Fake Cop Scam: आप अपने काम में व्यस्त हैं और अचानक एक अनजान नंबर से कॉल आती है। दूसरी तरफ आवाज गूंजती है, “आपके बच्चे को गलत काम करते हुए पकड़ा गया है। एफआईआर दर्ज होने वाली है। अगर आप इसे रोकना चाहते हैं, तो तुरंत 30,000 रुपये भेजें।”
घबराहट में आप अपने बच्चे को कॉल करते हैं, लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ आता है। आपको यकीन हो जाता है कि कुछ गड़बड़ है। बिना ज्यादा सोचे-समझे आप पैसे ट्रांसफर कर देते हैं, यह सोचकर कि मामला जल्दी सुलझ जाए।
कुछ घंटे बाद आपका बच्चा घर लौटता है, यह कहते हुए कि उसका फोन केवल सुरक्षा कारणों से बंद कराया गया था। तब आपको एहसास होता है कि आप एक संगठित साइबर स्कैम का शिकार हो चुके हैं।
फेक कॉप स्कैम: जानिए क्या है यह नया स्कैम?
इस तरह का फेक कॉप स्कैम भारत में तेजी से बढ़ रहा हैं। इस खतरनाक स्कैम में स्कूल, कॉलेज या कोचिंग जाने वाले बच्चों को शिकार बनाया जा रहा है।स्कैमर्स बच्चों और उनके माता-पिता की भावनाओं और घबराहट का फायदा उठाकर उन्हें अपने जाल में फंसा रहे हैं। आइए जानें इस खतरनाक धोखाधड़ी के पीछे की साजिश और इससे बचने के उपाय।
कैसे होता है यह स्कैम?
पहला चरण: बच्चे को कॉल
स्कैमर्स सबसे पहले बच्चों को कॉल करते हैं और खुद को साइबर क्राइम अधिकारी बताते हैं। उन्हें डराया जाता है कि उनके मोबाइल नंबर से किसी साइबर गतिविधि की सूचना मिली है और फ्रॉड के चांसेस हैं। इस डर से बच्चों को कहा जाता है कि वे सुरक्षा कारणों से एक घंटे के लिए अपना मोबाइल फोन बंद कर दें।
दूसरा चरण: पेरेंट्स को कॉल
जैसे ही बच्चा अपना मोबाइल स्विच ऑफ करता है, स्कैमर्स उनके माता-पिता को फोन करते हैं। वे खुद को पुलिस अधिकारी बताते हैं और दावा करते हैं कि उनका बच्चा किसी गलत काम में पकड़ा गया है। एफआईआर दर्ज करने और कानूनी प्रक्रिया को टालने के नाम पर वे मोटी रकम (40,000-50,000 रुपये) की मांग करते हैं।
पेरेंट्स की घबराहट
माता-पिता जब अपने बच्चे से संपर्क करने की कोशिश करते हैं तो उनका मोबाइल बंद मिलता है। घबराहट और डर के कारण वे जल्दबाजी में पैसे सेंड कर देते हैं, जिससे स्कैमर्स अपनी चाल में सफल हो जाते हैं।
ऐसी स्थिति में क्या करें?
सतर्क रहें और जांच करें
अगर आपको इस प्रकार का कोई कॉल आए, तो सबसे पहले शांत रहें। पुलिस या साइबर क्राइम अधिकारी कभी फोन पर इस तरह की मांग नहीं करते हैं।
बच्चे से तुरंत संपर्क करें
अगर बच्चे का मोबाइल बंद है, तो अन्य माध्यमों (दोस्तों, स्कूल, कोचिंग) से उनसे संपर्क करने की कोशिश करें।
पुलिस से संपर्क करें
किसी भी संदिग्ध कॉल के मामले में तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित करें।
ध्यान रखें और बच्चों को शिक्षित करें
बच्चों को समझाएं कि किसी अनजान कॉल पर अपनी जानकारी शेयर न करें और किसी के कहने पर मोबाइल बंद न करें।
स्कैम से बचने के उपाय
- किसी भी अनजान नंबर से कॉल आने पर सतर्क रहें।
- बच्चों को साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक करें।
- परिवार के साथ ऐसी इमर्जेंसी में संपर्क योजना बनाएं।
- पुलिस और साइबर क्राइम हेल्पलाइन के नंबर अपने पास रखें।
यह स्कैम माता-पिता की भावनाओं और बच्चों की मासूमियत का फायदा उठाकर उन्हें निशाना बनाता है। इसे रोकने का सबसे बड़ा हथियार सतर्कता और जागरूकता है। इसलिए, खुद भी सतर्क रहें और दूसरों को भी इस खतरनाक धोखाधड़ी के बारे में जानकारी दें।
