद जरूरी है। हाल ही में मशहूर टेरो रीडर और क्रिस्टल एक्सपर्ट करिश्मा तुषार ने भी अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर तिलक लगाने को लेकर कुछ नियमों का पालन करने की सलाह दी है। करिश्मा के अनुसार तिलक लगाकर कभी भी सोना नहीं चाहिए। बल्कि तिलक लगाने के बाद आपको हमेशा अपने कार्य में जुट जाना चाहिए।
पहले किसे लगाएं तिलक
अक्सर लोग इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि पहले तिलक भगवान को अर्पित करना चाहिए या खुद लगाना चाहिए। करिश्मा के अनुसार पूजा करते समय सबसे पहले अपने इष्ट देव को तिलक लगाना चाहिए और उसके बाद आपको खुद के माथे पर लगाना चाहिए। ऐसा करना ही शुभ रहता है। तिलक हमेशा बैठकर लगाना चाहिए।
तिलक लगाने का तरीका भी है महत्वपूर्ण
आपने देखा होगा कि कुछ लोग अंगूठे से तो कुछ लोग अलग-अलग अंगूलियों से तिलक लगाते हैं। लेकिन ऐसा करने से तिलक का भाव, प्रभाव और उद्देश्य सब ही बदल जाते हैं। जब आप रिंग फिंगर यानी अनामिका से तिलक लगाते हैं तो इससे आपको मानसिक शांति मिलती है। वहीं जब आप मिडिल फिंगर यानी मध्यमिका से किसी को तिलक लगाते हैं तो इससे उसे लंबा और स्वस्थ जीवन मिलता है। अंगूठे से तिलक लगाने पर साहस और विजय मिलती है। वहीं इंडेक्स फिंगर यानी तर्जनी अंगुली से तांत्रिक कार्यों के लिए तिलक लगाया जाता है।
