चातुर्मास में जागते रहते हैं ये देवी-देवता, देते हैं दर्शन और आशीर्वाद: Chaturmas 2024
Chaturmas 2024

Chaturmas 2024: हिंदू धर्म में चातुर्मास का विशेष महत्व है। यह अवधि प्राकृतिक चक्र के अनुसार, वर्ष के चार महत्वपूर्ण महीनों – सावन, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक को समाहित करती है। इस दौरान, प्रकृति निंद्रा की गोद में लिपट जाती है, जिसका प्रतिबिंब मानव मन पर भी पड़ता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु की योगनिद्रा का आरंभ होता है और देवतागण भी निद्रा में लीन हो जाते हैं। यह कालखंड आत्मिक उन्नति, ध्यान, तपस्या और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए अत्यंत अनुकूल माना जाता है। चातुर्मास के दौरान, मनुष्य को अपने भीतर झांकने, आत्म-साक्षात्कार की यात्रा पर निकलने और ईश्वर से जुड़ने का अवसर प्राप्त होता है।

Also read : चातुर्मास में क्या करें और क्या न करें,जानिए चातुर्मास 2024 की पूरी जानकारी: Chaturmas 2024 Upay

कौन कौन से देवी देवता रहते हैं जागृत

चातुर्मास, भगवान विष्णु की योगनिद्रा और देवताओं के विश्राम का काल माना जाता है। लेकिन, इसका अर्थ यह नहीं है कि सभी देवी-देवता इस दौरान निष्क्रिय रहते हैं। शास्त्रों के अनुसार, कुछ देवी-देवता इस अवधि में भी जागृत रहकर भक्तों की रक्षा करते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। शिव-पार्वती को सदैव जागृत माना जाता है। चातुर्मास में उनकी पूजा, विशेष रूप से सोमवार को, अत्यंत फलदायी होती है। भगवान शिव के सभी रुद्र अवतार, जैसे कि वीरभद्र, नीलकंठ, महादेव आदि, भी चातुर्मास में जागृत रहते हैं। मां दुर्गा शक्ति और साहस का प्रतीक हैं। चातुर्मास में उनकी पूजा करने से भक्तों को शक्ति, साहस और विजय प्राप्त होती है।

क्या हनुमान जी भी रहते हैं जागृत

चातुर्मास, भगवान विष्णु की योगनिद्रा का पवित्र काल माना जाता है। इस दौरान कई देवी-देवता विश्राम करते हैं, लेकिन कुछ देवता जागृत भी रहते हैं। हनुमान जी उन जागृत देवताओं में से एक हैं। हनुमान जी को भगवान शिव का अवतार माना जाता है, और भगवान शिव सदैव जागृत रहते हैं। हनुमान जी भगवान राम के परम भक्त हैं, और रामचरितमानस में भी उनका उल्लेख है कि वे सदैव भगवान राम की सेवा में तत्पर रहते हैं। इसलिए, शास्त्रीय दृष्टिकोण से, चातुर्मास में हनुमान जी की पूजा करना शुभ और फलदायी माना जाता है।

अधिकांश शास्त्रों में हनुमान जी को स्पर्श करना किसी के लिए भी वर्जित नहीं माना जाता है, चाहे वे स्त्री हों या पुरुष। हनुमान जी को भक्तों का वीर मानव रूप माना जाता है, और उन्हें स्पर्श करने से भक्तों को शक्ति और साहस प्राप्त होता है। हनुमान जी को बालरूप में भी पूजा जाता है, और बच्चों द्वारा उन्हें स्पर्श करना स्वाभाविक माना जाता है।

मैं आयुषी जैन हूं, एक अनुभवी कंटेंट राइटर, जिसने बीते 6 वर्षों में मीडिया इंडस्ट्री के हर पहलू को करीब से जाना और लिखा है। मैंने एम.ए. इन एडवर्टाइजिंग और पब्लिक रिलेशन्स में मास्टर्स किया है, और तभी से मेरी कलम ने वेब स्टोरीज़, ब्रांड...