Peer Pressure in Teenagers: हाल ही में क्रिमिनल जस्टिस सीजन 3 के एक दृश्य में देखा कि टीवी जगत में नाम कमा चुकी टीनएज अदाकारा जारा किस तरह दोस्तों के मजाक उड़ाने के बाद पेरेंट्स से छुपकर लेट नाईट पार्टी में जाती है। यही नहीं पार्टी में दोस्त उसे कम न समझे इसलिए ड्रिंक भी करती है। इस दृश्य को देख यही लगा कि कम उम्र में बच्चे प्रेशर में आकर कई बार गलत कदम भी उठा सकते हैं। टीनएज उम्र का वो पड़ाव है जहां बच्चे खुद ही सब कुछ करना पसंद करते हैं। वे पेरेंट्स की छाँव से बाहर निकल दुनिया में अपनी पहचान बनाने की शुरूआत करना चाहते हैं। इस उम्र में ज्यादातर बच्चे पेरेंट्स से ज्यादा दोस्तों के साथ समय बिताना और उनके हिसाब से काम करना शुरू कर देते हैं। दोस्तों और स्कूल में बेस्ट होने की चाह और आज के अधिक स्पर्धा वाले माहौल में वे कब एक अनचाहे दबाव तले दब जाते हैं पता ही नहीं चलता। पियर प्रेशर का असर सकारात्मक और नकारात्मक हो सकता है। कई बार उन्हें अपने लुक्स और बॉडी की वजह से भी दोस्तों के मजाक को सहना पड़ता है। तो कई बार वे अपने दोस्तों की अच्छी आदतों से प्रभावित होकर खुद में इम्प्रूवमेंट कर आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं। ऐसे में पेरेंट्स अपने टीनएज बच्चों की इस पियर प्रेशर से बचने और निपटने में मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि बच्चों के पियर प्रेशर को किस तरह समझें और उनकी मदद करें।
सकारात्मक पियर प्रेशर
बच्चों का अपने दोस्तों से प्रभावित होना बहुत आम सी बात है। वे दोस्तों की तरह काम करना और उनकी तरह की गतिविधियों में भाग लेने की कोशिश करते हैं। वे अपने दोस्तों के बीच अलग नहीं दिखना चाहते हैं। कई बार ऐसा होता है कि अगर उनका कोई दोस्त पढाई में या खेलकूद में अच्छा है तो वे उसकी तरह ही पढाई या खेल में अच्छा प्रदर्शन कर उसे अपनी काबिलियत साबित करने की कोशिश करते हैं। या ऐसी ही कई अन्य गतिविधियां हो सकती हैं जो जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। सकारात्मक प्रभाव के बारे में बात करें तो वे कुछ इस प्रकार के हो सकते हैं
- पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन देखने को मिल सकता है।
- अचानक किसी नई एक्टिविटी को सीखने की कोशिश।
- खेल और अन्य करिकुलम एक्टिविटी में भाग लेना।
- पढ़ाई से जुड़े कामों को बेहतरीन ढंग से करना।
नकारात्मक पियर प्रेशर
कभी कभी दोस्तों के बीच अपनी छवि बनाने या उनसे खुद को किसी तरह कम समझने की वजह से बच्चे नकारात्मकता से घिर जाते हैं। कई बार वे दोस्तों के बीच कूल दिखने के लिए या मॉडर्न दिखने के लिए दोस्तों की तरह काम करने लगते हैं। ऐसे में वे सही और गलत को समझने की बजाय दोस्तों के बीच खुद को उनकी तरह दिखाने के लिए कई बार गलत काम भी करने लगते हैं। बच्चों में नकारात्मक पियर प्रेशर की वजह से किए जाने वाले कुछ काम ये हो सकते हैं
-स्कूल या कॉलेज बंक करना
– धूम्रपान या नशीले पदार्थ का सेवन
– शराब या बियर को ट्राई करना
– सुंदर दिखने के लिए बिना जानकारी के ब्यूटी प्रोडक्ट या टिप्स अपनाना
– वजन कम करने के लिए डाइटिंग करना
-एग्जाम में नकल करना
– सफलता के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाना
पेरेंट्स अपने बच्चों की बेहतर जिंदगी के लिए हर प्रयास करते हैं। ऐसे में उन्हें बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत और सही-गलत में चुनाव करने की समझ देना भी बेहद जरूरी है। उम्र के इस दौर में जब बच्चे दुनिया एक्सप्लोर करने के लिए तैयार होते हैं तो पेरेंट्स उन्हें किसी भी मोड पर पियर प्रेशर से बचने के लिए भी तैयार करना चाहिए। आइए जानते हैं कि किस तरह अपने बच्चों को पियर प्रेशर से निपटने के लिए तैयार कर सकते हैं_
बच्चों को न कहना सिखाएं

बच्चों की हर बात न तो पेरेंट्स को माननी चाहिए और यही अपने बच्चों को भी सिखाना चाहिए। कि अगर उन्हें कोई बात या काम करने का मन नहीं हैं या वो बात उन्हें समझ नहीं आ रही तो दोस्तों के कहने पर वो काम न करें। उन्हें समझाएं कि हो सकता है आपके दोस्त उस वक्त आपको टीज करें लेकिन किसी के दबाव में कोई काम करने से बाद में पछताने से बेहतर है कि उस समय वे न कहें।
सही दोस्त चुनें

अगर आपका बच्चा अपने किसी दोस्त के साथ सहज महसूस नहीं करता या उसका कोई दोस्त उसे नीचा दिखाता है तो वह उसके लिए सही दोस्त नहीं है। बच्चों को सिखाएं कि दोस्तों का चुनाव करते समय किन बातों का ध्यान रखें। अगर उन्हें किसी के साथ अच्छा नहीं लग रहा तो वे उनसे दूरी बना लें।
नजरअंदाज करना सीखें
बच्चों को बताएं कि जरूरी नहीं है कि वे अपने दोस्तो की तरह हर काम करें। अगर आपका कोई दोस्त गलत गतिविधियों में शामिल है तो उसका हिस्सा नहीं बनना चाहिए। बहुत सी ऐसी बातें जीवन में होंगी तो उन्हें नजरअंदाज कर वे जो हैं वैसे ही रहें किसी को देखकर खुद को बदलने की कोशिश न करें।
बच्चों से बात करें

इस उम्र में बच्चे अपने पेरेंट्स से बातें छुपाते हैं। इसकी वजह होती है कि वे हर समय पेरेंट्स की सलाह सुनने को तैयार नहीं होते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को चाहिए कि वे अच्छे लिसनर बनें और अगर कोई बात बच्चा शेअर करता है तो उसी वक्त सही और गलत समझाने की कोशिश न करें। इस उम्र में बच्चों से बात करना बेहद जरूरी है जिससे आप जान सकें कि बच्चे की जिंदगी में क्या हो रहा है।
खुद से प्यार करना सिखाएं
आजकल बच्चे बॉडी शेमिंग की वजह से जल्दी ही स्ट्रेस या एंजाइटी का शिकार हो जाते हैं। बच्चों को वे जैसे हैं वैसे ही खुद को प्यार करें ये बात सिखाएं। वे अपने किसी दोस्त या कई बार तो सेलिब्रिटीज की तरह खूबसूरत दिखने की कोशिश में कई बार खुद को कम आंकने लगते हैं। ऐसे में उन्हें उन सेलिब्रिटीज के बारें में बताएं जो देखने में कम अच्छे हैं लेकिन वे सफल हुए हैं।
