pregnancy tourism in ladakh aryan valley
pregnancy tourism in ladakh aryan valley

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लद्दाख की खूबसूरत वादियों में बसे ब्रोकपा गांवों की चर्चा अक्सर उनके अनोखे रहन-सहन और चेहरे-मोहरे की वजह से होती है। बाकी लद्दाखी लोगों से अलग, ब्रोकपा समुदाय के लोग लंबे कद, गोरी त्वचा और नीली-हरी आंखों वाले होते हैं।

Pregnancy Tourism in Ladakh: लद्दाख की खूबसूरत वादियों में बसे ब्रोकपा गांवों की चर्चा अक्सर उनके अनोखे रहन-सहन और चेहरे-मोहरे की वजह से होती है। बाकी लद्दाखी लोगों से अलग, ब्रोकपा समुदाय के लोग लंबे कद, गोरी त्वचा और नीली-हरी आंखों वाले होते हैं। ये लोग सिकंदर महान की सेना से आए ‘शुद्ध आर्य’ के वंशज माने जाते हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में प्रेगनेंसी टूरिज्म की चर्चाएं जोरों पर है। क्या है इन दावों की सच्चाई, आइए जानते हैं।

जानिए क्या है प्रेगनेंसी टूरिज्म

चर्चा है कि पिछले कुछ सालों से यूरोप, खासकर जर्मनी से आने वाली विदेशी महिलाएं इन ब्रोकपा गांवों में सिर्फ घूमने-फिरने नहीं, बल्कि एक खास मकसद से आती हैं। ब्रोकपा पुरुषों से प्रेग्नेंट होने के लिए। उनका मानना है कि अगर ब्रोकपा पुरुषों से उन्हें संतान होगी, तो वो संतान ‘शुद्ध आर्य’ जीन लेकर पैदा होगी, जो उन्हें खास और खूबसूरत बनाएगा। सुनने में यह सब भले ही फिल्मी लगता है। लेकिन कुछ लोगों का दावा है कि यह सब एक तरह की ‘कमर्शियल डील’ के तहत होता है। जिसमें महिलाओं द्वारा पुरुषों को आर्थिक रूप से भुगतान भी किया जाता है।

मिले-जुले जवाब, दूर हकीकत

इन दावों की सच्चाई जानने के लिए कई लोग, पत्रकार और ट्रैवल ब्लॉगर इन गांवों का दौरा कर चुके हैं। हालांकि सभी को इस बारे में मिले-जुले जवाब ही मिले हैं। कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले ऐसा हुआ करता था। कुछ विदेशी महिलाएं यहां आई थीं और कुछ खास मकसद लेकर आई थीं। लेकिन बहुत से लोगों ने इस बात को सिरे से नकार दिया। गांव के बुजुर्ग इसे अफवाह बता रहे हैं।

कितने दमदार है आर्य जीन

ब्रोकपा समुदाय की अनोखी शक्ल-सूरत और कद-काठी ने उन्हें हमेशा बाकी लोगों से अलग किया है। लेकिन वैज्ञानिक और इतिहासकार इस बात को नहीं मानते कि वो सीधे आर्य वंशज हैं। अब तक की डीएनए रिसर्च और ऐतिहासिक प्रमाणों में ऐसा कुछ नहीं मिला है जो इस दावे को सच साबित करता हो।

ऐसे चर्चा में आई आर्यन वैली

ब्रोकपा समुदाय के लोग ‘रूफ ऑफ द वर्ल्ड’ कहे जाने वाले लद्दाख की आर्यन वैली में रहते हैं। दारचिक, दाह, हानू, गरकॉन और बियामा जैसे गांव इस समुदाय के गढ़ माने जाते हैं। इन लोगों का दावा है कि ये सीधे आर्यन वंशज हैं। पिछले दिनों ट्रैवल ब्लॉगर सौमिल अग्रवाल ने आर्यन घाटी के इस प्रेगनेंसी टूरिज्म को लेकर एक वीडियो शेयर किया। सौमिल ने इन गांवों में जाकर सीधे निवासियों से यह पूछा कि इन दावों में कितनी सच्चाई है।

पर्यटकों को आकर्षित करने का तरीका

वहीं कुछ जानकार यह भी मानते हैं कि इन कहानियों को जानबूझकर रोचक बनाया गया है। जिससे यहां ज्यादा से ज्यादा पर्यटक आएं। क्योंकि ‘शुद्ध आर्य’,‘प्रेगनेंसी टूरिज्म’ जैसे शब्द सुनते ही लोगों की उस जगह को लेकर दिलचस्पी बढ़ जाती है। ब्रोकपा गांवों की असली खासियत उनका रहन-सहन, संस्कृति और वो किस्से-कहानियां हैं, जो पीढ़ियों से चलती आ रही हैं।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...