कब मनाई जाएगी पौष पुत्रदा एकादशी, जानें तारीख, महत्व और नियम: Paush Putrada Ekadashi 2024
Paush Putrada Ekadashi 2024

Paush Putrada Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग की ग्याहरवीं तिथि को एकादशी तिथि कहा जाता है। यह तिथि महीने में दो बार आती है एक पूर्णिमा के बाद और दूसरी अमावस्या के बाद। पूर्णिमा के बाद आने वाली एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी और अमावस्या के बाद आने वाले एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी कहा जाता है। साल भर में 24 एकादशी पड़ती है, हर एकादशी का अपना विशेष महत्व होता है। नए साल 2024 की शुरुआत हो चुकी हैं। साल का पहला महीना जनवरी होता है, इस महीने में दो एकादशी पड़ रही है, पहली एकादशी 7 जनवरी को मनाई जा चुकी है, वहीं दूसरी एकादशी कब है यह हम इस लेख के द्वारा जानेंगे।

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कब है साल 2024 की दूसरी एकादशी

साल 2024 की दूसरी एकादशी पौष पुत्रदा एकादशी है। यह पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस बार यह एकादशी 21 जनवरी 2024 को सोमवार के दिन मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2024 की पौष पुत्रदा एकादशी 20 जनवरी को शाम 7 बजकर 26 मिनट से प्रारंभ हो रही है और इसका समापन 21 जनवरी को शाम 7 नजर 26 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में हर त्यौहार उदया तिथि के अनुसार मनाया जाता है। इसलिए उदया तिथि के अनुसार पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत 21 जनवरी दिन रविवार को रखा जाएगा।

पौष पुत्रदा एकदाशी का क्या महत्व है

हिंदू धर्म में एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। हर माह की एकादशी तिथि पर भक्तजन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं। एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। साल की दूसरी एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है।

‘पुत्रदा’ शब्द का अर्थ है, पुत्रों का दाता और यह एकादशी हिंदू महीने के पौष में आती है। इसलिए इसे पौष पुत्रदा एकादशी के रूप से जाना जाता है। आपको बता दें, साल भर में दो पुत्रदा एकादशी आती है। पहली पुत्रदा एकादशी पौष माह में और दूसरी पुत्रदा एकादशी श्रावण माह में आती है। इस एकादशी का व्रत रखने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है और संतान सुख की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं पौष पुत्रदा एकादशी को वैकुंठ एकादशी के नाम से भी दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में जाना जाता है।

एकादशी पर क्या करना चाहिए

एकादशी के दिन व्रत रखने वाले लोगों को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। साफ-स्वच्छ कपड़े पहनकर भगवान विष्णु की पूजा आराधना करनी चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी, चावल, फल, फूल, मिठाई आदि अर्पित करना चाहिए। पूजा करने के बाद भगवान विष्णु की कथा का पाठ करना चाहिए। एकादशी के दिन व्रती को निराहार रहना चाहिए। केवल फलहार करना चाहिए। इस प्रकार पूरी शुद्धता के साथ एकादशी का व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं जल्द से जल्द पूरी होती है, साथ ही साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद सदैव बना रहता है।