Shravana Putrada Ekadashi: प्रत्येक वर्ष में 24 एकदशी पड़ती हैं, जिसमें से 12 कृष्ण पक्ष और 12 शुक्ल पक्ष में आती हैं। एकदशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है, ऐसे में इस दिन विष्णु पूजा का विशेष महत्त्व होता है। सावन माह के शुक्लपक्ष में आने वाली एकादशी को श्रावण पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस बार श्रावण पुत्रदा एकादशी 27 अगस्त को पड़ने वाली है। इस दिन भगवान विष्णु की कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस लेख में हम आपको श्रावण पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि की जानकारी दे रहे हैं, चलिए जानते हैं-
श्रावण पुत्रदा एकादशी का महत्व

हिन्दू धर्म में एकादशी को महत्वपूर्ण तिथि माना जाता है। ऐसे में श्रावण पुत्रदा एकादशी का व्रत निसंतान दम्पति के लिए फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन संतान सुख की चाह रखने वाले दंपत्ति सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें तो उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है। इस दिन महिलाएं अपने बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी व्रत करती हैं। साथ ही भगवान विष्णु की कृपा से भक्त अपने सभी कष्ट दूर होकर मरने पर मोक्ष प्राप्त करता है।
शुभ मुहूर्त
27 अगस्त दोपहर 12 बजकर 8 मिनट पर एकादशी तिथि प्रारम्भ होकर, 27 अगस्त रात 9 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी, वहीं पारण (व्रत तोड़ना) के लिए 28 अगस्त, सुबह 5 बजकर 57 मिनट से लेकर 8 बजाकर 31 मिनट तक रहेगा।
श्रावण पुत्रदा एकादशी की पूजा विधि

- सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
- भगवान विष्णु की प्रतिमा के आगे घी का दीपक प्रज्जवलित करें।
- भगवान विष्णु की प्रतिमा का गंगाजल से अभिषेक करने के बाद फूल और तुलसी दल अर्पित करें।
- अब मन में व्रत का संकल्प लें और उसके बाद भगवान की आरती करें।
- तत्पश्चात भगवान को सात्विक भोजन से भोग लगाएं।
