Parenting Tips: हमारे समाज में सौतेली मांओं को सामान्य तौर पर अच्छी मां नहीं समझा जाता। टीवी और सीरियलों में भी सौतेली मां को एक बुरी मां की तौर पर दिखाया जाता है जो अपने बच्चे को मारती है, उसे खाना नहीं देती और उससे घर के सारे काम करवाती है। ऐसे में जब असल जिंदगी में जब कोई महिला सौतेली मां बनती है तो उसकी अग्निपरीक्षा दोगुनी हो जाती है। एक तो किसी और के बच्चे के करीब जाना और दूसरा उसके साथ हमेशा सोच-समझकर व्यवहार करना। क्योंकि उसकी एक छोटी सी गलती या थोड़ी सी ऊंची आवाज, उसे बच्चे के नजर में एक बुरी मां बना सकने के लिए काफी होती है।
भले ही अपने मां-पिता बच्चे को जी भर कर पीटते हों और उससे घर का सारा काम करवाते हों, लेकिन अगर सौतेली मां थोड़ी सी भी ऊंची आवाज में बात कर लेती है तो वह बुरी मां बन जाती है। इसलिए सौतेली मां होना एक आसान रिश्ता नहीं माना जाता है। क्योंकि उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप वास्तव में कैसी इंसान हैं। बल्कि लोग खुद ही आपके बच्चे के प्रति आपके व्यवहार को देखकर खुद आप के बारे में सोचने लगते हैं और आपके बारे में राय बनाने लगते हैं। आप भले ही बच्चे को उसके अच्छे के लिए उसे डांट रही होंगी लेकिन आसपास के लोग बातें बनाने लग जाएंगे कि आपका अपना बच्चा नहीं है इसलिए उसे डांट रही हैं। इन बातों को सुनने के बाद आपका बच्चा भी यही सोचना शुरू कर देगा। इससे आपका बच्चा तो आपसे दूर होगा ही लेकिन इससे भी ज्यादा बुरा यह होगा कि बच्चे के पिता अर्थात आपके पति को भी ऐसा ही लगने लगेगा कि आपका उनके बच्चे के प्रति व्यवहार अच्छा नहीं है।

समाज नहीं भूलने देता सौतेला शब्द
मान लेते हैं कि आपने कोशिश कर के अपने अच्छे व्यवहार से किसी भी तरह से अपने पति व सौतेले बच्चे के बीच तालमेल बैठा भी लिया तो भी ये समाज आपको इस शब्द को भूलने नहीं देगा कि आप एक सौतेली मां है। आप जहां भी जाएंगी या जो भी करेंगी उसे दुनिया गलत ही तरीके से देखेगी और बच्चों को सहानुभूति नजरों से देखेगी। इससे आपके ना चाहते हुए भी आपके बच्चे पर बाहरवालों के बातों का प्रभाव पड़ेगा, जिससे कि आपके और बच्चे के बीच खटास आ जाएगी।
तो अगर आप भी सौतेली मां हैं तो इन गलतियों को करने से हमेशा बचें। ये गलतियों ना करने से आपका बच्चा आपके करीब आएगा और आप एक अच्छी मां साबित होंगी।
ज्यादा ना सोचें
किसी भी चीज के लेकर ज्यादा ना सोचें। खासकर तो जब ये दो लोगों से बनने वाला रिश्ता हो। आप शादी होने के दिन से केवल पत्नी नहीं बनने वाली हैं बल्कि आप मां भी बनने वाली हैं तो इसके बारे में ज्यादा ना सोचें और ज्यादा तैयारी ना करें। क्योंकि आप जितना अधिक सोचेंगी उतनी ज्यादा चीजें आपको नर्वस करेंगी और आप शादी होने की खुशी मना नहीं पाएंगी। इससे आपके चेहरे पर कोई खुशी नहीं दिखाई देगी। जो सामने वाले को भी महसूस हो जाएगा कि आप खुश नहीं है जो शादी के माहौल को खराब कर सकता है। इसलिए ज्यादा ना सोचें और किसी भी चीज के लिए बेवजह सोचकर परेशान ना हों। केवल अपनी शादी और आने वाली खुशियों के बारे में सोचें।

बहुत अधिक एक्साइटेड ना हो
ज्यादा एक्साइटेड भी ना हो। सामान्य तौर पर लड़कियां अपनी शादी को लेकर काफी एक्साइटेड होती हैं जो कि अच्छी बात है। लेकिन बच्चे को लेकर भी ज्यादा एक्साइटेड होना सही नहीं है। क्योंकि आप अपने होने वाले पति से तो मिल चुकी हैं और आपको मालूम है कि वे कैसे इंसान हैं। वहीं आप बच्चे से अभी तक नहीं मिली है तो ऐसे में उसके साथ लेकर अपने रिश्ते को लेकर प्लानिंग करना सही नहीं है। क्योंकि अच्छी मां बनने के बारे में सोचना और उसके लिए पूरी प्लानिंग करना अच्छी बात है, लेकिन ज्यादा भी जल्दबाज़ी करना ठीक नहीं हैं। क्योंकि आपके लिए तो वह नया रिश्ता है तो आपका एक्साइटेड होना समझ में आता है लेकिन बच्चे के लिए वह नया रिश्ता नहीं है। उसकी जिंदगी में उसकी मां थी पहले।
ऐसे में इस सच को समझें और कुछ भी करने या सोचने से पहले हमेशा इस सच को अपने दिमाग में रिवाइंड करते रहें कि उस बच्चे की मां थी पहले। इसलिए हो सकता है कि यदि आप अच्छी मां बनने के लिए उतावलापन दिखाएंगी तो हो सकता है कि लोग इसे आपका नाटक समझ लेंगे और चीज़ें कभी ना सही हों।
ज्यादा कोशिश ना करें
किसी भी चीज के लिए ज्यादा कोशिश ना करें। खासकर तो किसी बच्चे की मां बनने के लिए ज्यादा कोशिश करने की जरूरत नहीं है। इसे इस तरह से समझें। जैसे कि आप प्रेग्नेंट होती हैं और फिर मां बनती हैं तो चीजें अपने आप होती चली जाती हैं। आपने कुछ सोचा नहीं होता है कि उसे ऐसे खिलाएंगी, उसको ऐसे सुलाएंगी…वगैरह-वगैरह।
इसी तरह इस नए बच्चे को लेकर भी ज्यादा कोशिश ना करें। शादी के बाद भी उससे ज्यादा बात करने की कोशिश ना करें। हल्की-फुल्की बातें करें। अगर वह आपसे बात करने में कम्फर्टेबल नहीं है तो ज्यादा बातें भी ना करें। इस बात को समझें कि वह उसका अपना घर है और आप उस घर में नई सदस्य हैं। ऐसे में उस बच्चे को भी समय दें और खुद भी चीजों को समझने के लिए समय लें।
पसंद-नापसंद को ज्यादा जानने की कोशिश ना करें
बच्चे को हर चीज के लिए ना पूछें और ना ही उसे रोके-टोके। उसकी खुद की लाइफ है और उसे उसके हिसाब से जीने दें और उसके स्पेस का मान रखें। घर में जाते ही बच्चे की पसंद-नापसंद को जानने की कोशिश ना करें। क्योंकि इससे बच्चे को लगेगा कि आप उसकी जिंदगी में दखल दे रही हैं और वह आपके पास आने के बजाय दूर चले जाएगा।
दोस्त बनने की तो बिल्कुल भी कोशिश ना करें
आप आज की जेनरेशन की हैं तो यह सोचकर ज्यादा फ्रेंडली ना हों। आप बच्चों की दोस्त तब बन सकती हैं जब बच्चे आपको दोस्त बनाना चाहें। अगर आप एक तरफा कोशिश करेंगी तो बच्चा इरिटेट हो जाएगा और शायद आपसे दूर भी। वहीं आपका भी दिल टूट जाएगा। इसलिए बच्चे की निजी ज़िंदगी में ज़रूरत से ज्यादा अधिक इन्वॉल्व होने की कोशिश ना करें।
अपने पति को नजरअंदाज ना करें
सबसे जरूरी सलाह- अपने सौतेले बच्चे के करीब जाने के चक्कर में अपने पति को नजरअंदाज ना कर दें। याद रखें आप और आपके पति का रिश्ता पहले है। इसलिए उस रिश्ते को संभालें। जिस तरह से शादी के बाद हर लड़की अपने पति के साथ ज्यादा समय बिताना चाहती है उसी तरह से एक लड़का भी शादी के बात अपने पति के ज्यादा समय बिताना चाहना पसंद करता है। इसलिए एक दूसरे की पसंद की इज्जत करें और सबस पहले एक-दूसरे को समय दें।

नार्मल व्यवहार करें
बाद बाकि बच्चा तो धीरे-धीरे आपके करीब आ ही जाएगा। आपको केवल इस बात का ख्याल रखना है कि आप किसी भी चीज की ज्यादा कोशिश ना करें और किसी भी चीज को लेकर ज्यादा एक्साइटेड ना हों। केवल अपने बच्चे से उसी तरह व्यवहार करें जैसे आप सामान्य तौर पर हर किसी के साथ करती हैं। बिना खास तैयारी किए। अगर ज्यादा सोच-समझ के व्यवहार करेंगी तो यह उसे बनावटी लगेगा और वह आपके करीब आने के बजाय दूर चले जाएगा।