Minimize Screen Time: छोटे हाथों में स्क्रीन की पकड़ गहरी होती जा रही है, लेकिन क्या यह सही है? बच्चों की सेहत और विकास के लिए डिजिटल डिटॉक्स जरूरी है। आइए जानें, स्क्रीन टाइम को संतुलित करने के आसान और असरदार तरीके!
आ जकल बच्चों को फोन की लत लग गई है। वे अपना ज्यादातर समय फोन, टैबलेट और
लैपटॉप पर बिताते हैं। उन्हें जैसे ही खाली समय मिलता है वे तुरंत फोन उठाते हैं और फोन में वीडियो देखना शुरू कर देते हैं। ज्यादा समय स्क्रीन पर बिताने से बच्चों के विकास और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वे ओवर-ईटिंग के शिकार होते हैं और उनकी नींद भी प्रभावित होती है। ऐसे में पेरेंट्स के लिए जरूरी है कि वे अपने बच्चों का स्क्रीन टाइम कम करें, ताकि वे फोन पर ज्यादा समय बिताने के बजाए अपना कीमती समय पढ़ाई और बाकि चीजों में लगा सकें।
आइए जानते हैं कि पेरेंट्स कैसे बच्चों का स्क्रीन टाइम कम कर सकते हैं।
क्या होता है ज्यादा स्क्रीन टाइम का बच्चों पर असर
भाषा पर पड़ता है प्रभाव
जब बच्चे स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने लगते हैं तो इसकी वजह से उनकी भाषा व हाव-भाव पर भी असर पड़ता है। वे स्क्रीन पर जो देखते हैं वैसा ही वास्तविक जीवन में भी व्यवहार करने लगते हैं।
पढ़ने की इच्छा होती है कम
कई शोध में यह बात कही जा चुकी है कि जो बच्चे ज्यादा टाइम स्क्रीन पर बिताते हैं, उन बच्चों में पढ़ने की इच्छा कम हो जाती है और उनका ध्यान भी पढ़ाई में नहीं लगता है।
नींद पर पड़ता है असर
स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू किरणें नींद से जुड़ी समस्याएं पैदा करती हैं, क्योंकि ये
स्लीप हॉर्मोन मेलाटॉनिन के रिसने में रुकावट होती है। धीरे-धीरे इसकी वजह से बच्चों को
नींद नहीं आती है और उनमें नींद नहीं आने की समस्या शुरू हो जाती है।
भावनात्मक रूप से होते हैं कमजोर

स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से बच्चों में इरिटेशन, फ्रस्ट्रेशन, चिंता और इंपल्सिव डिसॉर्डर्स की समस्या शुरू हो जाती है। कुछ बच्चों में ऐसा भी देखा जाता है कि वे एकदम वास्तविक दुनिया से दूर हो जाते हैं, उन्हें अकेले रहना अच्छा लगने लगता है। उसे समझ नहीं आता है कि दूसरों के सामने कैसे व्यवहार करना चाहिए।
सेहत पर पड़ता है नकारात्मक असर
जो बच्चे ज्यादा समय स्क्रीन पर बिताते हैं उन बच्चों में बिना सोचे-समझे खाने और अधिक खाने की संभावना ज्यादा हो जाती है। वे बच्चे अपने मस्तिष्क से पेट भर जाने के बारे में मिलने वाले महत्वपूर्ण संकेतों को नहीं पहचान पाते हैं। साथ ही वे स्क्रीन पर आने वाले जंक फूड के विज्ञापन द्वारा भी जल्दी प्रेरित हो जाते हैं और वही खाने की जिद भी करते हैं। जंक फूड और शुगर
ड्रिंक्स खाने से वे मोटापे के शिकार जल्दी हो जाते हैं। वे बाहर खेलने-कूदने नहीं जाते हैं,
जिसकी वजह से वे शारीरिक एक्टिविटी से दूर रहते हैं, जिससे उनका वजन काफी बढ़
जाता है। इसके साथ ही, अधिक स्क्रीन टाइम बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित
करती है, जिसकी वजह से उन्हें ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है।
क्या है बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम की सीमाएं
1. 2 साल से कम उम्र के बच्चों को फोन से दूर रखना चाहिए, उन्हें फोन कभी भी नहीं देना चाहिए।
2.अगर आपके बच्चे 2 से 4 साल के बीच के हैं तो बच्चों को एक घंटे से ज्यादा फोन का इस्तेमाल ना करने दें।
3.5 से 12 साल के बीच के बच्चों के लिए दो घंटे से ज्यादा का स्क्रीन टाइम नहीं होना
चाहिए।
4.कभी भी 13 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को दो घंटे से ज्यादा समय स्क्रीन पर नहीं
बिताना चाहिए।
कैसे करें बच्चों का स्क्रीन टाइम कम

बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम शेड्यूल तैयार करें
बच्चों को आप एकदम से फोन से दूर नहीं रख सकती हैं, क्योंकि पढ़ाई के लिए भी उनके लिए फोन का इस्तेमाल करना जरूरी होता है। वे पढ़ाई वाली चीजें भी फोन में देखते हैं, इसलिए आप उनके लिए एक शेड्यूल समय तय करें और उन्हें उसी समय में फोन का इस्तेमाल करने दें।
फोन में स्क्रीन टाइमर सेट करें
आपके बच्चे फोन का इस्तेमाल कम करें इसके लिए जरूरी है कि आप फोन में स्क्रीन टाइमर लगाएं, ताकि बच्चे फोन जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल ना कर पाएं। स्क्रीन टाइमर लगाने से स्क्रीन एक तय समय पर बंद हो जाता है, जिससे बच्चे फोन का ज्यादा इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं।
फोन में पेरेंट्स कंट्रोल का इस्तेमाल कर
बच्चों को फोन से दूर रखने के लिए आप फोन में पेरेंट्स कंट्रोल का इस्तेमाल करें
ताकि फोन आपके कंट्रोल में रहे और आपको पता रहे कि बच्चे फोन में क्या
देखते हैं।
स्क्रीन टाइम कम करने में पेरेंट्स की भूमिक
बच्चों के स्क्रीन टाइम को कम करने में पेरेंट्स की भूमिका अहम होती है। बच्चे घर में पेरेंट्स को जैसा करते देखते हैं, वे वैसा ही व्यवहार करते हैं, इसलिए बच्चों को सुधारने से पहले पेरेंट्स को खुद में भी बदलाव करना चाहिए। वे घर में अपने व्यवहार को नियंत्रित करके बच्चों के स्क्रीन टाइम को
सीमित कर सकते हैं। बच्चों के स्क्रीन टाइम को कम करने के लिए पेरेंट्स ये उपाय अपना
सकते हैं।
घर में फोन के लिए बनाएं नियम
अगर आप चाहती हैं कि आपके बच्चे फोन से दूर रहें तो आप घर में इसके लिए स्पष्ट नियम बनाएं और परिवार के सभी सदस्यों को इनका पालन करने के लिए कहें, ताकि बच्चे भी
इस नियम का पालन कर सकें।
बच्चों को खिलाने के लिए फोन का इस्तेमाल हरगिज ना करें
पेरेंट्स हमेशा बच्चों को खाना खिलाने के लिए फोन का इस्तेमाल करते हैं। वे बच्चों को फोन दे देते हैं ताकि वे फोन देखते रहें और पेरेंट्स उन्हें खाना खिला सकें। ऐसा करने से बचें, क्योंकि ऐसा करने से बच्चे गलत आदत सीखते हैं और जब उन्हें फोन नहीं मिलता है तो वे खाना नहीं खा पाते हैं।
स्क्रीन टाइम कम करने के अन्य विकल्प
बच्चे स्क्रीन पर ज्यादा समय इसलिए भी बिताते हैं क्योंकि उनके पास करने के लिए कुछ नहीं होता है। वे खाली समय में बोर होते हैं, इसलिए अपनी बोरियत दूर करने के लिए फोन देखते हैं। ऐसे में उन्हें स्क्रीन से दूर रहने के लिए आप ये कुछ हेल्दी विकल्प का चुनाव कर सकती हैं –
1.बच्चों का स्क्रीन टाइम कम करने के लिए बच्चों को परिवार के साथ समय बिताना सिखाएं। उन्हें बताएं कि परिवार के साथ समय बिताने के क्या-क्या फायदे होते हैं, ताकि वे अपने परिवार के सभी सदस्यों के साथ मजबूत रिश्ता बना सकें।
2.बच्चों को स्क्रीन से दूर रखने के लिए आप उनके साथ घर में बोर्ड गेम खेल सकती
हैं। ऐसा करने से वे व्यस्त रहेंगे।
बच्चों के सामने फोन का इस्तेमाल कम करें

ऐसा देखा जाता है कि पेरेंट्स अक्सर बच्चों के सामने बैठकर ही रील्स व शॉर्ट्स देखते हैं और हंसते हैं। जब बच्चे अपने पेरेंट्स को ऐसा करते देखते हैं तो फोन हाथ में आते ही वे भी ऐसा ही करने लगते हैं। इसलिए आप अब से बच्चों के सामने ऐसा करने से बचें, कभी भी उनके साथ मनोरंजन वाली चीजें ना देखें, ताकि आपको उन्हें फोन से दूर रखने में आसानी हो।
