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आधुनिक जिंदगी अपने साथ कई तनाव, चिंताएं और दबाव भी लेकर आई है। इन्हीं सबके बीच लंदन के एक शख्स ने 'बकरी' बनकर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया। वह महीनों तक न सिर्फ बकरियों के साथ रहा बल्कि उनके साथ घास भी खाई।
Real Life Goat Man: हर इंसान सुख और शांति से जीना चाहता है। लेकिन आज के समय में यह काम आसान नहीं है। आधुनिक जिंदगी अपने साथ कई तनाव, चिंताएं और दबाव भी लेकर आई है। इन्हीं सबके बीच लंदन के एक शख्स ने ‘बकरी’ बनकर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया। वह महीनों तक न सिर्फ बकरियों के साथ रहा बल्कि उनके साथ घास भी खाई। इस शख्स ने जब दुनिया के साथ अपना यह अनुभव साझा किया तो लोग इसे जानकर हैरान रह गए। कौन है ‘द गोट मैन’ और बकरी बनकर उन्होंने क्या अनुभव किया, आइए जानते हैं।
पैर और पेट भी बनवाए
लंदन के 35 वर्षीय थॉमस थ्वाइट्स हैं ‘द गोट मैन’। वह करीब एक साल तक स्विट्जरलैंड में बकरियों के बीच में बकरी बनकर रहे हैं। हालांकि थॉमस के लिए इंसान से बकरी बनने का सफर आसान नहीं था। इसके लिए थॉमस ने बकरी के कृत्रिम पैर बनवाएं, जिससे वह चारों पैरों पर चलकर अन्य बकरियों के साथ आल्प्स में घूम सकें। इतना ही नहीं घास खाने के लिए उन्होंने कृत्रिम पेट भी बनवाया। थॉमस ऐसा करके दुनिया को अलग नजरिए से देखना चाहते थे। वह कहते हैं कि यह एक अजीब जुनून के साथ ही रिसर्च जैसा था। जिसके अंत में उन्हें महसूस हुआ कि वह सच में बकरियों जैसे बन गए थे। उन्हें यह भी एहसास हुआ कि पहाड़ों में रहने वाले लोग शहरी लोगों से बेहतर इंसान होते हैं।
कुत्ता और हाथी बनने का भी किया विचार
थॉमस कहते हैं कि जब उन्होंने पहली बार लोगों को बताया कि वह बकरी बनकर रहना चाहते हैं तो बहुत से लोगों ने मुझे पागल कहना शुरू कर दिया। लेकिन सच्चाई यह थी कि मैं अपनी जिंदगी से परेशान हो चुका था। मुझे एक अच्छे ब्रेक की जरूर थी। मेरे पास जॉब नहीं था और कई सारी पर्सनल समस्याएं भी थीं। इन सबसे मैं काफी तनाव महसूस कर रहा था। एक दिन मैं अपने एक दोस्त के कुत्ते के साथ घूम रहा था। उस समय मुझे लगा कि यह कुत्ता बिना चिंता के शांति से अपनी जिंदगी जी रहा है। मुझे लगा कि एक दिन के मैं भी कुत्ता बन जाता तो अच्छा रहता। लेकिन मैं मांस नहीं खाना चाहता था। इसके बाद मैंने हाथी बनने का विचार किया। लेकिन हाथी भी इमोशनल होता है। वह भी परेशान और दुखी होता है। इसलिए मैंने बकरी बनने की तैयारी की।
ऐसे तय किया सफर
इसके बाद थॉमस ने बकरी के मनोविज्ञान का अध्ययन करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान के लिए आवेदन किया। फिर स्विटजरलैंड के वोल्फेंसचिसेन गांव में एक बकरी पालक को ढूंढा, जो उन्हें बकरी के रूप में रखने के लिए तैयार हो गया। बकरी के नकली पैर बनाने के लिए थॉमस ने मैनचेस्टर में एक प्रोस्थेटिक्स क्लिनिक की मदद ली। वहीं एबरीस्ट विथ विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने उनके लिए बकरी का नकली पेट बनाया, जिसे उन्होंने कमर पर बांधा। इस पेट के जरिए चबाए हुए घास को एक छेद में थूका जा सकता था, जबकि दूसरे छेद से घास के रस को चूसा जा सकता था।
लिखी बेस्ट सेलिंग बुक
थॉमस ने कहा कि बकरियों के उस झुंड में से एक बकरी ने मुझसे दोस्ती की। वह हमेशा मेरा पीछा करती थी। मुझे प्यार करती थी। उसने मुझे स्वीकार किया था। थॉमस ने अपने इस अनुभव पर 200 पन्नों की किताब ‘गोटमैन: हाउ आई टुक ए हॉलिडे फ्रॉम बीइंग ह्यूमन’ लिखी। यह अनोखी बुक साल 2016 की बेस्ट सेलिंग बुक थी। इसे एक प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिला था। वहीं थॉमस को आईजी नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया।
