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59 साल की सुनीता विलियम्स और बैरी विलमोर की घर वापसी का रास्ता भले ही साफ हो गया है। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार अंतरिक्ष में करीब 284 दिन बिताने पर दोनों ही अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत पर जरूर असर नजर आएगा।
Sunita Williams Return: जून 2024 में अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स व बैरी विलमोर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन यानी आईएसएस पर 8 दिनों के लिए गए थे। लेकिन तकनीकी खराबी के चलते दोनों की वापसी में करीब 9 महीने देरी हो गई। अब दोनों के जल्द लौटने की उम्मीद है। इन अंतरिक्ष यात्रियों को लेने के लिए स्पेसएक्स यान रविवार को आईएसएस पहुंचा। उम्मीद है कि 19 मार्च को यह यान अंतरिक्ष यात्रियों के साथ लौटेगा। नासा ने बताया कि ये दोनों यात्री फ्लोरिडा तट पर उतर सकते हैं।
सेहत पर नजर आएगा असर
.@NASA will provide live coverage of Crew-9’s return to Earth from the @Space_Station, beginning with @SpaceX Dragon hatch closure preparations at 10:45pm ET Monday, March 17.
— NASA Commercial Crew (@Commercial_Crew) March 16, 2025
Splashdown is slated for approximately 5:57pm Tuesday, March 18: https://t.co/yABLg20tKX pic.twitter.com/alujSplsHm
59 साल की सुनीता विलियम्स और बैरी विलमोर की घर वापसी का रास्ता भले ही साफ हो गया है। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार अंतरिक्ष में करीब 284 दिन बिताने पर दोनों ही अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत पर जरूर असर नजर आएगा। दरअसल, अंतरिक्ष में शून्य गुरुत्वाकर्षण व तेज विकिरण यानी रेडिएशन सबसे बड़ी चुनौती होते हैं। इससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। साथ ही मांसपेशियों में सिकुड़न की समस्या बढ़ सकती है। इससे आंखों की रोशनी और शरीर के संतुलन पर असर पड़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
रेडिएशन है सबसे बड़ा खतरा
धरती पर वायुमंडल व चुंबकीय क्षेत्र हमें रेडिएशन से बचाते हैं। लेकिन अंतरिक्ष में रेडिएशन का असर ज्यादा होता है। इससे डीएनए को नुकसान हो सकता है। जिससे तंत्रिका तंत्र व कैंसर जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इससे दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम भी बढ़ सकता है। साथ ही इम्यूनिटी सिस्टम काफी कमजोर हो सकता है।
वजन पर नजर आ सकता है असर
अंतरिक्ष में 250 से भी ज्यादा दिन बिताने का असर वजन पर जरूर नजर आ सकता है। हालांकि आमतौर पर ऐसा नहीं होता है। लेकिन लंबे समय तक गुरुत्वाकर्षण की कमी के कारण शरीर में बदलाव जरूर नजर आ सकते हैं। माइक्रोग्रैविटी से शरीर के तरल पदार्थ उपर की ओर खिसकते हैं। इससे चेहरे पर सूजन आ सकती है। जिसके कारण अंतरिक्ष यात्री पतले दिख सकते हैं। दूसरी ओर अपने पहले के वीडियोज में सुनीता ने बताया था कि उनका वजन पहले जितना ही है। इसमें कोई परिवर्तन नहीं आया है। लेकिन वीडियोज में वह पहले से काफी कमजोर नजर आ रही थीं।
मानसिक सेहत पर भी असर
अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने से सिर्फ शारीरिक ही नहीं मानसिक सेहत पर भी असर पड़ता है। इससे तनाव, डिप्रेशन और चिंता जैसी समस्याएं हो सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार अंतरिक्ष यात्रियों को अक्सर धरती पर वापस आने पर मनोचिकित्सक की सलाह लेनी पड़ती है।
इनके नाम है रिकॉर्ड
विलियम और विलमोर सिर्फ 7 दिनों की अंतरिक्ष यात्रा पर गए थे। लेकिन उनके अंतरिक्ष यान में हीलियम का रिसाव होने लगा। साथ ही वेग में कमी आ गई, जिसके कारण वे करीब 284 दिन तक अंतरिक्ष में फंस गए। आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब इतने लंबे समय तक अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में रुके हैं। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं। सबसे ज्यादा लंबे समय तक रूस के वलेरी पोल्याकोव ने 437 दिन अंतरिक्ष में बिताए हैं। दूसरे नंबर पर भी रूस के सेंगेंई अवदेयेव हैं। सेंगेंई ने अंतरिक्ष में करीब 379 दिन बिताए हैं।
