Child Sex Education: सेक्स एजुकेशन एक बहुत ही संवेदनशील विषय है, पर इसकी जानकारी होना उतना ही आवश्यक है। हमारे समाज में एक मिथ चला आ रहा है। सेक्स एजुकेशन से बच्चे बिगड़ जाते हैं, क्या आपको भी ऐसा लगता है? सेक्स एजुकेशन क्या है? सेक्स एजुकेशन के अंतर्गत हमें न सिर्फ सेक्स से जुड़े प्रश्नों के उत्तर प्राप्त होते हैं, बल्कि शरीर से जुड़े हमारे निजी अंगों की देखरेख रखरखाव की भी जानकारी प्राप्त होती है। तथा समय के साथ हम अपने निजी अंगों को समझ सके तथा सुरक्षित रह सके यह सभी जानकारियां सेक्स एजुकेशन के अंतर्गत आते हैं। सेक्स एजुकेशन को उम्र के अनुसार बांटकर बच्चों को इसके बारे में सिखाया जा सकता है। आज इस लेख में आप जानेंगे, बच्चों को किस उम्र में सेक्स एजुकेशन के बारे में क्या बताना जरूरी है। आईए जानते हैं;
पहले तीन वर्षों में
पहले तीन साल बच्चों के सीखने का प्रथम चरण है। इस समय बच्चों को उनके अंगों के नाम के साथ परिचित करवाया जाता है। ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि जिस तरह आप अपने बच्चों को नाक, मुंह, हाथ, पैर जैसे अंगों से परिचित करवाते हैं, उसी प्रकार सामान्य रूप से आप अपने बच्चों के प्राइवेट पार्ट्स के भी नाम से परिचित करवाएं, ताकि उनके लिए उनके शरीर के हर अंग की जानकारी लेना सामान्य बना सके।
तीन से आठ साल के बीच में
इस उम्र में बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में जानकारी दें। उन्हें बताएं कि शरीर के किन हिस्सों को टच करना बैड टच के अंदर में आता है। अपने बच्चों को यह भी बताएं कि इस तरह की असहज स्थिति होने पर उन्हें क्या करना चाहिए। साथ ही अपने बच्चों को अपने विश्वास में रखें, वह आपके साथ इस तरह की जानकारी साझा कर सके इसके लिए घर में सेक्स एजुकेशन का माहौल सामान्य रखें।
आठ से बारह साल में

इस उम्र में बच्चों के अंदर शारीरिक बदलाव की शुरुआत हो जाती है, तथा इसका उनके मानसिक तथा भावनात्मक रूप से भी प्रभाव पड़ता है। आपके बच्चे इन बदलावों को सहज लें, इसके लिए जरूरी है कि आप उनके साथ हो रहे बदलाव की वैज्ञानिक तर्क के साथ जानकारी दें। ताकि वह अपने शरीर के बदलाव को स्वीकार सके और मानसिक दबाव से बचे रहें।
बारह से अठारह वर्ष में
यह उम्र बच्चों का टीनएज कहलाता है। इस उम्र में बच्चों के अंदर सेक्स को लेकर अपने शरीर तथा अपने से अपोजिट सेक्स को लेकर जानने की बहुत ज्यादा क्यूरियोसिटी होती है। इस उम्र में माता-पिता को अपने बच्चों के साथ खुलकर बात करने की बहुत जरूरत होती है। इस उम्र में बच्चों को यौन संबंध के बारे में जानकारी देना, प्रजनन प्रणाली तथा यौन संक्रमित रोगों के बारे में जानकारी देना जरूरी है। इस उम्र में आप अपने बच्चों को यह जरूर सिखाएं की सेक्स में आपसी सहमति का होना बहुत जरूरी है, ताकि वह कोई गलत कदम ना उठाएं।
इस तरह बनाए सेक्स एजुकेशन को आसान
अगर आप अपने बच्चों के बचपन से ही उनके प्राइवेट पार्ट्स को सामान्य अंगों की तरह समझकर उसकी जानकारी उनके साथ साझा करेंगे तो आपके लिए सेक्स एजुकेशन के बारे में बात करना आसान होगा।
आप बच्चों को सेक्स एजुकेशन की जानकारी देने के लिए बच्चों के सिलेबस में लगे सेक्स एजुकेशन के टॉपिक की मदद ले सकते हैं। हमारा एजुकेशन सिस्टम बच्चों के सिलेबस में उनकी उम्र और स्टैंडर्ड के अनुसार सेक्स एजुकेशन की जानकारी देता है।
