फ्लाई बॉय एयर सफारी गुडगांव :-
Traveling with Kids: हर कोई, कई बार तो जरूर नीले आकाश के बीच उन्मुक्त वातावरण में खुद को घूमते हुए देखना चाहता है और इसके लिए, फ्लाई बाय सफारी काफी अच्छी है। बच्च्चों के लिए, भी यह बहुत अच्छी है, उन्हें एक बिल्कुल नई दुनिया का आभास होगा और बच्चें खुद को आकाश में पक्षी की तरह उड़ते हुए पाएंगे।
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शिखर एडवेंचर पार्क गुडगांव :
यहां बच्चों को दिया बनाना ,दीवार पर चढऩा, कमांडो रेंगने, कमांडो नेट, गड्ढे कूदना, स्वच्छ कूदना और टार्जन स्विंग, मिट्टी के बर्तन बनाना, ट्रैक्टर की सवारी आदि सिखाया जाता है- गर्मियों में यहां आने पर बच्चों को काफी अच्छी बातों का ज्ञान हो जाता है और वापस कैंपिंग खत्म होने के बाद स्कूल खुलने पर यह सब वह अपने नए दोस्तों को शेयर करेंगे। यहां कारपोरेट पैकेज और एजुकेशनल पैकेज भी मिलते हैं।

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कैंप वाइल्ड कींनर फरीदाबाद:-
यहां पर रॉक क्लाम्बिंग, रैपलिंग लोमड़ी, नदी पार करना, चट्टान कूदना, जोरबिंग, साइकिल चलाना आदि का आनंद बच्चे गर्मियों के दिनों में ले सकते हैं और अपने अनुभव या हुनर को भी दिखा सकते हैं। यहां पर आने के लिए कुछ खास मेहनत नहीं करनी पड़ती है क्योंकि ये दिल्ली के बहुत करीब है।
हासुर, कर्नाटका :-
यहां बच्चों के लिए कैम्प आयोजित किए जाते हैं, जिसमें कई पैकेज होते हैं, जो तीन दिन से 5 दिन तक के भी हो सकते हैं। यहां बच्चे प्रकृति को बहुत ही करीब से देखते हैं। बच्चों को यहां शुरूआत में पूरे एरिये से पहचान कराई जाती हैं। उन्हें यहां सुरक्षित रहने के टिप्स भी शुरूआत में ही समझा दिए जाते हैं और यह भी बता दिया जाता है कि अगर किसी मुसीबत में फंस जाएं तो कैसे बाहर निकलें। फार्म पर पाले हुए जानवरों और पेट्स के साथ मिलवाया जाता है। इसके बाद वाइल्ड ट्रेल्स पर काम आने वाले कैमरा ट्रैपिंग और स्लैक लाइनिंग को सिखाया जाएगा। एवियन प्रेमी लोगों के लिए बर्ड-वॉचिंग सेशन होंगे जिसमें बड्र्स की पहचान बताने के लिए सेशन होंगे और सही इक्विपमेंट्स इस्तेमाल करना सिखाया जाएगा। इसके अलावा स्कैवेंजर हन्ट्स होंगे और डिप नेटिंग के साथ एक्वेटिक एक्प्लोरेशन होगा। स्क्रैप बुकिंग और मेले में रखी जाने वाली चीजें भी बनाई जाएंगी।

इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन, साउथ कैंपस :-
यहां बच्चों को रॉक क्लाइम्बिंग करने का अच्छा अनुभव मिलता है। इसको करने से बच्चे के शारीरिक शक्ति का परीक्षण हो जाता है यह कृत्रिम रॉक क्लाम्बिंग इच्छा शक्ति परीक्षण दे सकते हैं। बच्चों को गर्मियों में यहां अवश्य जाना चाहिए। यहां बच्चों को जींस और कैजुअल ड्रेस पहनना मना है। बच्चें को यहां टी-शर्ट और शार्टस पहनने पड़ते हैं। बच्चें को टाइट फीटिंग के बाटा क्लाइम्इिंग शूज या फिर राक क्लाइम्बिंग शूज पहनने होते हैं। अपने नाखून काटकर रखने पड़ते हैं।यह करने के लिए आपके हाथों और उंगलियों में दम होना चाहिए। चढ़ाई करते समय आपके पास बहुत कम सामान होना चाहिए जिसमें एक एक्स्ट्रा पेयर लोअर, टी-शर्ट, टॉवल, पानी की बोटल, कुछ नाश्ते का सामान, सनग्लासेज और एक फुटवियर जब आप चढ़ाई नहीं चढ़ रहे हों तब के लिए होना चाहिए।
वाइल्ड हाई नेशनल पार्क, तडोबा महाराष्ट्र :-
तडोबा का ये कैम्प स्पेशली बच्चें के लिए ही बनाया गया है। यहां बच्चों को जंगल के एटमोसफेयर से इस तरह रूबरू कराया जाता है कि उनका सारा डर निकल जाता है और पशु पक्षी उन्हें अपने दोस्त लगते हैं। साथ ही गाइड्स उनके साथ यहां इंटरैक्टिव लॄनग के जरिये प्राकृतिक इतिहास की भी चर्चा करते हैं। सीखने का तरीका यहां विजुअल है। बच्चों को यहां फोटोग्राफी के बेसिक्स भी सिखाए जाएंगे। तीन सफारियों में ओपन व्हीकल के साथ ये सभी गतिविधियां होती हैं। बच्चों के लिए स्टोरी राइटिंग और लॄनग प्रोग्राम भी होते हैं, जिसे जंगल के वातावरण को देखकर और अनुभव करके बच्चे खुद लिखते और बनाते हैं और यह कैसे किया जाता है यह उन्हें सिखाया जाता है। बंगाल टाइगर को भी यहां बच्चें को दिखाया जाता है और उसके बारे में बहुत सी जानकारी उन्हें दी जाती है.

कामशेट महाराष्ट्र :-
छोटे एडवेंचर के लिए महाराष्ट्र के कामशेट निकल जाएं।इस कैम्प में आपको फिजिकल एक्सरसाइज के साथ ब्रेन टीजर्स भी मिलेंगे। कयाकिंग, बर्मा ब्रिज क्रॉसिंग, जिपलाइनिंग और अन्य चीजें भी आप यहां सीख सकते हैं। यह एक फाउंडेशन प्रोग्राम है इसलिए लेवल भी आसान ही हैं। बच्चों को फायर मेकिंग, सेफ वॉटर गैदरिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, ट्रेकिंग, टेंट पिचिंग, कैम्प मेकिंग, टीम बिल्डिंग और कुकिंग जैसे सर्वाइवल स्किल्स भी सिखाए जाएंगे। यह लोनावला से 20 किलोमीटर की दूरी पर है और आपके बच्चों को बहुत अच्छा वातावरण देते हैं।
ऋशिकेश उतराखंड :-
उत्तराखंड के इस चार दिन और तीन रात के ट्रिप में वाइट-वॉटर रैफ्टिंग भी होती है। इसके अलावा कायाकिंग, जिपलाइनिंग,रॉक-क्लाइम्बिंग, योग, हाइकिंग, माउंटेन बाइकिंग और नेचर ट्रेल्स भी होंगे। अगर इस ट्रिप पर आप अपने बच्चों को अकेले भेजने में डरते हैंतो अच्छी बात यह है कि ये एक मदर-चाइल्ड वेकेशन है। यहां गंगा के पानी में बच्चे एडवेंचर का बढिय़ा लुत्फ ले सकते हैं।

मसूरी, उत्तराखंड :-
सूरी में घूमना सिर्फ बड़ों को ही नहीं बच्चें को भी खूब भाता है। यहां का मौसम इतना अच्छा रहता है कि अचानक से कब बादल हो जाएं और बारिश हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है। यहां बच्चों के लिए वैली क्रॉसिंग, रैपलिंग, रोप-क्लाइम्बिंग हैं। अगर आप जंगल एक्सप्लोर करना चाहते हैं तो यहां पाइन, ओक और देओदार जंगल में ट्रेक-थ्रू की व्यवस्था की जाती है।
